दिल्ली विश्वविद्यालय 30 नवंबर तक जारी करेगा लंबित कोर्सों का रिजल्ट

कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से इस बार देशभर के विश्वविद्यालयों का शेड्यूल बदल गया है। देशभर के स्कूल और कॉलेजों में जहां पढ़ाई समय पर नहीं हो पाई है, तो वहीं परीक्षाएं भी अप्रैल-मई महीने के बजाए सितंबर महीने में आयोजित की गई है। इस बार स्कूल और कॉलेजों के बदले शेड्यूल की वजह से विश्वविद्यालय समय से परिणाम नहीं घोषित कर पा रहे हैं। इसी क्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) का भी परिणाम रुका हुआ है। दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) की तरफ से अभी तक कुछ स्नातकोत्तर और स्नातक पाठ्यक्रमों का परिणाम न घोषित होने के कारण छात्र बहुत ही परेशान है। छात्रों की इस परेशानी पर एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में दायर की गई।
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याचिकाकर्ता की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के वकील की दलीलों पर गौर किया। डीयू (Delhi University) के वकील ने कोर्ट (Delhi High Court) को बताया कि स्नातकोत्तर और स्नातक पाठ्यक्रमों के काफी परिणाम घोषित किए जा चुके हैं। अभी कई विषयों के परिणाम घोषित होना शेष है, बाकी परिणामों को 30 नवंबर तक घोषित कर दिया जाएगा। जजों की खडंपीठ ने डीयू (Delhi University) के वकील मोहिंदर रूपल के ताजा निर्देशों की प्रतीक्षा में अभी फिलहाल के लिए आदेश को टाल दिया है। खंडपीठ की तरफ से इस मामले की अगली सुनवाई दो दिसंबर को की जाएगी।
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दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) (Delhi University) ने बताया कि विभिन्न स्नातकोत्तर और स्नातक पाठ्यक्रमों के लंबित परिणामों की घोषणा 30 नवंबर तक कर दी जाएगी। डीयू (Delhi University) की तरफ से ऐसा एक याचिका के जवाब में अदालत में यह कहा गया। इस संबंध में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया गया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) की तरफ से सभी परिणामों को 31 अक्टूबर तक घोषित करने के लिए अदालत के पहले के आदेश का उल्लंघन किया गया है।
जजों की खंडपीठ ने एक निस्तारित याचिका में आवेदन दाखिल करने पर भी सवाल उठाए। आखिर जब इस संबंध में आदेश पहले ही दिया जा चुका है तो फिर अब आखिर क्यों ऐसा किया गया है। अदालत ने कानून के छात्र प्रतीक शर्मा और 'नेशनल फेडरेशन ऑफ ब्लाइंड' की तरफ से हाईकोर्ट (Delhi High Court) में दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मामले का निपटारा किया था। जजों की पीठ ने याचिका की स्वीकार्यता पर सवाल उठाया और याचिकाकर्ता प्रतीक शर्मा से सवाल भी किया कि आखिर उन्होंने इसे क्यों दाखिल किया है। कोर्ट (Delhi High Court) ने कहा कि जब इस मामले में पहले ही फैसला दिया जा चुका है। ऐसे में सवाल करने की कोई जरुरत ही नहीं थी। याचिकाकर्ता ने वकील एचएस होरा के माध्यम से कोर्ट (Delhi High Court) को याचिका में बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) की तरफ से 12 अक्टूबर के आदेश का उल्लंघन किया है।
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