निर्भया की मां ने एक बार फिर लगाई गुहार, 'मेरी बच्ची की मौत का मजाक न बनाएं'
निर्भया केस में चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी की संजा होनी है लेकिन इससे बचने के लिए दोषी मुकेश सिंह व विनय कुमार ने हर तरह के कानूनी हथकंडे अपना लिए हैं। मुकेश ने क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी थी।
मुकेश के वकील कों का कहना है कि दया याचिका पर अभी तक फैसला नहीं आया है और फैसले के बाद किसी भी दोषी को 14 दिनों का समय दिया जाता है, लिहाजा उन्हें 22 जनवरी को फांसी नहीं दी जा सकती। फांसी को लेकर दिल्ली सरकार और बीजेपी के बीच लगातार आरोप-प्रत्यारोप का क्रम जारी हैं। बीजेपी का आरोप है कि केजरीवाल सरकार की वजह से दोषियों की फांसी में देरी हुई है। निर्भया की मां का कहना है कि राजनीतिक फायदे के लिए चारों दोषियों की फांसी रोकी जा रही है।
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निर्भया की मां ने की एक बार फिर अपील
उन्होंने कहा, 2012 में जब ये घटना हुई थी तो यही लोग हाथ में तिरंगा लिए और काली पट्टी बांधकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए रैलियां निकाल रहे थे, नारे लगा रहे थे और अब यही लोग मेरी बच्ची की मौत का खिलवाड़ कर रहे हैं। कोई कह रहा है कि आपने रोक दिया, कोई कह रहा है कि हमें पुलिस दे दीजिए मैं दो दिन में दिखाऊंगा, अब मैं जरूर कहना चाहूंगी कि ये अपने फायदे के लिए उनकी फांसी को रोके हैं। उन्होंने आगे कहा, हमें मोहरा बनाया गया है, इन लोगों के बीच में मैं पिस रही हूं।
मैं यही कहना चाहती हूं खासकर प्रधानमंत्री जी से कि आपने 2014 में बोला था कि बहुत हुआ नारी पर वार, अबकी बार मोदी सरकार। मैं हाथ जोड़कर कहना चाहती हूं कि एक बच्ची की मौत के साथ मजाक मत होने दीजिए और चारों मुजरिमों को 22 तारीख को फांसी पर लटकाइए और समाज को दिखाइए कि हम समाज के रखवाले हैं, हम महिलाओं को सुरक्षा दे सकते हैं।'
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