राजनीति की 'अम्मा' 11 साल रही थीं तमिल सिनेमा में सबसे ज्यादा फीस लेने वाली अभिनेत्री

फिल्मों से शुरू हुआ उनका करियर राजनीति की ऊंचाइयों तक पहुंचा। हालांकि ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि वो अभिनेत्री कभी अभिनेत्री नहीं बनना चाहती थीं। जयललिता बहुत अच्छी छात्रा थीं। स्कूल के दिनों में उन्हें सर्वश्रेष्ठ छात्रा की शील्ड मिली और दसवीं कक्षा की परीक्षा में उन्हें पूरे तमिलनाडु में दूसरा स्थान मिला।
गर्मियों की छुट्टियों के दौरान वो अपनी मां के साथ एक समारोह में गईं जहां एक प्रोड्यूसर वीआर पुथुलू ने उन्हें अपनी फ़िल्म में काम करने का प्रस्ताव दिया। उनकी माँ ने उनसे पूछा और उन्होंने हाँ कर दी। अपनी दूसरी ही फ़िल्म में जयललिता को उस समय तमिल फ़िल्मों के चोटी के अभिनेता एमजी रामचंद्रन के साथ काम करने का मौका मिला। जयललिता ने अपने फिल्मी सफर के दौरान लोगों के दिलों पर राज किया। जयललिता अपनी डांसिंग के लिए भी बहुत पॉपुलर थीं। उन्होंने तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और हिंदी के 140 फिल्मों में काम किया।
फिल्मी जगत में जयललिता का ओहदा एक दबंग की तरह ही था। दबंग इसलिए क्योंकि जयललिता 11 साल तक सबसे ज्यादा फीस लेने वाली एक्ट्रेस थीं। उन्हें 7 बार फिल्म फेयर अवॉर्ड और 6 बार बेस्ट एक्ट्रेस के अवॉर्ड से नवाजा गया। इतना ही नहीं उन्होंने कई फिल्मों में प्लेबैक सिंगर के तौर पर भी काम किया।
1982 में एक बड़ा फैसला करते हुए जयललिता ने दिग्गज नेता एमजी रामचंद्रन की राजनीतिक पार्टी ऐआईडीएमके के साथ अपने सियासी सफर की शुरुआत की थी। साल 1991 में जयलिलता तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं। उनका पार्टी पर इतना मजबूत नियंत्रण था कि गलती करने पर पार्टी के लोग उनके सामने कांपा करते हैं। जयललिता अपने कार्यकाल के दौरान अपने मंत्रियों से भी ज्यादा मिलना नहीं पसंद करती थीं।
साल 2011 में जयललिता तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं। एआईडीएमके महागंठबंधन ने 203 सीटों पर कब्जा करके शानदार जीत हासिल की। डीएमके गंठबंधन को सिर्फ 31 सीटें मिली।
साल 2014 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में जयललिता को पांच साल की सजा और 100 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया गया। एक महीने जेल में रहने के बाद उन्हें जमानत मिल गयी। उन्हें कुछ दिन के लिए सीएम पद गंवाना पड़ा। निर्दोष साबित होने के बाद 22 मई 2015 को फिर से मुख्यमंत्री बन गईं। साल 2016 में फिर एआईएडीएमके ने राज्य में सरकार बनाई और एक बार फिर जयललिता तमिलनाडु की सीएम बनीं।
22 सितंबर 2016 जयललिता की तबीयत अचानक खराब हो गयी जिसके बाद उन्हें चेन्नई स्थित अपोलो अस्पताल में भरती कराया गया। अचानक दिल का दौरा पड़ने के कारण उनका 5 दिसंबर 2016 को निधन हो गया।
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