
मास्टर ब्लास्टर के नाम से मशहूर क्रिकेट इतिहास के महानतम खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर का क्रिकेट जगत में 24 साल तक राज रहा। महानतम खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट के हर फार्मेट में कीर्तिमान रचा है जिसको तोड़ पाना अंसभव है। 'क्रिकेट के भगवान' कहे जाने की उपाधि उन्होंने ऐसे नहीं हासिल की है बल्कि उन्होंने ऐसे इतने रिकॉर्ड बनाए है जिसकी वजह से उन्हें यह उपाधि दी गई।
24 अप्रैल 1973 को जन्मे सचिन
24 अप्रैल 1973 को राजापुर के मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मे सचिन का नाम उनके पिता रमेश तेंदुलकर ने अपने चहेते संगीतकार सचिन देव बर्मन के नाम पर रखा था। उनके बड़े भाई अजीत तेंदुलकर ने उन्हें क्रिकेट खेलने के लिये प्रोत्साहित किया था। सचिन की मां का नाम रजनी तेंदुलकर है। सचिन के एक और भाई नितिन तेंदुलकर और एक बहन सविताई तेंदुलकर भी हैं।

सचिन ने शारदाश्रम विद्यामंदिर में अपनी शिक्षा ग्रहण की। वहीं पर उन्होंने प्रशिक्षक (कोच) रमाकान्त अचरेकर के सानिध्य में अपने क्रिकेट जीवन का आगाज किया। तेज गेंदबाज बनने के लिये उन्होंने एमआरएफ पेस फाउंडेशन के अभ्यास कार्यक्रम में शिरकत की पर वहां तेज गेंदबाजी के कोच डेनिस लिली ने उन्हें पूर्ण रूप से अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। 1988 में स्कूल के एक हॅरिस शील्ड मैच के दौरान साथी बल्लेबाज विनोद कांबली के साथ सचिन ने ऐतिहासिक 664 रनों की अविजित साझेदारी की। इस धमाकेदार जोड़ी के अद्वितीय प्रदर्शन के कारण एक गेंदबाज तो रोने ही लगा और विरोधी पक्ष ने मैच आगे खेलने से इनकार कर दिया। सचिन ने इस मैच में 320 रन और पूरी प्रतियोगिता में हजार से भी ज्यादा रन बनाये।

1989 में हुआ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण
सचिन ने अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण 15 नवंबर, 1989 को पाकिस्तान के खिलाफ कराची में किया तथा सचिन ने अपना पहला एकदिवसीय क्रिकेट मैच भी पाकिस्तान के खिलाफ 18 दिसंबर 1989 को खेला।

टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट खेलने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी तेंदुलकर ने 16 वर्ष की उम्र में 1989 में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच में अपने क्रिकेट जीवन की शुरुआत की। अद्भूत बल्लेबाज़ी करते हुए 20वीं सदी के अंत तक लगभग 11 वर्षो के पेशेवर खेल जीवन में उन्होंने 54.84 रन का ख़ासा ऊँचा टेस्ट बल्लेबाज़ी औसत बनाए रखा, जो ग्रेग चैपल, विवियन रिचडर्स, जावेद मियांदाद, ब्रायन लारा और सुनील गावस्कर जैसे धुरंधरों के रन औसत से कहीं अधिक है।

1990 में लगाया था पहला शतक
सचिन तेंदुलकर ने पहला शतक 1990 को लगाया था। जिसमें उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए 119 रनों की पारी खेली थी। दूसरे नंबर के सबसे छोटे खिलाड़ी बन गए जिन्होंने इतनी कम उम्र में शतक मारा था। एकदिवसीय मैच में उन्होंने पहला शतक 1994 को लगाया था।

1995 में सचिन तेंदुलकर का विवाह अंजलि से हुआ। सचिन के दो बच्चे हैं - सारा और अर्जुन। सचिन ने अपने से बड़ी उम्र की लड़की से शादी की। उनकी पत्नी अंजलि उम्र में उनसे 6 साल बड़ी है। दोनों ने साल 1995 में शादी की थी। सचिन और अंजली के बीच 'लव एट फर्स्ट साइट' हुआ। दोनों ने एकदूसरे को पहली बार मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर देखा था। 1990 में सचिन अपने पहले क्रिकेटिंग टूर से लौट रहे थे और अंजली अपनी मां को रिसीव करने आई थी। इसके बाद सचिन और अंजली एक कॉमन फ्रेंड के घर पर मिले।

1996 में बने टीम इंडिया के कैप्टन
1996 के विश्व कप में सचिन तेंदुलकर को टीम इंडिया की कमान सौंपी गई थी। दिसंबर, 1997 में शारजाह में हुए चार देशों के टूर्नामेंट में हार के बाद हमने श्रीलंका के साथ घरेलू सीरीज़ बराबरी पर खेली। सीरीज़ के बाद मुझे अचानक कप्तानी से बर्खास्त कर दिया गया। 1999 में उन्हें फिर कप्तान बना दिया गया। कप्तानी के दौरान सचिन ने 25 में से सिर्फ 4 टेस्ट मैच जीते थे। जिसके बाद से सचिन ने कभी भी कप्तानी ना करने का फैसला कर लिया।

2001 में उन्होंने वन डे मैच में 10,000 रन पूरे करके एक कीर्तिमान रचा। 2003 के विश्वकप में वह सबसे चहेते बन गए। उन्होंने 11 मैचों में 673 रन बनाकर उन्होंने भारत को विश्वकप फाइनल तक पहुंचाया। सचिन तेंदुलकर ने साल 2007 में आयरलैंड के बेलफास्ट में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेलते हुए सीरीज के दूसरे मैच में 15 हजार रनों का जादुई आंकड़ा छुआ था. आयरलैंड के बेलफास्ट में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए इस मैच में सचिन तेंदुलकर ने आंद्रे नील के 18वें ओवर की छठी गेंद पर एक रन लेते ही वनडे क्रिकेट में नया इतिहास रच दिया था।

5 नवंबर 2009 को बनाए 17 हजार रन
अपना 435वां मैच खेल रहे तेंदुलकर ने तब तक 434 पारियों में 44.21 की औसत से 17,000 रन बनाये थे जिसमें 45 शतक और 91 अर्धशतक शामिल हैं। तेंदुलकर के बाद एक दिवसीय क्रिकेट में सर्वाधिक रन श्रीलंका के सनथ जयसूर्या ने बनाये हैं। उनके नाम पर इस मैच से पहले तक 12,207 रन दर्ज़ थे। जयसूर्या 441 मैच खेल चुके है। अब तक 400 से अधिक एकदिवसीय मैच केवल इन्हीं दो खिलाड़ियों ने खेले हैं।

सचिन तेंदुलकर ने अपनी आत्मकथा 'प्लेइंग इट माय वे' में कहा कि 2008 में क्रिकेट जगत को हिला कर रख देने वाले 'मंकी गेट प्रकरण' को बेवजह तूल दिया गया। सचिन के मुताबिक जब भज्जी (हरभजन सिंह) ने अपना अर्द्धशतक पूरा किया। भज्जी मुझे बता रहे थे कि एंड्रयू सायमंड्स उन्हें चिढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने उन्हें सलाह दी कि मामले को तूल मत दो, बल्लेबाज़ी करते रहो। मुझे पता था कि पलटकर जवाब देना ऑस्ट्रेलियाई टीम के जाल में फंसना है। ऐसी चीज़ों से बचने का सबसे अच्छा उपाय है, इन्हें नजरअंदाज़ करना। यह कहना तो आसान है, लेकिन दबाव में अपने-आपको शांत रखना आसान नहीं होता।

2012 में बनाया शतकों का शतक
मीरपुर में 16 फरवरी 2012 को बांग्लादेश के खिलाफ 100वां शतक। यही नहीं उन्होंने 24 फरवरी 2010 को वन डे में दोहरा शतक द. अफ्रीका के खिलाफ इंदौर में सचिन ने वनडे क्रिकेट में वो कर दिया जो कभी नहीं हुआ था। उन्होंने वनडे की एक पारी में नाबाद 200 रन बना डाले।

टेस्ट क्रिकेट में 51 शतक बनाकर उन्होंने सुनील गावस्कर, डॉन ब्रेडमैन और विवियन रिचडर्स जैसे क्रिकेट के पूर्व महारथियों के स्थापित कीर्तिमान तोड़ दिए। वह एकदिवसीय क्रिकेट में 18,000 से अधिक रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी हैं। उन्होंने वनडे क्रिकेट में सचिन ने 18426 रन बनाए हैं। वह दो बार भारतीय टीम के कप्तान बने। 5 फुट 5 इंच लंबे तेंदुलकर अपने क़द की कमी को अपने पैरों के फुर्तीलेपन से पूरा करते हैं। क्रिकेट इतिहास के महानतम खिलाड़ियों में से एक सर डोनॉल्ड ब्रेडमैन ने तेंदुलकर की यह कहते हुए प्रशंसा की कि पिछले 50 वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले बेशुमार बल्लेबाज़ों में सिर्फ तेंदुलकर उनकी शैली के निकट पहुँच सके हैं।

और सचिन ने जब हमेशा के लिए क्रिकेट को कहा अलविदा
23 दिसंबर 2012 को सचिन ने वन-डे क्रिकेट से संन्यास लेने घोषणा कर दी। लेकिन उससे भी बड़ा दिन तब आया जब उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से भी संन्यास लेने की घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा - "देश का प्रतिनिधित्व करना और पूरी दुनिया में खेलना मेरे लिये एक बड़ा सम्मान था। मुझे घरेलू जमीन पर 200वां टेस्ट खेलने का इन्तजार है। जिसके बाद मैं संन्यास ले लूँगा।" उनकी चाहत के अनुसार उनका अन्तिम टेस्ट मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में ही खेला गया। और जैसा उन्होंने कहा था वैसा ही किया भी। 16 नवम्बर 2013 को मुम्बई के अपने अन्तिम टेस्ट मैच में उन्होंने 74 रनों की पारी खेली। मैच का परिणाम भारत के पक्ष में आते ही उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा! कह दिया। सचिन का टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड है। उन्होंने 200 टेस्ट मैचों में 53.78 की औसत से 15921 रन बनाए हैं। टेस्ट क्रिकेट में इस रिकॉर्ड के आसपास ऐसा कोई खिलाड़ी नहीं है।

सचिन के क्रिकेट से संन्यास लेने के संकल्प के बाद ही भारत सरकार ने भी उन्हें देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की आधिकारिक घोषणा कर दी। 4 फरवरी 2014 को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्हें भारत रत्न से सम्मनित किया गया। 40 वर्ष की आयु मे इस सम्मान को प्राप्त करने वाले वे सबसे कम उम्र के व्यक्ति और सर्वप्रथम खिलाड़ी हैं। गौरतलब है कि इससे पहले यह सम्मान खेल के क्षेत्र में नहीं दिया जाता था। सचिन को यह सम्मान देने के लिए पहले नियमों में बदलाव किया गया था। सचिन तेंदुलकर एक मात्र ऐसे क्रिकेटर है जिनको राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया हैं। सन् 2008 में वे पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके है। इससे पहले उन्हें 1994 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2013 में भारतीय पोस्टल सर्विस ने तेंदुलकर का एक डाक टिकट जारी किया और वह मदर टेरेसा के बाद दूसरे भारतीय बने जिनके लिये ऐसा डाक टिकट उनके अपने जीवनकाल में जारी किया गया।

सचिन की आत्मकथा 'प्लेइंग इट माई वे' ने भी बनाया रिकॉर्ड
आत्मकथा ‘प्लेइंग इट माई वे’ ने ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस’ में जगह बनाकर कीर्तिमान स्थापित किया है और यह फिक्शन और नॉन-फिक्शन श्रेणी में सबसे ज्यादा बिकने वाली पेपरबैक किताब बन गई है। किताब का प्रकाशन हैचेट इंडिया ने किया है जिसे 6 नवंबर, 2014 को जारी किया गया था। इसने फिक्शन और नॉन-फिक्शन श्रेणी के वयस्क वर्ग के पेपरबैक में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं जिसकी 1,50,289 प्रतियां ‘ऑर्डर सब्सक्रिप्शंस’ से बिकी हैं। इसने खुदरा मूल्य के मामले में भी रिकॉर्ड बनाया है, इसकी कीमत 899 रुपए थी, जिससे 13.51 करोड़ रुपए की कमाई हुई। इसने दुनिया की शीर्ष वयस्क हार्डबैक डैन ब्राउन की इनफर्नो, वाल्टर इसाकसन की स्टीव जाब्स और जे के रॉलिंग की कैजुअल वैकेंसी को पीछे छोड़ दिया है। बोरिया मजूमदार तेंदुलकर इस आत्मकथा के सह लेखक थे।

अप्रैल 2012 में उन्हें राज्य सभा के सदस्य के रूप में नामित किया गया था। कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा भेजा। इस वर्ष जब उन्हें संसद से बोलने का मौका नहीं मिला था, तो उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात जनता के सामने रखी थी।

आईपीएल की शुरूआत से रहे हिस्सा
सचिन तेंदुलकर ने कुल 6 आईपीएल के सीजन में हिस्सा लिया, वह 2008 से 2013 तक मुंबई टीम का हिस्सा रहे, उन्होंने 2010 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और 618 रन बनाए और ऑरेंज कैप अपने नाम किया, यही नहीं इस साल वह बेस्ट कैप्टन के खिताब से भी नवाजे गए थे। सचिन तेंदुलकर मुंबई इंडियंस टीम के कप्तान थे और उन्होंने आईपीएल में 2000 रन बनाए थे। सन्यास के बाद भी सचिन मुंबई टीम का हिस्सा हैं, वह अब भी टीम के डग आउट में नजर आते हैं।

1994 - अर्जुन पुरस्कार, खेल में उनके उत्कृष्ट उपलब्धि के सम्मान में भारत सरकार द्वारा
1997-98 - राजीव गांधी खेल रत्न, खेल में उपलब्धि के लिए दिए गए भारत के सर्वोच्च सम्मान
1999 - पद्मश्री, भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार
2001 - महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार, महाराष्ट्र राज्य के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार
2008 - पद्म विभूषण, भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार
2014 - भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी हैं।
2008 में वे पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके हैं।
