यूजी और पीजी के छात्रों को देनी होगी परीक्षा, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
कोरोना महामारी (Coronavirus) की वजह से पिछले पांच महीनों से स्कूल और कॉलेज बंद (Collage Close) चल रहे हैं। कोरोना वायरस (Cornavirus) के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए अभी स्कूल और कॉलेजों के खुलने की उम्मीद भी नहीं है। स्कूल कॉलेजों के बंद होने की वजह से इस बार छात्रों की सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षाएं भी आयोजित नहीं हो सकी है। परीक्षाएं आयोजित न होने की वजह से इस साल अभ्यर्थियों का भविष्य अभी अधर में ही लटका हुआ है।
वहीं, दूसरी तरफ यूजीसी (UGC) ने स्पष्ट कर दिया है कि अंतिम वर्ष के छात्रों को को प्रमोट नहीं किया जा सकता है। इन अभ्यर्थियों को परीक्षा देनी ही होगी। यूजीसी (University Grants Commission's) के इस फैसले पर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी मोहर लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज फैसला सुनाते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के छह जुलाई के परिपत्र को बरकरार रखा है। वहीं, शीर्ष अदालत ने यूजीसी (University Grants Commission's) के दिशानिर्देशों को खत्म करने से इनकार करते हुए कहा कि राज्य के पास परीक्षा रद्द करने का अधिकार है, लेकिन बिना परीक्षा के छात्र पास नहीं होंगे। छात्रों की शिक्षा को लेकर और उनकी योग्यता का अधिकार यूजीसी (University Grants Commission's) को है।
कोरोना काल (Cornavirus) के मद्देनजर विश्वविद्यालय के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं करवाने के खिलाफ दाखिल अर्जी पर शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने अपना फैसला सुनाया। अदालत (Supreme Court) ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) (University Grants Commission's) के छह जुलाई के परिपत्र को बरकरार रखा। शीर्ष अदालत (Supreme Court) ने यूजीसी (University Grants Commission's) के दिशानिर्देशों को खत्म करने से इनकार करते हुए कहा कि राज्य के पास परीक्षा रद्द करने का अधिकार है, लेकिन बिना परीक्षा के छात्र पास नहीं होंगे।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज फैसला सुनाते हुए कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम (Disaster management Act) के तहत राज्य महामारी (Cornavirus) को देखते हुए छात्रों के भविष्य को लेकर परीक्षाएं कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस मुद्दे पर अगली तारीख पर यूजीसी (University Grants Commission's) से सलाह लेने के की बात कहीं है। अंतिम वर्ष के छात्रों को परीक्षा पास करनी ही होगी। कोर्ट ने कहा कि राज्यों को छात्रों को प्रमोट करने के लिए परीक्षा आयोजित करनी ही चाहिए।
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अंतिम वर्ष के छात्रों को प्रमोट करने और परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग को लेकर आज न्यायमूर्ति अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की पीठ ने सुनवाई की। आज इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि ये छात्रों के भविष्य का मामला है। कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि देश में उच्च शिक्षा के मानदंडों को भी बनाए रखने की जिम्मेदारी है। परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग को लेकर आज छात्रों की तरफ से अदालत में वकील अलख आलोक श्रीवास्तव पेश हुए।
30 सितंबर तक आयोजित करनी होगी परीक्षा
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