"भगत सिंह एक ऐसे योद्धा थे जिन्होंने खुले मैदान में अपने खतरनाक दुश्मन का सामना किया। वो एक चिंगारी की तरह थे जो बहुत कम वक्त में ज्वाला बन गई और देश के हर कोने में फैले अंधेरे को उसने अपनी लौ से रोशन कर दिया", शहीद भगत सिंह के बारे में ये विचार देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के थे। भगत सिंह आज भी एक आदर्श हैं युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक के लिए, एक प्रेरणा हैं उस हर इंसान के लिए जो बदलाव में यकीन रखता है। एक विश्वास हैं उन सबके लिए जिन्हें ये लगता है कि कोशिशें जरूर कामयाब होती हैं और कुछ कर गुजरने की चाहत रखने वालों को जमाना हमेशा याद रखता है। एक उम्मीद हैं हम सबके लिए कि कभी एक और भगत सिंह आएगा जो देश में फैली बुराइयों के खिलाफ एक बार फिर उसी तरह आवाज उठाएगा। इन सबसे बढ़कर एक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे जिनकी कोशिशों और बलिदान से हम आज आजाद हवा में सांस ले रहे हैं। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को बांगा, पाकिस्तान (अविभाजित भारत) में हुआ था। शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती है। इस अवसर जानिए उनके कुछ क्रांतिकारी विचार।
-
भगत सिंह
शहीद-ए-आजम
'आम तौर पर लोग चीजें जैसी हैं उसी के अभ्यस्त हो जाते हैं। बदलाव के विचार से ही उनकी कंपकंपी छूटने लगती है। इसी निष्क्रियता की भावना को क्रांतिकारी भावना से बदलने की दरकार है।'
-
'प्यार हमेशा आदमी के चरित्र को ऊपर उठाता है, यह कभी उसे कम नहीं करता है। प्यार दो प्यार लो'
-
'हमारे लिए समझौते का मतलब कभी आत्मसमर्पण नहीं होता। सिर्फ एक कदम आगे और कुछ आराम, बस इतना ही। '
-
1930 में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को मौत की सजा सुनाए जाने का पोस्टर
'वे मुझे कत्ल कर सकते हैं, मेरे विचारों को नहीं। वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं लेकिन मेरे जज्बे को नहीं।'
-
जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है, दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।
-
अगर बहरों को अपनी बात सुनानी है तो आवाज़ को जोरदार होना होगा। जब हमने बम फेंका तो हमारा उद्देश्य किसी को मारना नहीं था। हमने अंग्रेजी हुकूमत पर बम गिराया था। अंग्रेजों को भारत छोड़ना और उसे आजाद करना चाहिए।'
-
बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती, क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है।