सब्सक्राइब करें
कलाम: 'सूर्य की तरह चमकने के लिए सूर्य की तरह जलना भी होगा'
डाॅ एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर पढ़िए उनकी जिदंगी से जुड़े ये किस्से।
इस लेख को शेयर करें

देश के 11वें राष्ट्रपति, मिसाइल मैन, वैज्ञानिक और एक भारत को उन्नत बनाने के पीछे पड़े एपी जे अब्दुल कलाम के प्रति देश के हर वर्ग में बराबर सम्मान था। वो आज का ही दिन था बस साल था 2015 जब मिसाइलमैन ने अवनी अंतिम सांसे ली थीं। उनके विचार आज भी सबके लिए प्रेरणा हैं। देश की सबसे बड़ी संवैधानिक कुर्सी पर बैठने के बावजूद ऐसी सादगी शायद ही किसी में किसी में हों। वैसे तो कलाम के बारे में आपने बहुत पढ़ा होगा, सुना होगा लेकिन आज उनकी पुण्यतिथि पर हम कुछ ऐसे ही किस्से साझा करेंगे जिससे एक बार फिर अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये साधारण सा रहने वाला व्यक्ति वास्तिवकता में कितना महान था। 

  • अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी राष्ट्रपति बनाने की सिफारिश--

    Indiawave timeline Image

    फोन पर पूर्व प्रधानमंत्री ने दिया था प्रस्ताव

    10 जृन 2002 को एपी जे अब्दुल कलाम के पास प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी का फोन आता है और वो कहते हैं कि देश को आप जैसे राष्ट्रपति की जरूरत है। कलाम हैरान थे उन्होंने शुक्रिया कहा और एक घंटे का समय मांगा इस प्रस्ताव पर विचार के लिए। उस समय अटल ने कहा समय लीजिए लेकिन जवाब हो ही दीजिएगा। इसके बाद शाम तक अब्दुल कलाम के राष्ट्रपति बनने का ऐलान कर दिया गया। 18 जून 2002 को कलाम ने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के के बीच पर्चा भरा। 

  • सूट पहनना था नापंसद--

    Indiawave timeline Image

    सादगी से भरा था पूरा जीवन

    कलाम को सादा रहने पसंद था उन्हें कभी सूट और बूट नहीं भाये वो हमेशा कमीज पहनते थे और पैरों में स्पोर्ट शूज। लेकिन एक राष्ट्रपति के तौर पर उन्हें सूट पहनने के लिए कहा गया। कई सारे सूट बनवाए गए लेकिन कलाम को कुछ जंचा नहीं पीछे कारण यही था कि बंद गले के ये सूट उन्हें आरामदायक नहीं लगते थे। उन्होंने दर्जी से कहा कि हो सके तो इसमें कुछ ऐसा करो जिससे मैं सांस आराम से ले सकूं। फिर उन्हीं की सलाह पर दर्जी ने गले पर कट लगाया और बाद में ये कलाम सूट फैशन बन गया था। 

  • स्वाभिमानी ऐसे कि रिश्तेदारों के ठहराने के लिए खुद दिए थे पैसे--

    Indiawave timeline Image

    स्वाभिमान से भरा व्यक्तित्व

    यूं तो वो शादीशुदा नहीं थे लेकिन उनके करीबी लोग उनसे बहुत प्यार करते थे। मई 2006 में कलाम के 52 रिश्तेदारों को राष्ट्रपति भवन का न्यौता मिला वो यहां कुछ दिन तक रूके लेकिन इनका खर्च कलाम ने अपनी जेब से भरा। कमरे का किराये से लेकर खाने पीने तक का हिसाब उन्होंने अपनी जेब से किया था। एक बार उनके भाई और उनके परिवार हज करने के लिए जा रहे थे ऐसे में राजदूत ने आश्वासन दिया कि आपके परिवार को हर सुविधा मिलेगी। इस पर कलाम का जवाब था कि कृपया उन्हें आम नागरिकों जैसे ही यात्रा करने दी जाए। 


  • राष्ट्रपति बनने के बाद भी नहीं हुआ कोई बदलाव--

    Indiawave timeline Image

    राष्ट्रपति बनने के बाद भी नहीं बदले कलाम

    कहते हैं कि कुर्सी की ताकत सबको बदल देती है लेकिन कलाम के साथ ऐसा नहीं हुआ। उनके जीवन में राष्ट्रपति बनने के बाद भी कोई बइलाव नहीं हुआ। राष्ट्रपति बनने के बाद वो पहली बार केरल गए। वहां उनसे मिलने के लिए एक मेहमान आया और ये मेहमान कोई अधिकारी या नेता नहीं था बल्कि एक मोची था। वैज्ञानिक रहे कलाम ने त्रिवेंद्रम में काफी साल साल गुजारे थे और कई बार उनके फटे जूते को इस मोची ने ही सिला था। राष्ट्रपति बनने के बाद भी वो इस मोची को नहीं भूले थे। 

  • भारत रत्न से सम्मानित--

    Indiawave timeline Image

    कई सर्वोच्च पुररूकार से सम्मानित

    डॉक्टर कलाम उन चुनिंदा लोगों में शामिल हैं, जिन्हें देश के सभी सर्वोच्च पुरस्कार मिले। उन्हें 1981 में पद्म भूषण, 1990 में पद्म विभूषण, 1997 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। इससे पहले 1952 में सीवी रमण को छोड़कर किसी दूसरे वैज्ञानिक को ये पुरस्कार दिया गया था। भारत रत्न के बाद उन्हें सबसे पहले बधाई देने वालों में से एक थे अटलबिहारी वाजपेई। कहते हैं कि एक बार वाजपेई ने उनसे कहा था आप भी मेरी तरह कुंवारे हैं और इस पर उन्होंने हंसकर कहा था कि मैं कुंवारे होने के साथ ब्रह्मचारी भी हूं।  


सब्सक्राइब न्यूज़लेटर