आविष्कार: महज 3 सेकेंड में सैनिटाइज करती है ये बेहद सस्ती मशीन
जब से कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ा है, देश में जगह-जगह सैनिटाइजेशन मशीन लगने की शुरुआत हो चुकी है। सरकार के अलावा निजी तौर पर भी लोग सैनिटाइजेशन मशीन बना रहे हैं। ऐसा ही एक प्रयोग लखनऊ के जीतू शुक्ला ने किया है। उन्होंने एक ऐसी मशीन का निर्माण किया है जो महज 3 सेकेंड में पूरा शरीर सैनिटाइज कर सकती है। इसकी लागत महज दो हजार रुपये आई है। जीतू के अनुसार इसे घर के गेट पर लगा दिया जाए तो ये अंदर आने वाले इंसान के शरीर को सैनिटाइज कर सकती है।
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100 एमएल में 30 लोग होते हैं सैनिटाइज
जीतू ने अपनी इस मशीन को ऑटा सैनिटाइज मशीन नाम दिया है। ये तीन चरणों में सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया पूरी करती है। जब कोई गेट के पास आता है तो ये उस व्यक्ति की लंबाई चौड़ाई की नाम करती है। अब सेंसर ये अनुमान लगाता है कि उस व्यक्ति पर कितने सैनिटाइजर की जरूरत है। अब ये मशीन उस व्यक्ति पर मोटर की मदद से तेजी से सैनिटाइजर स्प्रे करती है। मशीन को स्प्रे करने के लिए 3 सेकेंड के लिए प्रोग्राम किया गया है। ये मशीन इतनी किफायती है कि इसकी मदद से करीब 30 लोगों पर स्प्रे करने में केवल 100 एमएल सैनिटाइजर भी इस्तेमाल होता है। इस तरह से ये एक लीटर सैनिटाइजर में करीब 300 लोगों को वायरस फ्री कर सकती है। इसकी कीमत काफी कम होने के चलते इसे अच्छा आविष्कार माना जा रहा है।
घर के बाहर करनी होगी इंस्टाल
इस मशीन के बारे मे जीतू ने बताया कि उन्होंने इंटरनेट पर देखा था कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोग हाथ सैनिटाइज कर रहे हैं और मास्क पहन रहे हैं। लेकिन कोरोना वायरस आपके कपड़ों के जरिए भी घर में आ सकता है। इसी वजह से उन्हें ये मशीन बनाने की प्रेरणा मिली। उन्होंने बताया कि वे लोगों की सुरक्षा के चलते जरूरत होने पर ऐसी कई डिवाइस बना सकते हैं। बस इसके लिए खरीदने वाले को 2000 रुपये की कीमत चुकानी होगी। जीतू के अनुसार इस मशीन की लागत ही 2000 रुपये है। इसे घर के बाहर इंस्टाल करना होगा, जिसके बाद ये अंदर आने वालों को सैनिटाइज कर सकती है।
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जीतू इससे पहले रोडवेज बसों के लिए एंटी स्लीप डिवाइस बना चुके हैं
पहले बना चुके हैं एंटी स्लीप डिवाइस
लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में रहने वाले जीतू कोई इंजीनियर नहीं है। उन्होंने अपने रेडियो मैकेनिक पिता से थोड़ी बहुत जानकारी हासिल की है। वे बताते हैं कि बचपन से ही अपने पिता को मशीनों को ठीक करते देखा है। इसी के चलते उन्हें मशीनों को बारे में पता है। जीतू के अनुसार वो इससे पहले भी कई उपकरण बना चुके हैं। इसमें एक ऐसा हेल्मेट शामिल है, जो बिना लगाए गाड़ी स्टार्ट ही नहीं होती है। इतना ही नहीं जीतू रोडवेज बसों को हादसे से बचाने के लिए एक ऐसी डिवाइस बना चुके हैं, जो ड्राइवर को झपकी आने पर तुरंत ही एलार्म बजा देती है। इस एंटी स्लीप डिवाइस को उन्होंने खुद बनाया है। इस डिवाइस का प्रयोग बसों में किया भी गया है। वे किसानों की मदद के लिए रोबोट भी बना चुके हैं।
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मंदसौर में बुजुर्ग ने बनाई थी सैनिटाइजर टनल
कोरोना वायरस से बचाव को लेकर देश में ऐसा प्रयोग कई लोग कर चुके हैं। मध्य प्रदेश के मंदसौर में रहने वाले बुजुर्ग इंजीनियर नाहरू खान ने भी एक सैनिटाइजेशन टनल का निर्माण किया है। इसे बनाने में डेढ़ लाख रुपये की लागत आई है। उन्होंने इसको जिला प्रशासन को दान कर दिया था, जिसके बाद इस मशीन को इंदिरा गांधी जिला अस्पताल में लगाया गया है। इसे उन्होंने दो दिन में बनाया है। इस मशीन के अंदर 6 स्प्रे लगे हैं, जो हर तरह से सैनिटाइजर स्प्रे करते हैं। इस मशीन में एक 100 लीटर का टैंक बना है, जो 250 से 350 लोगों को सैनिटाइज कर सकता है। इस मशीन से एक बार में 15 लोग गुजर सकते हैं। नाहरू इससे पहले भी कई उपकरण बनाकर दान कर चुके हैं। इस नेक काम के लिए उन्हें कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है।
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