135 किमी लंबा ये एक्सप्रेस-वे कम कर देगा दिल्ली का प्रदूषण, जानिए इसकी खासियत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वल्लभगढ़ मेट्रो लिंक उद्घाटन किया। इसके चलते एस्टकॉर्ट्स मुजेसर राजा नाहर सिंह (वल्लभगढ़) सेक्शन पर 3.2 किलोमीटर मार्ग पर मेट्रो की आवाजाही शुरू हो गई है। दिल्ली मेट्रो का ये सेक्शन वायलेट लाइन पर कश्मीरी गेट एस्कॉर्ट्स मुजेसर कॉरिडोर पर मौजूद है। प्रधानमंत्री ने हरियाणा के गुरुग्राम में वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का भी उद्घाटन किया है। इस एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 135 किलोमीटर है। इसके बनने से दिल्ली को लोगों को जाम से राहत मिलेगी। दरअसल इसकी शुरुआत से दिल्ली में बाहर से आने वाले वाहन अलग मार्ग से ही निकल सकते हैं। बताया जा रहा है कि इस कुंडली मनेसर पलवल एक्सप्रेस-वे (केएमपी) के बनने से दिल्ली में बाहरी वाहनों से लगने वाले जाम में 40 फीसदी की कमी आएगी।
कई मायनों में है खास
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इस एक्सप्रेस-वे की खासियत की बात करें तो इससे दिल्ली वालों को बेहद राहत मिलने वाली है। जाम के अलावा प्रदूषण की सबसे बड़ी समस्या पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा। आपको बताते चलें कि इस एक्सप्रेस-वे परियोजना पर कुल 6400 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। जिसमें 3846 एकड़ जमीन का अधिग्रहण 2788 करोड़ रुपये से किया गया है। कुंडली से मानेसर तक इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई 83 किलोमीटर है। जिसमें 14 पुल, 56 अंडरपास, 07 इंटरसेक्शन और 07 टोल प्लाजा बने हैं। वहीं, मानेसर से पलवल तक पलेसर तक बने एक्सप्रेस-वे की लंबाई की बात करें तो ये 52 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबा है। 04 टोल प्लाजा वाले इस एक्सप्रेस-वे में 32 अंडरपास, 03 इंटरसेक्सर मौजूद हैं। इसको लेकर दिलचस्प बात ये है कि इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण वर्ष 2006 में शुरू हुआ था, लेकिन इसे 2014 तक निर्मित नहीं कराया जा सका। इस एक्सप्रेस-वे को अगले वर्ष 2019 में बनकर तैयार होना था, लेकिन ये इसी साल बनकर तैयार हो गया।
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