कोविड-19 (कोरोना वायरस) को मात देने के लिए इस समय वैज्ञानिक से लेकर इंजीनियर तक दिन रात जुटे हुए हैं। इससे निपटने के लिए हर दिन नए-नए तरीके से इजात भी किए जा रहे हैं। इस बीमारी का इलाज करने के लिए जहां वैज्ञानिक और चिकित्सक दवा खोजने में जुटे हुए हैं, तो वहीं इंजीनियर तकनीकी का प्रयोग करके इसको मात देने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे ही रायबरेली जिले की कमान संभाल रही डीएम ने खास ऐप तैयार किया है। कोविड-19 से संक्रमित और संदिग्ध मरीजों का पूरा डेटा रखने के लिए आईटियंस डीएम शुभ्रा सक्सेना ने स्वयं ही खास एप्लीकेशन तैयार किया है। ‘कोविड-19 कंटेनमेंट’ नाम से तैयार किए गए इस खास ऐप को 9 अप्रैल को लॉन्च किया गया है। फिलहाल यह ऐप रायबरेली की जनता और कर्मचारियों के लिए ही तैयार किया गया है, लेकिन इसे देश स्तर पर लॉन्च किया जाए तो यह कोरोना वायरस से लड़ाई में अहम भूमिका निभा सकता है।
आईआईटी पासआउट है डीएम शुभ्रा सक्सेना
रायबरेली जिले में कलेक्टर की कमान संभाल रहीं शुभ्रा सक्सेना यूपी के बरेली जिले की रहने वाली है। 2009 बैच की आईएएस टॉपर रहीं शुभा सक्सेना ने इंजीनियरिंग से स्नातक आईआईटी रुड़की से किया है। आईआईटी से इंजीनियरिंग की पढाई पूरी करने के बाद चार साल तक उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर नौकरी की। समाज के लिए कुछ अलग करने की इच्छा रखने वाली डीएम का इंजीनियरिंग की नौकरी में मन नहीं लगा। जनता सेवा की इच्छा मन में होने के कारण जल्द ही उन्होंने नौकरी छोड़ दी। इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने आईएएस बनने की ठानी और दिन रात मेहनत करके सिर्फ सफलता ही नहीं पाई बल्कि अपने 2009 के बैच में टॉप भी किया।
कोरोना से लड़ने में कम आई सॉफ्टवेयर की पढ़ाई
आईआईटियंस डीएम शुभ्रा सक्सेना को इंजीनियरिंग विरासत में मिली है। उनके पिता अशोक चंद्रा भी इंजीनियर रहे हैं। अब जब कोरोना जैसी महामारी आई है, तो ऐसे में उनकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई काम आ रही है। कोविड-19 से निपटने के लिए उन्होंने खास एप तैयार किया है। पत्रकारों से रुबरू होते हुए उन्होंने बताया कि इस एप्लीकेशन की सोच उनकी स्वयं की है। उन्होंने बताया कि इस एप्लीकेशन को एज ए क्लाइंट और एज ए डेवलपर मैंने ही डेवलप किया है। उन्होंने कहा इसमें सारी जानकारी समय-समय पर उपलब्ध रहे, इसके लिए इसको अपडेट करने के लिए टीम का गठन भी किया गया है। उन्होंने बताया कि इसकी कमान खुद मेरे ही पास रहेगी। डीएम शुभ्रा सक्सेना की तरफ से बनाए गए इस एप्लीकेशन को गूगल प्ले स्टोर लोग तीन दिनों के बाद डाउनलोड कर सकते हैं। उन्होंने इस खास तैयार एप्लीकेशन का नाम ‘कोविड-19 कंटेनमेंट’ रखा है। इस एप्लीकेशन की साइट- www.coronacontainmentrbl.com है।
मरीजों की सभी डिटेल होगी शामिल
‘कोविड-19 कंटेनमेंट’ ऐप के जरिये संदिग्ध कोरोना मरीज, संक्रमित मरीज जिनका इलाज चल रहा है या उनकी आने वाली रिपोर्ट से लेकर पर्सनल डिटेल तक की जानकारी इसमें शामिल की जाएगी। यह डिटेल इस एप्लीकेशन के जरिये सभी अधिकारियों व कर्मचारियों तक पहुंचाई जाएगी। इससे कर्मचारियों और अधिकारियों को आसानी से हॉट स्पॉट स्थल तय करने में सहायता मिलेगी। एक ही जगह पर सारी डिटेल होने की वजह से किसी को जानकारी के लिए इधर-उधर भटकना और भ्रमित भी नहीं होना पड़ेगा। डीएम द्वारा तैयार किए गए इस खास ऐप को स्वास्थ्य विभाग और अन्य अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर अपडेट किया जाएगा। रायबरेली के सभी अधिकारियों को इस ऐप के जरिये यह अपडेट करना होगा कि आखिरकार कोरोना वायरस किस प्रकार बढ़ रहा है या घट रहा है या कितने क्षेत्रों में प्रभावित होगा। उसी हिसाब से सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को आगे की नीति बनानी होगी।
जनता को ऐप के जरिए मिलेगी जानकारी
जिले में कितने कोरोना वायरस के मरीज है और कितने लोग संदिग्ध है, कितने इलाकों इसका खतरा ज्यादा है और हॉट स्पॉट के रूप में कौन सा स्थल उभर रहा है, इन सबकी जानकारी इसी ऐप के जरिए मिल सकेगी। रायबरेली के लोग इस ऐप को तीन दिनों के बाद गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकेंगे। अगले तीन दिनों में इसका मोबाइल एप्लीकेशन भी तकनीकी टीम डेवलप कर देगी। डीएम की तरफ से बनाया गया यह खास ऐप जनता के लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो सकता है। वैसे, डीएम शुभ्रा सक्सेना की तरफ से बनाए गए इस ऐप का उद्देश्य सिर्फ कर्मचारियों अधिकारियों तक समय से और सही सूचना पहुंचाना है। लेकिन जनता के लिए इसकी उपयोगिता भी बहुत हो सकती है। रायबरेली की जनता इस ऐप के जरिए आसानी से जान सकती है कि कोरोना वायरस किस क्षेत्र में पाया गया है और उसके आस-पास कितनी दूरी तक इसका प्रभाव है। उस कोरोना मरीज की किस प्रकार की जांच चल रही है और उसका परिणाम क्या रहा है।