बस दो मिनट में गर्मी दूर करेगी देशी खादी की जैकेट

वैसे तो अभी तक जैकेट का प्रयोग ठंडक से बचने के लिए किया जाता था, लेकिन अब आने वाले दिनों में गर्मी से बचने के लिए भी जैकेट का प्रयोग किया जाएगा।
पूर्णरूप से देशी तकनीकी से ऐसा जैकेट तैयार किया गया है, जिसका प्रयोग करके आदमी गर्मी से आसानी से बच सकता है। सिर्फ गर्मी ही नहीं बल्कि सर्दी में भी जैकेट का प्रयोग किया जा सकता है। गर्मी हो या सर्दी, हर मौसम में पहना जाने वाला यह जैकेट दो मिनट के अंदर क्लाइमेट कंट्रोल करता है।
इसके लिए इसमें 'क्लाइमेट गियर' लगा है। जिसके माध्यम से 50 डिग्री सेल्सियस तापमान को दो मिनट में 20 डिग्री सेल्सियस किया जा सकता है।
बिहार के नवादा में निर्माणाधीन पूर्णत: देसी तकनीक से बना यह जैकेट शीघ्र ही बाजार में धूम मचा रहा है। नवादा से सांसद और सह केंद्रीय लघु, मध्यम व कुटीर उद्योग राज्यमंत्री गिरीराज किशोर ने इसका लोकार्पण भी कर दिया है।
खनवां गांव बना चर्चा का विषय
बिहार जिले के खनवां गाँव की जिस गाँव ने कपडा उद्योग के क्षेत्र में एक अहम् व बड़ा कदम उठाया है। अब इस गाँव के उद्योग मात्र कपडा ही नहीं बल्कि एसी (वातानुकूलित) जैकेट भी तैयार कर रहे हैं। इस तरह का काम करने वाला यह गाँव देश का पहला गांव बन गया है, जहां ऐसी जैकेट बनाया जा रहा है।
नवादा के सांसद सह केंद्रीय लघु, मध्यम व कुटीर उद्योग राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने खनवां गाँव स्थित भारतीय हरित खादी ग्रामोदय संस्थान के प्रांगण में यहां की महिलाओं द्वारा सोलर चरखे से तैयार सूत से बने एसी जैकेट को प्रदर्शित किया। इस जैकेट में अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है।
इस जैकेट में क्लाइमेट गियर (रिमोट) है। इसमें नीला व लाल बटन है, जिससे 20 से 25 डिग्री सेल्सियस तक तापमान बढ़ाया व घटाया जा सकता है। रिमोट दबाने के दो मिनट बाद से ही जैकेट शरीर के तापमान को नियंत्रित कर लेगा। इसमें छोटे-छोटे पंखे लगे हुए हैं, जिनसे गरम व ठंडी हवाएं निकलेंगी।
इस जैकेट में स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसमें लगे क्लाइमेट गियर का ईजाद MIT के छात्र क्रांति ने किया है। इसकी कीमत कितनी होगी इस सवाल पर सस्पेंस बना हुआ है।
पॉकेट में लगा है यूजर फ्रेंडली रिमोट
नवादा के 'भारती हरित खादी' के निदेशक विजय पांडेय कहते हैं कि जैकेट में तापमान को नियंत्रित करने के लिए यूजर फ्रेंडली रिमोट है। इसे जैकेट के बाएं साइड के निचले पॉकेट में दिया गया है। लाल बटन तापमान बढ़ाने तथा हरा बटन घटाने के लिए है।
इस रिमोट को क्लाइमेट गियर का नाम दिया गया है। यह जैकेट ऑल वेदर एसी की तकनीक पर काम करता है। इसमें बैटरी से चलने लायक अपेक्षित सुधार किए गए हैं। जैकेट के अंदर ठंडी व गर्म हवा के फैलाव के लिए छोटे-छोटे पंखे लगाए गए हैं।
यह डिवाइस मोबाइल की चार्जेबल बैटरी से संचालित होता है। इसके संचालन के लिए एक रिमोट (क्लाइमेट गियर) होता है। इस तकनीक का इजाद एक इंजीनियरिंग छात्र क्रांति ने किया है।
टूरिस्ट से लेकर सैनिक तक कर सकते हैं उपयोग
विजय पांडेय ने बताया कि इसका उपयोग स्नो-फॉल आदि वाले स्थानों पर जाने वाले टूरिस्ट तो कर ही सकते हैं, यह सियाचीन जैसी ठंडी जगह पर तैनात हमारे वीर सैनिकों के लिए भी उपयोगी है। गर्म रेगिस्तानी इलाकों में भी यह जैकेट उपयोगी साबित होगा। भारत में गर्मी में आने वाले टूरिस्टों के लिए यह जैकेट काफी कारगर साबित होगा।
नीति आयोग से हुई बात
विजय पांडेय ने बताया कि उन्होंने इस जैकेट के प्रमोशन को लेकर बुधवार की देर शाम दिल्ली में नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत से मुलाकात की। इस दौरान जैकेट के सेना से लेकर सिविल उपयोग के विभिन्न पहलुओं पर वार्ता हुई।
'मेक इन इंडिया' का नायाब उदाहरण
विदित हो कि केंद्र की भाजपा सरकार खादी की बिक्री बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 'मन की बात' कार्यक्रम में खादी के उपयोग की अपील कर चुके हैं। पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित यह इस केंद्र की पीएम मोदी सरकार के 'मेक इन इंडिया'का नायाब उदाहरण है।
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