रिफत ने बनाया सबसे हल्का सैटेलाइट, नासा करेगा इसे लॉन्च

तमिलनाडु के पल्लापट्टी में रहने वाले 18 वर्षीय रिफत शारूक के नाम एक अनोखा कीर्तिमान दर्ज हो गया है। रिफत ने दुनिया का सबसे छोटा सैटेलाइट बनाया है, जिसका वजन महज 64 ग्राम है।
इस सैटेलाइट को कलामसैट (KalamSat) नाम दिया गया है। 21 जून को इस सबसे कम वजनी सैटेलाइट को नासा के साउडिंग रॉकेट द्वारा लॉन्च किया जाएगा।
86 हजार डिजाइन्स में से चुना गया
'क्यूब्स इन स्पेस' कॉम्पटीशन में 57 देशों के प्रतियोगियों ने 86000 डिजाइन्स पेश किए थे, जिनमें से रिफत के इस डिजाइन को सेलेक्ट किया गया है। रिफत के डिजाइन के अलावा अन्य देशों के कॉम्पटीटर के 80 मॉडल भी चुने गए।
64 ग्राम का सैटेलाइट बनाने वाली टीम में अब्दुल कासिफ, तनिष्क द्विवेदी, विनय भारद्वाज और तनिष्क द्विवेदी और गोबी नाथ शामिल हैं। इस सैटेलाइट को बनाने में 2 साल लगे और 1 लाख रुपए का खर्च आया है। दरसअल, ऐसा पहली बार होगा जब एक इंडियन स्टूडेंट के इनवेंशन को नासा लॉन्च करेगा।
मिशन अवधि 240 मिनट होगी और छोटे उपग्रह अंतरिक्ष के माइक्रो ग्रेविटी वातावरण में 12 मिनट तक काम करेंगे। इस सैटेलाइट का लक्ष्य 3D प्रिटेंड कार्बन फाइबर के परफॉमेंस को प्रदर्शित करना और तापमान व रेडिएशन को रिकॉर्ड करना होगा।
लॉन्च के लिए “क्यूब्स इन स्पेस” से चुना गया रिफत का सैटेलाइट
जानकारी के मुताबिक इस सैटेलाइट के काम की बात करें तो यह 3-D प्रिंटेड कार्बन फाइबर की क्षमता को डेमोनस्ट्रेट करेगा। बता दें कि रिफत के इस सैटेलाइट को लॉन्च के लिए उसे “क्यूब्स इन स्पेस” नाम के कम्पीटिशन से चुना गया था।
यह कम्पीटिशन NASA और आई डूडल लर्निंग संस्था द्वारा कराया गया था। गौरतलब है कि भारत हाल ही में अपने स्पेस प्रोग्रामों को दुनियाभर में काफी चर्चा में रहा है। बीते 5 मई को भारत ने साउथ एशिया सेटलाइट (GSAT-9) का सफल प्रक्षेपण किया था।
यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा से किया गया था और इससे पाकिस्तान को छोड़, सार्क के छह देशों को फायदा होगा। इसे बनाने में भारत को तीन साल लगे थे और 235 करोड़ रुपये खर्च हुए।
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