कॉल ड्रॉप की समस्या से जूझ रहे हैं तो यहां करे शिकायत, होगा समाधान

अक्सर जब हम फोन पर बात कर रहे होते हैं, तभी अचानक से बीच में ही कॉल अपने-आप कट जाती है। नेटवर्क की वजह से होने वाली इस दिक्कत को कॉल ड्राप कहते हैं। कॉल ड्राप एक बढ़ी समस्या है। लेकिन सरकार अब समस्या को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ा चुकी है।
हाल ही में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (ट्राई) ने कॉल ड्रॉप ओर फोन कॉल की खराब गुणवत्ता से निपटने के लिए ट्राई मायकॉल नामक ऐप की शुरुआत की है। जिससे यूजर अपनी समस्या की शिकायत कर सकते हैं।
ये सुविधा एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर ही उपलब्ध
सरकार इस ऐप्लीकेशन के माध्यम से कॉल की गुणवत्ता का अंदाजा लगा सकती है। 'ट्राई मायकॉल ऐप' कॉल क्वालिटी पर नजर रखने में मददगार साबित होगा। हालांकि अभी ये सुविधा एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर ही उपलब्ध है। इस ऐप की मदद से मोबाइल फोन यूजर्स को रियल टाइम में वॉयस कॉल की गुणवत्ता को चेक करने में मदद मिलेगी। ट्राई मायकॉल ऐप कॉल पूरी होने पर एक पॉप-अप नोटिफिकेशन दिखाएगा। इसमें उपभोक्ता कॉल की क्वालिटी के बारे में अपने अनुभव को शेयर कर सकेंगे। कॉल की क्वालिटी को देखते हुए उपभोक्ता रेटिंग कर सकते हैं। स्टार दे सकते हैं। ‘माइ कॉल ऐप’ के जरिए उपभोक्ता वॉयस कॉल की गुणवत्ता के बारे में अनुभव को साझा कर सकेंगे।
यूज़र के लिए फ्री
ट्राई ने उपभोक्ताओं के अनुभव और नेटवर्क की गुणवत्ता को लेकर आंकड़े जुटाने के मकसद से ये नई पहल शुरू की है। वहीं ‘माइ स्पीड ऐप’ उपयोगकर्ताओं की शिकायत के बिना भी सभी सेवाओं का डेटा ट्राई तक पहुंचाएगा। ट्राई के मुताबिक ये टेस्टिंग बहुत ही कॉम्पैक्ट और यूज़र के लिए फ्री है। इससे यूज़र न सिर्फ सर्विस को रेट कर सकता है, बल्कि फीडबैक ऐप के माध्यम से ट्राई को भेज सकता है।
अनचाहे मैसेज और कॉल से बचने में मदद मिलेगी
इसके अलावा ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों से कहा है कि वह अपने ग्राहकों को कम से कम ऐसे इंटरनेट प्लान की पेशकश करें जिसकी वैधता एक साल तक हो। पिछले साल ही ट्राई ने मोबाइल कंपनियों को मोबाइल डाटा पैक की वैधता को 90 दिन से बढ़ा कर 365 दिन करने की अनुमति दे दी थी। ट्राई के मुताबिक इससे देश में इंटरनेट उपयोग करने वाले ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ ऐप के जरिए स्मार्टफोन यूजर्स को अपने मोबाइल नंबर को डीएनडी के तहत रजिस्ट्रेशन करने के बाद अनचाहे मैसेज और कॉल से बचने में मदद मिलेगी। साथ ही ट्राई ने एक नई वेबसाइट भी लॉन्च की है।
दूरसंचार विभाग ने करवाया सर्वे
केंद्र सरकार और टेलीकॉम ऑपरेटर बीते कुछ दिनों से कॉल ड्रॉप में कमी का दावा करते रहे हैं। लेकिन ट्राई ने पिछले महीने ही एक सर्वे रिपोर्ट जारी की थी। जिसमें यह बात सामने आई कि 'लगभग 62.5 प्रतिशत उपभोक्ता कॉल ड्राप की समस्या से परेशान हैं।' यह सर्वे किसी और ने नहीं बल्कि खुद दूरसंचार विभाग ने करवाया था। इस सर्वे में 2 लाख 20 हजार 935 ग्राहकों से पूछताछ की गई थी। इनमें से 1 लाख 38 हजार 72 ग्राहकों ने कॉल ड्रॉप की शिकायत की थी।
कॉल ड्रॉप की समस्या के तह तक जाने के लिए सरकार और टेलिकॉम कंपनियां लगातार प्रयासरत हैं। इसी सिलसिले में ऑटोमेटेड कॉल सर्विस अथवा इंटीग्रेटेड वॉयस रिस्पांस सिस्टम द्वारा 23 दिसंबर 2016 से 28 फरवरी 2017 के दौरान किए गए सर्वे में ग्राहकों से मोबाइल कॉल्स की गुणवत्ता के बारे में सीधे फीडबैक लिए गए थे। इस दौरान आइवीआरएस की ओर से देश भर में समस्त दूरसंचार सेवा प्रदान करने वाले टेलीकॉम ऑपरेटर्स से जुड़े ग्राहकों को 16 लाख 61 हजार कॉल्स कर उनसे उनका अनुभव जानने के लिए सवाल पूछे गए। ग्राहकों के जवाब से पता चला था कि कॉल ड्राप की समस्या घरों और दफ्तरों के भीतर सबसे ज्यादा गंभीर है। लेकिन ट्राई मायकॉलड्रॉप ऐप से आने वाले समय में इस समस्या में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।
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