ट्रैफिक के भारी चालान से बचने में मददगार साबित होगा यह ऐप
एक सितंबर से पूरे देश में भारत सरकार ने संशोधित मोटर वाहन अधिनियम लागू हो गया है। इस अधिनियम के लागू होने के बाद पूरे देश में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर वाहन चालकों पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जा रहा है। वाहन चालकों में इस अधिनियम के लागू होने के बाद भव्य व्याप्त हो गया है। जुर्माने की राशि न देनी पड़े, इसके लिए वाहन चालक कागजात मजबूत करा रहे हैं। गाड़ी के कागजात को मजबूत करने की वजह लापरवाही में फंसे दिल्ली-एनसीआर के ही तीन लोगों पर लगाए गए चालान क्रमशः 23,000, 24,000 और 35,000 रुपये प्रमुख वजह है। वहीं, भुवनेश्वर में एक ऑटोचालक पर 47,500 रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि भारी होने के कारण अब साथ में कागजात लेकर चलना मजबूरी हो गई है। आइए, आज हम आपको बताते हैं कि आप जरा सी सावधानी और डिजिलॉकर या फिर एमपरिवहन एप का प्रयोग करके ऐसे चालानों से मुक्ति पा सकते हैं।
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डिजिलॉकर और एमपरिवहन एप करें डाउनलोड
अगर आप डिजिलॉकर और एमपरिवहन ऐप का प्रयोग करते हैं, तो बहुत सी परेशानियों से बच सकते हैं। आपको इसके लिए सबसे पहले डिजिलॉकर और एमपरिवहन एप को डाउनलोड करना होगा। एप को डाउनलोड करने के बाद आपको आगे की प्रक्रिया के तहत सबसे पहले साइनअप करना होगा। इसके लिए आपको अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। आगे की प्रक्रिया के तहत आपके नंबर पर ओटीपी आएगा और इसको एंटर करते ही आपका एप सत्यापित हो जाएगा। अगले चरण में आपको लॉगिन करने के लिए अपना यूजर नेम और पासवर्ड सेट करना होगा। इसके बाद आपका डिजिलॉकर अकाउंट बन जाएगा। जिसके तहत आप तय नियम के अनुसार अपना अपना आधार नंबर प्रमाणित करें। इसके बाद आधार डेटाबेस में पूर्व में दर्ज मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा। जिसे प्रमाणित करने की प्रक्रिया को पूरा करना होगा इसके बाद आपका डिजिलॉकर अकाउंट बन जाएगा।
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आखिर क्या है डिजिलॉकर की खूबी
आपका डिजिलॉकर बनते ही आपको अपनी आरसी, लाइसेंस और इंश्योरेंस की कॉपी डाउनलोड कर सकते हैं। यही नहीं ऐसा करने पर आपको इन सभी कागजातों को रखने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। यही नहीं अगर कभी भी आपको कहीं पर ट्रैफिक पुलिस पकड़ती है, तो आप ये सभी कागजात डिजिलॉकर की मदद से दिखा सकते हैं। पुलिस के अलावा अन्य जगहों पर भी जरुरत पढ़ने पर इसका प्रयोग किया जा सकता है। यह पूरी तरह से सेफ है और इसे परिवहन मंत्रालय ने मंजूरी दे रखी है। इस डिजिटल लॉकर एप में आपके जरूरी भारतीय एजुकेशनल, मेडिकल, पासपोर्ट और पैन कार्ड डिटेल्स को डिजिटल फॉर्म भी रखे जा सकते हैं। इसके अलावा आप मोबाइल फोन में एमपरिवहन एप में गाड़ी के मालिक का नाम, रजिस्ट्रेशन की तारीख, मॉडल नंबर, इंश्योरेंस की वैधता की जानकारी भी ले सकते हैं। यही नहीं अगर वाहन चालकों किसी तरह के कागजातों की जरुरत पड़ती, तो सरकर की उसे भी मान्यता दी गई है। बता दें केंद्र सरकार ने राज्यों के परिवहन विभागों और ट्रैफिक पुलिस को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी कि वे सत्यापन के लिए दस्तावेजों की ऑरिजिनल कॉपी न लें।
आखिर क्या है डिजिटल लॉकर
डिजिटल लॉकर अथवा डिजिलॉकर का आप लोगों ने बहुत नाम सुना होगा। वास्तव में यह एक तरह का वर्चुअल लॉकर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सुविधा को खुद चार साल पहले जुलाई 2015 में लॉन्च किया था। यही नहीं, इससे जुड़े नियमों को 2017 में नोटिफिाई किया गया था। बाद में इस डिजिटल लॉकर को परिवहन मंत्रालय की ओर से मंजूरी दी गई। मंत्रालय ने कहा कि एक बार लॉकर में अपने डाक्यूमेंट अपलोड करने के बाद उन्हें अपने पास हर समय रखने की जरूरत नहीं होती है। अगर आपसे परिवहन विभाग या फिर यातायात विभाग के अधिकारी कागजात मांगते हैं, तो आप इसे दिखाकर भी काम चला सकते हैं। इस एप में उपलब्ध कागजातों को दिखाकर आप आसानी से बच सकते हैं। अधिकारी को इसे मान्यता देना ही होगा, क्योंकि सरकार इसे मान्य करार दे चुकी है।
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