
6 अप्रैल 1980 को अटल बिहारी वाजपेयी ने बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) का गठन किया था। अटल बिहारी वाजपेयी इसके संस्थापक अध्यक्ष बने और उन्हीं के नेतृत्व में दिसंबर, 1980 में बीजेपी की पहली बैठक हुई। वह 1986 तक इस पद पर रहे।
6 अप्रैल 1980 को अटल बिहारी वाजपेयी ने बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) का गठन किया था। अटल बिहारी वाजपेयी इसके संस्थापक अध्यक्ष बने और उन्हीं के नेतृत्व में दिसंबर, 1980 में बीजेपी की पहली बैठक हुई। वह 1986 तक इस पद पर रहे। आज बीजेपी अपना 38वां स्थापना दिवस मना रही है। इन 38 सालों में आज बीजेपी देश की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। केंद्र में जहां बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार है, वहीं 19 राज्यों में उसकी सरकारें हैं। 14 राज्यों में उसके अपने मुख्यमंत्री हैं तो पांच राज्यों में गठजोड़ से सरकार चल रही है।

1980 से अब तक बीजेपी ने एक लंबी और सफलताओं से भरी यात्रा पूरी की है। पार्टी ने पहला आम चुनाव 1984 में लड़ा। तब इसे केवल दो सीटों पर ही कामयाबी मिली लेकिन बीजेपी की आधिकारिक साइट कहती है कि उस चुनाव में बीजेपी को देश में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा वोट शेयर हासिल हुए थे। उसी दौर में लालकृष्ण आडवाणी 1986 में बीजेपी के पहली बार अध्यक्ष रहे। उनका पहला कार्यकाल 1986 से 1990 तक रहा। पार्टी ने विश्व हिंदू परिषद के साथ मिलकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण अभियान की शुरुआत की। राम मंदिर आंदोलन ने भाजपा की लोकप्रियता में जबरदस्त बढ़ोतरी की।

1989 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 85 सीटें मिलीं। बीजेपी और कम्युनिस्ट पार्टियों ने जनता दल सरकार को समर्थन दिया और वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने। सितंबर, 1990 में अयोध्या मुद्दे पर लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा की। उसके बाद मुरली मनोहर जोशी 1991 से 1993 पार्टी के अध्यक्ष रहे।

सितम्बर 1990 में आडवाणी ने राम मंदिर आंदोलन के समर्थन में अयोध्या के लिए 'रथ यात्रा' शुरू की। यात्रा के कारण होने वाले दंगों के कारण बिहार सरकार ने आडवाणी को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन कारसेवक और संघ परिवार कार्यकर्ता फिर भी अयोध्या पहुंच गए। बाबरी ढांचे का विध्वंस की कोशिश में अर्द्धसैनिक बलों से उनका मुकाबला हुआ। कई कारसेवक मारे गए। ये बीजेपी के लिए टर्निंग प्वाइंट था। इसके बाद बीजेपी लगातार बड़ी ताकत बनती चली गई।

1991 के आम चुनावों में बीजेपी को 120 सीटें मिलीं। लालकृष्ण आडवाणी 1993-1998 तक दूसरी बार बीजेपी अध्यक्ष रहे। 1996 के चुनावों में 161 सीटें मिलीं। पहली बार 13 दिनों के लिए अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने। वह इस पद तक पहुंचने वाले पहले गैर-कांग्रेसी परंपरा के नेता बने। 1998 में 12वें आम चुनाव में बीजेपी को 182 सीटें मिलीं और वाजपेयी एक बार फिर प्रधानमंत्री बने। उनके नेतृत्व में बीजेपी की गठबंधन सरकार 13 महीने चली। उसके बाद 1999 में फिर 13वीं लोकसभा के लिए चुनाव हुए और बीजेपी को 182 सीटें मिलीं। वाजपेयी ने प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल पूरा किया और 2004 तक पार्टी सत्ता में रही।

2004 और 2009 के आम चुनावों में बीजेपी को क्रमश: 138 और 116 सीटें मिलीं। 2011 में बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की नौ राज्यों में सरकारें थीं। इसी दौरान में पार्टी ने पीढ़ीगत बदलाव के तहत नए नेतृत्व की आवश्यकता पर बल दिया। नतीजतन राजनाथ सिंह ओर नितिन गडकरी पार्टी के अध्यक्ष बने। 2013 में राजनाथ सिंह दूसरी बार पार्टी अध्यक्ष बने।

2013 सितंबर में पार्टी कैडर और जनभावनाओं को देखते हुए पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को 2014 के आम चुनावों के लिए पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित किया। नरेंद्र मोदी की अगुआई में बीजेपी ने इतिहास रचते हुए 282 सीटों के साथ एक दशक बाद सत्ता में वापसी की। पहली बार बीजेपी को अपने दम पर स्पष्ट बहुमत मिला। उसके बाद अमित शाह पार्टी के अध्यक्ष बने।
