14 फरवरी को सिर्फ वैलेनटाइंस डे ही नहीं होता, आज दशकों तक सबकी चहेती रहने वाली अभिनेत्री मधुबाला का जन्मदिन भी है। बड़े पर्दे की देवी कही जाने वाली मधुबाला खूबसूरती की मिसाल हैं। उनकी बेहतरीन अदाकारी और सुंदरता की वजह से आज भी वह न जाने कितने दिलों की धड़कन हैं। 14 फरवरी 1933 को मधुबाला का जन्म हुआ था और तब लोग उन्हें मुमताज जहां बेगम देहलवी के नाम से जानते थे। उनके जन्मदिन पर रू-ब-रू होइए उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ अनजाने पहलुओं से...
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जन्मदिन मुबारक मधुबाला
दुनिया की सबसे खूबसूरत अभिनेत्री मानी जाती हैं मधुबाला
मधुबाला का जन्म पश्तून परिवार में हुआ था, इसलिए वह घर पर पश्तो भाषा ही बोलती थीं। हालांकि, जहां वो काम करती थीं वहां के लिए अंग्रेजी भाषा आना बहुत मायने रखता था, लेकिन मधुबाला को अंग्रेजी बिल्कुल नहीं आती थी, फिर भी उन्होंने फिल्मी दुनिया में जो मुकाम हासिल किया, उस तक पहुंचना शायद किसी भी दूसरी अभिनेत्री के लिए मुश्किल है।
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वैसे तो मधुबाला ने 9 साल की उम्र से ही बसंत फिल्म से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत कर ली थी, लेकिन उन्हें पहला लीड रोल मिला राज कपूर के साथ फिल्म नील कमल में। यह फिल्म सुपरहिट साबित हुई और उन्होंने अपना नाम मुमताज से बदलकर मधुबाला रख लिया।
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अमेरिका की द थिएटर आर्ट्स मैगजीन ने 1952 में मधुबाला के बारे में एक आर्टिकल लिखा, जिसकी हेडिंग थी - द बिगेस्ट स्टार इन द वर्ल्ड एंड शी इज नॉट फ्रॉम बेवर्ली हिल्स। यानि दुनिया की सबसे बड़ी अभिनेत्री और वह बेवर्ली हिल्स से नहीं है। इस बात से पता चलता है कि उस जमाने में दुनिया भर में उनके चाहने वाले थे।
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मुगल-ए-आजम मधुबाला के करियर की सबसे हिट फिल्मों में शामिल है। यही वह फिल्म है जिसकी वजह से आज भी लोग उन्हें याद करते हैं। इस फिल्म में उन्होंने अनारकली का किरदार निभाया था और इसका लोगों दिमाग पर ऐसा असर हुआ कि जब भी कहीं कोई अनारकली की बात करता है लोगों के जेहन में मधुबाला का चेहरा ही बन जाता है। 1960 में आई इस फिल्म का रिकॉर्ड 15 साल तक कोई दूसरी फिल्म नहीं तोड़ पाई, इसके बाद 1975 में शोले फिल्म रिलीज हुई और ब्लॉकबस्टर साबित हुई।
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मधुबाला और दिलीप कुमार की प्रेमकहानी के किस्से आज भी मशहूर हैं। ये दोनों ही सुपरस्टार थे और दोनों पठान परिवार से भी ताल्लुक रखते थे, इसकी इनकी नजदीकियां बढ़ने लगीं, लेकिन ऐसा कहते हैं कि मधुबाला के पिता को उनका और दिलीप कुमार का रिश्ता मंजूर नहीं था, इसलिए दोनों अलग हो गए। 1960 में किशोर कुमार ने मधुबाला से शादी कर ली और अपना नाम बदल कर करीम अब्दुल रख लिया।
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उस वक्त की सबसे बड़ी अभिनेत्री होने के बावजूद मधुबाला बहुत सादा जीवन जीती थीं। एक बार उन्होंने कहा था - मैं बहुत खर्चीली नहीं हूं। मुझे समझ नहीं आता कि मैं कहां पैसे खर्च करूं। मुझे कपड़ों और ज्वेलरी का शौक नहीं है। मैं यात्रा नहीं करती। मैं बहुत ज्यादा बाहर भी नहीं जाती। अल्लाह की दुआ से मेरे पास वो सब कुछ है जिसकी मुझे जरूरत है।
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कहते हैं कि मधुबाला का अंदाज बेहद रोमांटिक था। मधुबाला के करीबियों की मानें तो मधुबाला जिस अभिनेता या डायरेक्टर के साथ काम करती थीं उसे प्रपोज कर देती थीं। ऐसा कहा जाता है कि मधुबाला को अपनी हर फिल्म के निर्देशक और हीरो को देखते ही प्यार हो जाता था। उनको प्रपोज करने का तरीका एक ही जैसा होता था। वो हर हीरो को एक गुलाब का फूल ओर लव लेटर देकर प्रपोज करती थी।
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जन्म से ही मधुबाला के दिल में छेद था और डॉक्टरों ने उनकी बीमारी को देखते हुए बहुत ज्यादा आराम करने की सलाह दी थी। इन सबके बाद भी मधुबाला के पिता ने उन्हें ऐसी दुनिया में भेज दिया जहां उन्हें लगातार काम करना पड़ा था। दरअसल मधुबाला अपने माता-पिता ही नहीं 11 भाई बहन वाले परिवार में इकलौती थीं जिनकी कमाई से पूरे घर का खर्च चलता था, लेकिन वह ज्यादा दिनों तक इस बीमारी को झेल नहीं पाईं और 36 साल की उम्र में ही उनका निधन हो गया।