गरीब मजदूर को खुदाई में मिल गया 2.55 करोड़ रुपये का बेशकीमती हीरा

खदानों से वैसे तो बहुत कुछ निकलता है। आपने फिल्मों में भी खदानों से कच्चा माल निकालते मजदूरों को देखा होगा। फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर में कोयला निकालते खदान मजदूर आपको अच्छे से याद होंगे। हम आज आपको मध्य प्रदेश के एक ऐसे मजदूर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे कुछ ऐसा मिला है, जो अचानक से सुर्खियों में आ गया। मजदूर को खदान में खुदाई करते वक्त एक 42 कैरेट का बेशकीमती हीरा मिला है। आपको बता दें कि यह मजदूर मध्य प्रदेश के पन्ना के रहने वाले मोतीलाल प्रजापति हैं। उन्हें मिले इस हीरे की कीमत 2.55 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
पहले भी यहां मिला था हीरा
पन्ना के रहने वाले मजदूर मोतीलाल प्रजापति को यह हीरा मंगलवार 9 अक्टूबर को सुबह मिला था, जो 42 कैरेट 59 सेंट का बेशकीमती हीरा था। मोतीलाल से पहले भी एक शख्स को पन्ना में ऐसा ही बेशकीमती हीरा मिला चुका था। इससे पहले 1961 में पन्ना के रसूल मोहम्मद को 44 कैरेट का हीरा मिला था। पन्ना के आधिकारिक रिकॉर्ड के की माने तो इससे पहले रसूल को महुआटोला की उथली खदान में 44 कैरेट 55 सेंट का सबसे बड़ा हीरा मिला था।
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सरकारी खजाने में जमा कराया हीरा
खदान से मिले इस हीरे को सरकारी खजाने में जमा कर दिया गया है। अब इसे नीलाम किया जाएगा, जिसके बाद रॉयल्टी काटकर पूरी रकम मोतीलाल प्रजापति को दे दी जाएगी। हीरा मिलने से खुश मोतीलाल और उसके भाई रघुवीर प्रजापति बताते हैं कि यहां कुछ लोग हीरे की खोज में पूरी जिंदगी खदान में बिता देते हैं, उसके बावजूद उन्हें कोई हीरा नहीं मिलता। लेकिन इस मामले में वह काफी खुशकिस्मत हैं। जिन्हें केवल डेढ़ महीने की मेहनत में ही यह बेशकीमती हीरा मिल गया है। मोतीलाल प्रजापति का कहना है कि उन्हें अभी भी यकीन नहीं हो रहा कि उनकी किस्मत बदल चुकी है। जल्द ही वह करोड़पति बन जाएंगे। फिलहाल मोतीलाल के घर में शुभकामनाएं देने वालों की भीड़ लगी हुई है।
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पन्ना से 8 किमी दूर चलाते हैं खदान
मोतीलाल बताते हैं कि वह मध्य प्रदेश के पन्ना से 8 किलोमीटर दूर कृष्णा कल्याणपुर गांव के रहने वाले हैं। वह यहीं हीरा खदान चलाते हैं। उन्होंने बताया कि इस खदान को चलाते हुए उन्हें केवल डेढ़ महीने ही हुआ है। उन्होंने यह बहुमूल्य हीरा पन्ना स्थित देश के एकमात्र हीरा कार्यालय में जमा कर दिया है। यहां उन्हें बताया गया कि 57 साल बाद दूसरा सबसे बड़ा जैम क्वॉलिटी का नायाब हीरा उन्हें मिला है। हालांकि पिछली बार मिला हीरा मोतीलाल को मिले हीरे से भी ज्यादा बेशकीमती था। हीरे की गुणवत्ता व कीमत का अंदाजा उसके कैरेट व साइज से ही लगाया जाता है। इसी के अनुसार उसकी कीमत निर्धारित की जाती है।
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