भारत में वर्ष 2030 तक 6G सेवा लॉन्च करने की तैयारी चल रही है। बुधवार को इंडिया मोबाइल कांग्रेस में 6G पर आयोजित कार्यक्रम में टेलीकॉम मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि 6G सेवा से जुड़ी तकनीकि के विकास के लिए भारत में प्रचुर अवसर हैं। सिंधिया ने कहा कि 6G सेवा तहत इंटरनेट की स्पीड अभूतपूर्व होगी और इसकी गुणवत्ता भी सर्वश्रेष्ठ होगी।
संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि हमारी 6G सेवा के मानक और नियामक ऐसे होने चाहिए जिससे सभी को सस्ते दाम पर यह सेवा उपलब्ध हो सके। तभी सही मायने में इसका लाभ मानव जाति को मिल सकेगा। 6G सेवा से जुड़ी तकनीकि के विकास के लिए भारत में प्रचुर अवसर हैं।
2030 तक भारत लॉन्च करेगा 6G सेवा
देश में 2030 तक 6G सेवा को शुरू करने की तैयारी है। संचार मंत्रालय के अधीन काम करने वाली सेंटर फार डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) ने तो 6G से संबंधित विभिन्न अनुसंधान पर काम शुरू कर दिया है।
सी-डॉट के 6G इनोवेशन लैब में रिकनफिगुरेबल इंटेलिजेंट सरफेस (आरआईएस) जैसी कई तकनीकि पर अनुसंधान किया जा रहा है। आरआईएस की मदद से पहाड़ी इलाके में भी आसानी से 6G सेवा पहुंचाई जा सकेगी।
6G के तहत मिलेगी अभूतपूर्व इंटरनेट स्पीड
टेलीकॉम मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि 6जी सेवा के तहत इंटरनेट की स्पीड अभूतपूर्व होगी और इसकी गुणवत्ता भी सर्वश्रेष्ठ होगी, लेकिन इसका फायदा तभी है जब यह सब के लिए उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा 6G सेवा इस्तेमाल करने वालों की साइबर सुरक्षा का भी पुख्ता इंतजाम करना होगा।
भारत के 98 फीसदी शहरों में पहुंचा 5G
6G से जुड़ी तकनीकि में भारत अपना अहम योगदान इसलिए भी दे सकता है क्योंकि विज्ञान, इंजीनियरिंग, टेक्नोलाजी व गणित से जुड़े दुनिया के 31.7 ग्रेजुएट्स भारत में हैं। फिलहाल भारत में 5G का प्रसार हो रहा है और 98 प्रतिशत शहरों में 5G सेवा बहाल हो गई है और 13 करोड़ से अधिक लोग 5G सेवा का इस्तेमाल कर रहे हैं।
भारत दुनिया में करेगा 6G का नेतृत्व
वर्ष 2022 के अक्तूबर माह में 5G सेवा की शुरुआत भारत में की गई थी जबकि दुनिया के कई देशों में 5G सेवा में 2019-20 में ही कर दी गई थी। लेकिन भारत 6G सेवा में दुनिया का नेतृत्व करना चाहता है और घरेलू स्तर पर ऐसी तकनीकि विकसित करना चाहता है जिसे दुनिया में बेचा जा सके।
संचार मंत्रालय इस काम में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सहयोग ले रहा है। इसके तहत ही भारत 6G एलायंस ने यूरोप के 6G स्मार्ट नेटवर्क व सर्विस इंडस्ट्री एसोसिएशन के साथ समझौता किया है।
डिजिटल स्मार्ट सिटी रैंकिंग में श्रीनगर शीर्ष पर, मुंबई-दिल्ली को भी पछाड़ा
मोबाइल इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में मुंबई, दिल्ली या गुरुग्राम जैसे शहर से अधिक स्मार्ट शहर श्रीनगर और आगरा हैं। बुधवार को इंडिया मोबाइल कांग्रेस में ओपन सिग्नल की तरफ से भारतीय शहरों की डिजिटल रेडिनेस रैंकिंग जारी की गई जिसमें दिल्ली 13वें स्थान पर पाई गई। श्रीनगर पहले नंबर पर तो आगरा और फरीदाबाद दूसरे व तीसरे पायदान पर रहे। जयपुर चौथे तो पटना व रांची पांचवें स्थान पर रहे। इस रैंकिंग को जारी करने के लिए शहरों में मोबाइल इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधा की पड़ताल की गई। 4G व 5G सेवा की उपलब्धता, सतत गुणवत्ता व डाउनलोड स्पीड को मुख्य मानक बनाया गया।
देश में 6G से क्या होंगे बदलाव
- स्मार्ट शहरों और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में आएगा बड़ा बदलाव।
- एआई के जरिए पल भर में टाइपिंग से लेकर डाटा सर्च करने के काम आसान होंगे।
- बैंकिंग, पढ़ाई, मनोरंजन और हेल्थ चेकअप जैसे कामों सें मोबाइल का इस्तेमाल अधिक तेजी से बढ़ेगा।
- रियल टाइम मॉनिटरिंग और रियल टाइम अलर्ट भेजना संभव होगा।
- टाइपिंग का झंझट खत्म होगा। सब कुछ वॉयस कमांड से संभव होगा।
- ऑटोमोबाइल, कृषि से लेकर अन्य क्षेत्रों में कार्य क्षमता का विस्तार होगा।
- तमाम क्षेत्रों में रोबोट के जरिए बड़े कार्य कराने में मदद मिलेगा।
भारत में 5G की मौजूदा स्थिति
भारत में 5G आने के बाद भी इंटरनेट की स्पीड कई अन्य देशों के मुकाबले कम है। अप्रैल की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में 5G नेटवर्क पर स्पीड करीब 301.86 Mbps थी जबकि अपलोडिंग स्पीड 18.93 Mbps रही है। दुनिया के बाकी देशों को देखा जाए तो यह कम है। देश के कई हिस्सों में नेटवर्क को लेकर दिक्कत है। ऐसे में भविष्य में 6G तकनीकि में इंटरनेट की स्पीड को बढ़ाने की काफी चुनौतियां होंगी।
दुनिया में 5G की गति
देश | स्पीड (Mbps) |
---|---|
यूएई | 654 |
कतर | 516 |
साउथ कोरिया | 485 |
मलेशिया | 451 |
ब्राजील | 449 |
बहरीन | 375 |
कुवैत | 369 |
सिंगापुर | 329 |
सऊदी अरब | 323 |
न्यूजीलैंड | 316 |
बुलगारिया | 306 |
भारत | 301 |