आईआईटी मुंबई के छात्रों का कमाल, पूरी तरह से सौर ऊर्जा से रोशन होने वाला बनाया घर

आईआईटी मुंबई के छात्रों ने चीन में इस साल होने वाली सोलर डेकाथलॉन के लिए एक ऐसा घर तैयार किया है, जो पूरी तरह सौर ऊर्जा से जगमग होगा। इस घर की बिजली की जरुरतों को पूरा करने के लिए बिजली का नहीं, बल्कि पूरी तरह सोलर एनर्जी का इस्तेमाल होगा। आईआईटी मुंबई की टीम ने इस घर को तैयार किया है।
तीन कमरों के इस घर की बिजली की जरूरतों को केवल सोलर एनर्जी से पूरा किया जा रहा है। फिर चाहें कमरों में लाइट की बात हो या फिर एसी चलाने की, ऊर्जा की सारी जरूरतें इस घर की छत पर लगे सोलर पैनल से पूरी होगी। आईआईटी के छात्रों द्वारा तैयार किया गया ये घर केवल इसलिए नहीं खास है, कि ये सोलर एनर्जी से रोशन होगा, बल्कि ये खुद इतनी बिजली पैदा करने में सक्षम होगा कि जरूरत पड़ने पर बिजली ग्रिड को सरप्लस बिजली सप्लाई करेगा। आईआईटी मुंबई के डायरेक्टर डॉक्टर देवांग खाकर ने बुधवार को इस घर का लोकार्पण किया।
चीन में सोलर डेकाथलॉन में भारत की तरफ से पेश होगा ये मॉडल
इस साल चीन में होने वाले सोलर डेकाथलॉन में ये भारत की तरफ से इकलौती एंट्री होगी। मगर चुनौती एक ऐसी स्टेट ऑफ द आर्ट तकनीक विकसित करने की है, जो घर के डिजाइन, निर्माण और उसके संचालन को पूरा कर सके और वो भी पूरी तरह सौर ऊर्जा की मदद से। इसके अलावा भी 40 सदस्यीय टीम के सामने एक बड़ी चुनौती और है, मेटालर्जी में एमटेक कर रहे विजय शर्मा इस टीम के हेड हैं, उनके मुताबिक इस घर को यहां बनाना, फिर ट्रांसपोर्टेशन के लिए अलग करना और मौके पर पहुंचकर इसे 12 दिन में तैयार करना वाकई बड़ी चुनौती है। भारत के अलावा चीन में होने वाले सोलर डेकाथलॉन में कई देश हिस्सा ले रहे हैं। जहां आयोजन समिति घरों की काबिलियत परखने के लिए उसमें डिनर होस्ट करने के अलावा कई तरह के कार्यक्रम करेगी।
अब कैंपस में घर बनाने की तैयारी
आईआईटी मुंबई की टीम जल्द ही आईआईटी मुंबई के कैंपस में इस घर को बनाने का काम शुरू करेगी। टीम की इलेक्ट्रिकल हेड भाव्या ज्योति ने बताया कि ये 1800 स्केवयर फीट पर बना एक एक रो-हाउस होगा। इस घर की काबिलियत परखने के लिए इसे आंध्रप्रदेश के अमरावती ले जाया जाएगा, ऐसा इसलिए क्योंकि यहां का मौसम चीन के डेजू शहर से मेल खाता है, जहां जुलाई-अगस्त में सोलर डेकाथलॉन होना है।
दूसरे घरों से कुछ इस तरह अलग होगा ये घर
भाव्या ने बताया कि इस घर के निर्माण में हाइब्रिड कंस्ट्रक्शन तकनीक का इस्तेमाल होगा। इसमें पहले से ही बने स्टील के फ्लोर ग्रिड लगेंगे, जिसे मकान के कॉलम पर बिना वेल्डिंग के ही रखा जाएगा। वहीं घर की दीवारें ऐसे पैनल से बनेंगी, जो पर्यावरण के अनुकूल होगी और ऊर्जा जरूरतों का बड़ा हिस्सा वातावरण से ही ले लगी। इससे निर्माण में लगने वाला वक्त कम हो जाएगा। ये घर पूरी तरह स्मार्ट होगा। वहीं पूरे घर में मॉड्यूलर वायरिंग की जाएगी, जिससे घर सुरक्षित रहेगा। वहीं घर के अगले हिस्से में पारंपरिक जालियों का इस्तेमाल किया जाएगा, जो घर में जरुरत के मुताबिक सूरज की रोशनी पहुंचाएगी। इससे घर भी कम गर्म होगा।
भारत सरकार को दिखाया जाएगा ये घर
आईआईटी मुंबई की टीम ये घऱ तैयार होने पर भारत सरकार को दिखाएगी। टीम का ऐसा मानना है कि अगर सरकार कोशिश करे तो मध्यमवर्गीय लोगों के लिए इस तरह के घर बनाए जा सकते हैं
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