अब इंस्पेक्शन एवं सर्टिफिकेशन सेंटर के जरिए होगी वाहन के 'सेहत' की जांच

वाहनों की 'सेहत' खराब होने से प्रकृति की 'सेहत' पर असर पड़ता और फिर उसके बाद मानव की 'सेहत' पर भी इसक असर पड़ता है। वाहनों की खराब होने वाली 'सेहत' की जांच करने के लिए सरकार की तरफ से केंद्र बनाय जा रहा है। भारत सरकार के सहयोग से लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में इंस्पेक्शन एवं सर्टिफिकेशन सेंटर का निर्माण कराया गया है। इस सेन्टर के स्थापित हो जाने से पारदर्शी तरीके वाहनों के स्वस्थता की जांच हो रही है तथा मार्ग दुर्घटनाओं में भी आशातीत कमी आने लगी है। इसी तरह आगरा एवं कानपुर नगर में भी इंस्पेक्शन एवं सर्टिफिकेशन सेंटर निर्माणाधीन है। विश्व बैंक परियोजना के अन्तर्गत 05 जनपदों- झांसी, मुरादाबाद, बरेली, गोरखपुर एवं मेरठ में ऐसे नये सेंटर बनाया जाना प्रस्तावित है।
इंस्पेक्शन एवं सर्टिफिकेशन सेंटर के माध्यम से पारदर्शी तरीके से होगी जांच
परिवहन विभाग की तरफ से जारी की गई जानकारी के अनुसार बरेली एवं कानपुर नगर में मोटर साइकिल एवं हल्के मोटर यानों हेतु ड्राइविंग टेस्टिंग की कंप्यूटराइज्ड प्रणाली को विकसित किया गया है। बरेली में स्थापित सेंटर के संचालन की कार्यवाही तेजी से चल रही है। इस प्रणाली से अनुज्ञापन निर्गमन में मानवीय हस्तक्षेप कम होगा। इसके अतिरिक्त 02 अन्य जनपदों यथा- आजमगढ़ एवं प्रतापगढ़ में ऐसे ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक निर्माणाधीन है।
इसी प्रकार प्रदेश में ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट डी0टी0आई0 का भी निर्माण कराया जा रहा है। ऐसे इंस्टीट्यूट की स्थापना/संचालन हेतु कन्फेडेरेशन ऑफ इंडियन इन्डस्ट्रीज (सीआईआई), कौशल विकास विभाग व परिवहन विभाग के मध्य एमओयू किया गया। वर्तमान में 15 जनपदों यथा गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, मुरादाबाद, मथुरा, मिर्जापुर, सहारनपुर, अलीगढ़, बरेली, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, आजमगढ़, एवं झांसी में डी0टी0आई0 (ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट) निर्माणाधीन है। प्रत्येक केंद्र की अनुमानित लागत लगभग रू0 4.00 करोड़ से 4.50 करोड़ है।
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