जयपुर के मोनार्क अमेरिकी सेना के लिए डिजाइन करेंगे फाइटर प्लेन

पिंक सिटी के नाम से मशहूर जयपुर के मोनार्क शर्मा ने कामयाबी के उस मुकाम को हासिल किया है जिस पर उनके माता-पिता के साथ-साथ समूचे जयपुर को गर्व है।
अमेरिकी सेना में साइंटिस्ट के रूप में चयनित मोनार्क को अमेरिकी सरकार 1.20 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी। वे अमेरिकी सेना के फाइटर प्लेन की डिजाइनिंग, मेन्यूफेक्चरिंग व इंसपेक्शन का काम संभालेंगे। बताते चलें कि मोनार्क इसके पहले चन्द्रमा पर चलने वाली 2 सीटर गाड़ी बना चुके हैं।
जानिए कौन हैं मोनार्क शर्मा
मोनार्क के पिता राकेश शर्मा राजस्थान पुलिस में अफसर हैं व मां संतोष शर्मा महिला आयोग की रिटायर्ड काउंसलर हैं। जयपुर के गांधीनगर में रहने वाले मोनार्क महावीर दिगंबर जैन स्कूल से पासआउट हैं और उन्होंनें जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रनिक्स और कम्यूनिकेशन में बैचलर डिग्री ली है।
'मून बग्गी' बना चुके हैं मोनार्क
मोनार्क ने साल 2013 में जूनियर रिसर्च साइंटिस्ट के तौर पर नासा में मास कम्यूनिकेशन विंग ज्वाइन किया था। मोनार्क ने नासा के लिए कॉम्पीटिशन फाइट किया और इंटरनेशनल लेवल पर छठी रैंक हासिल की थी। फिर वहां इंटर्नशिप करके जूनियर रिसर्च साइंटिस्ट बनें।
मोनार्क ने नासा के लूना बोट प्रोजेक्ट में काम किया जिसके तहत चन्द्रमा पर मिट्टी उठाने के लिए मशीन (मून सोइल कनेक्शन) तैयार करने में भागीदारी निभाई। मून बग्गी नाम से मशहूर चन्द्रमा पर चलने वाली 2 सीटर गाड़ी भी मोनार्क की टीम ने बनाई। इस गाड़ी को बनाने वाली टीम में मोनार्क टीम लीडर थे।
देश का नाम रोशन करना चाहते हैं मोनार्क
मोनार्क ने मई 2016 में यूएस आर्मी को ज्वाइन किया। नासा ने उन्हें ग्रीन कार्ड और जॉब ऑफर दिया था। मोनार्क की मेहनत और परफॉर्मेंस को देखते हुए उन्हें डिजाइनिंग और रिसर्च के लिए अवार्ड भी मिले। साल 2016 में मोनार्क शर्मा को आर्मी सर्विस मेडल और सेफ्टी एक्सिलेंस अवॉर्ड भी दिए गए। फिलहाल मोनार्क शर्मा देशभर में घूमकर स्टूडेंट के बीच लेक्चर दे रहे हैं।
मोनार्क ने कहा कि मुझे इंडियन आर्मी में काम करने का मौका नहीं मिला, लेकिन यूएस आर्मी में काम करते हुए अपने देश के लिए गर्व लाउंगा। मैं अपने भारतीय छात्रों को पढ़ाता हूं ताकि वह अपने जीवन में सफलता हासिल कर सकें।
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