लखीमपुर प्रकरण: मृतकों के परिजनों को सरकार देगी 45-45 लाख और सरकारी नौकरी

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई घटना के बाद किसानों और प्रशासन के बीच में चल रही वार्ता सफल रही है। दोनों ही पक्षों में मांगों को पूरा करने के बाद में सुलह हो गई है। सरकार के अधिकारियों ने किसानों की बात को मानते हुए कहा कि इस घटना की जांच के लिए सरकार की तरफ से रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जाएगा। इसके अलावा मृतकों के परिजनों को 45-45 लाख रुपये व घायलों को 10-10 लाख रुपये भी दिए जाएंगे। सरकार की तरफ से किसान बीमा योजना के तहत अलग से 5-5 लाख रुपये दिए जाएंगे। यह जानकारी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने दी। एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया है कि दोषियों के खिलाफ केस दर्ज हो गया है, जांच जारी है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
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वहीं, इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र ने कहा है कि न ही वो न ही उनका बेटा घटनास्थल पर मौजूद थे। वे हर तरह की जांच को तैयार है। मामले का सच जांच के बाद में सामने आ ही जाएगा। उन्होंने कहा कि मुझे इस तरह की घटना से फंसाने का प्रयास किया जा रहा है। किसान नेता राकेश टिकैत अराजकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। इस घटना के दौरान किसानों के बीच में कुछ उपद्रवी घुस आए जिन्होंने पूरी घटना को अंजाम दिया था।जनता की न सुनने वाले अफसरों को सीएम योगी आदित्यनाथ की चेतावनी
वहीं, इस मामले में किसान नेता राकेश टिकैत की प्रदेश सरकार के अधिकारियो से बंद कमरे में चर्चा हुई। राकेश टिकैत ने कहा इस घटना में मृतक हुए उनके परिजनों के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, मृतकों के परिजनों को 45 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग रखी। इसके अलावा मंत्री और उसके बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के अलावा, मंत्री पुत्र की गिरफ्तारी और मंत्री को बर्खास्त करने की मांग भी रखी गई। प्रशासन की तरफ से मुआवजे की मांग पूरी किए जाने के बाद में संयुक्त किसान मोर्चा के राकेश टिकैत ने एलान किया कि शव का पोस्टमार्टम होने दिया जाए। वहीं, उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर 10 घंटे में यह मांग पूरी न हुई तो बड़े आंदोलन की तैयारी की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
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