संजना ने शरणार्थियों के लिए तैयार किया अनोखा पनाहगाह

दुनियाभर में 7.5 अरब लोग रहते हैं। साल 2015 में संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक 65.3 मिलियन लोग मजबूरी में अपना घर छोड़कर रह रहे हैं।
इनमें से 21.3 मिलियन लोग शरणार्थी के रूप में अपना गुजर-बसर कर रहे हैं। इन विस्थापितों के दर्द को ध्यान में रखते हुए, एक भारतीय डिजाइनर ने बेहद ही अनोखा शेल्टर डिजाइन किया है।
साल 2016 में प्रेट इंस्टीटूट ब्रूकलिन, यूएसए से भारतीय मूल की संजना परमहंस ने फाइन आर्ट्स इन इंटीरियर डिजाइनिंग में स्नातक की पढ़ाई की है। संजना ने अपने इस डिजाइन में शरणार्थियों की गोपनीयता भी सुनिश्चित की है।
दो घंटे में बनकर तैयार हो जाता है ये अनोखा पनाहगाह
पूरे ढांचे का भार इतना हल्का है कि इसे आराम से कहीं भी ले जाया जा सकता है और आसानी से समेटा भी जा सकता है। इसे दो घंटे में मात्र दो लोगों की मदद से तैयार किया जा सकता है। साथ ही इसमें किसी भी तरह का इलेक्ट्रिक हार्डवेयर इस्तेमाल किया जा सकता है।
दी क्विंट से बात करते हुए संजना ने बताया, "इस शेल्टर को बनाना मेरे लिए प्रेरणादायक रहा। मैं ऐसे लोगों के लिए कुछ करना चाहती थी, जिन्हें आपातकालीन वजहों से अपना घर छोड़ना पड़ा है. ऐसे में ये शेल्टर शरणार्थियों के लिए काफी मददगार साबित होगा। क्योंकि शरणार्थियों के लिए शेल्टर बनने में कई दिन तो कभी-कभी महीनों लग जाते हैं।"
चूंकि ये शेल्टर कहीं भी किसी भी हालात में लगाया जा सकता है, जो किसी एक परिवार के लिए परिपक्व घर की तरह है। पूरी से लगाने पर इसमें छत का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि ये शेल्टर अभी अपने प्राथमिक अवस्था में है। लेकिन आने वाले समय में इसका इस्तेमाल दुनियाभर के शरणार्थी शिविरों में किया जा सकता है।
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