ISRO ने फिर बनाया इतिहास, PSLV-C38 सहित 31 सैटलाइट्स किया लॉन्च

भारत अंतरिक्ष संगठन इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने शुक्रवार को एक और कामयाब सैटलाइट लॉन्च किया। श्रीहरिकोटा स्थित लॉन्चपैड से कार्टोसैट-2s सैटलाइट के साथ 30 नैनो सैटलाइट्स को PSLV-C38 लॉन्च वीइकल से छोड़ा गया।
पीएम मोदी ने दी बधाई
लॉन्च के वक्त इसरो के चेयरमैन एएस किरन कुमार भी मौजूद थे। उन्होंने साथी वैज्ञानिकों को बधाई दी। इस लॉन्च के साथ ही इसरो की ओर से कुल स्पेसक्राफ्ट मिशनों की संख्या 90 हो गई। इसरो को उसकी कामयाबी पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी बधाई दी है।
कुल 31 सैटेलाइट हुए लॉन्च
इस क्रम में धरती के अवलोकन के लिये प्रक्षेपित किये जा रहे 712 किलोग्राम वजनी कार्टोसैट-2 श्रृंखला के इस उपग्रह के साथ करीब 243 किलोग्राम वजनी 30 अन्य सह उपग्रहों को भी एक साथ प्रक्षेपित किए गए। पीएसएलवी-सी38 के साथ भेजे जा रहे इन सभी उपग्रहों का कुल वजन करीब 955 किलोग्राम है।
कई देशों के नैनो उपग्रह शामिल
इन उपग्रहों में भारत के अलावा ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, चिली, चेज गणराज्य, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, लातविया, लिथुआनिया, स्लोवाकिया, ब्रिटेन और अमेरिका समेत 14 देशों के 29 नैनो उपग्रह शामिल हैं. पीएसएलवी-सी38 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के फर्स्ट लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया गया।
क्या होगा फायदा?
धरती पर नजर रखने के लिए लॉन्च किए गए 712 किलोग्राम वजनी कार्टोसैट-2 श्रृंखला के इस उपग्रह के साथ करीब 243 किलोग्राम वजनी 30 अन्य नैनो सैटलाइट्स को एक साथ प्रक्षेपित किया गया। सभी उपग्रहों का कुल वजन करीब 955 किलोग्राम है। साथ भेजे जा रहे इन उपग्रहों में भारत के अलावा ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, चिली, चेक गणराज्य, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका समेत 14 देशों के नैनो उपग्रह शामिल हैं। 29 विदेशी, जबकि एक नैनो सैटलाइट भारत का है। भारत के नैनौ सैटलाइट का नाम NIUSAT है, जिसका वजन महज 15 किलोग्राम है। यह खेती के क्षेत्र में निगरानी और आपदा प्रबंधन में काम आएगा। बता दें कि भारतीय सेना को भी इस सैटलाइट लॉन्च से फायदा होगा। निगरानी से जुड़ी ताकत बढ़ेगी। आतंकी कैंपों और बंकर्स की पहचान उनपर नजर रखने में मदद मिलेगी।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...
