कोरोना : लॉकडाउन के बाद चंद महीनों में ऐसे पटरी पर आएगी भारत की अर्थव्यवस्था
Posted By: Ashutosh Ojha
Last updated on : April 15, 2020
कोरोना के बाद भारत ने लॉकडाउन का पालन करना शुरू किया, और देखते ही देखते लॉकडाउन टू भी भारत में घोषित हो गया। इन सबके बीच एक चीज थी जो लोगों के लिए बहुत चिंता का विषय बनती चली गयी। और वो थी भारत की अर्थव्यवस्था।
इसी मामले में इंडस्ट्री चैंबर्स और इकॉनमिस्ट्स ने उम्मीद जताई है कि सरकार जल्द ही कुछ सेक्टरों में कामकाज करने की छूट देगी। 3 मई तक स्थिति पर काबू पा लिया जाएगा। लॉकडाउन खुलने के बाद अगर सही कदमों के साथ आगे बढ़ा गया तो 8 से 9 महीने में इकॉनमी को सुधारा जा सकता है और इसे सामान्य स्थिति में लाया जा सकता है।
इंडस्ट्री चैंबर एसोचैम के सेक्रेटरी जनरल दीपक सूद ने एक दैनिक अखबार से बातचीत में कहा, सरकार को अब इकॉनमी की तरफ भी फोकस करना चाहिए। कुछ सेक्टरों में कुछ नियमों के साथ कामकाज शुरू करने की अनुमति देनी चाहिए। अगर 3 मई को लॉकडाउन खुलने के बाद सरकार ने सेक्टरों के लिए राहत पैकेज की घोषणा कर दी तो आठ से नौ महीनों में इकॉनमी पटरी पर आ जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार को इस काम के लिए रिजर्व बैंक के पास पड़े सरप्लस मनी के इस्तेमाल में भी संकोच नहीं करना चाहिए।
इकॉनमिस्ट अरुणा शर्मा का मानना है कि लॉकडाउन से ग्रामीण और शहरी इकॉनमी को काफी झटका लगा है। सरकार को जल्द इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाकर वहां पर गतिविधियां बढ़ानी चाहिए।
नैस्कॉम के अनुसार, IT-BPM इंडस्ट्री ने हाइजीन, सैनिटाइजेशन पर सभी सावधानियां बरतने पर प्रतिबद्धता जताई है और क्रिटिकल सेवाओं को जारी रखने के लिए इंडस्ट्री और कर्मचारियों को सभी जरूरी दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है।
CII के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा है कि प्रधानमंत्री ने 20 अप्रैल के बाद लॉकडाउन से बाहर निकलने के लिए निर्देश भी दिया है, जिससे उद्योगों को बेहतर योजना बनाने में मदद मिलेगी। फिक्की की असिस्टेंट सेक्रेटरी जनरल शोभा मिश्रा ने उम्मीद जताई कि कोरोना के कारण निश्चित रूप से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में GDP ग्रोथ प्रभावित हो सकती है, लेकिन हमें अगली दूसरी और तीसरी तिमाही की ग्रोथ को बेहतर बनाने की तरफ कदम उठाने पड़ेंगे। इस काम को सरकार और इडंस्ट्री मिलकर कर सकते हैं। आपको बता दें कि विश्वभर में कोरोना के संक्रमितों की संख्या 20 लाख से ज्यादा हो गई हैं। कोरोना से पूरे विश्व में मरने वालों का आंकड़ा 1 लाख 26 हजार तक पहुँच गया। कोरोना से सबसे ज्यादा शिकार अमेरिका में लोग हुये।
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