अब महिलाओं की कोख नहीं रहेगी सूनी, हो सकेगा गर्भ ट्रांसप्लांट

जिन महिलाओं की गोद सूनी रह जाती थी उनके लिए खुशखबरी है। जिन महिलाओं की गोद सूनी रह जाती थी उनकी इस परेशानी को मेडिकल साइंस ने बहुत हद तक आसान बना दिया है।
गर्भाशय ट्रासप्लांट के जरिए बांझ महिलाएं भी अब मां बनने का सुख उठा सकती हैं। पुणे में होने वाला भारत को पहला गर्भ ट्रांसप्लांट सफल हो गया है। पुणे के गैलेक्सी केयर लेप्रोस्कॉपी इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल ने अब ये दावा किया है कि महिलाओं की कोख सूनी नहीं रहेगी क्योंकि गर्भाशय ट्रांसप्लांट से महिलाएं आसानी से बच्चे को जन्म दे सकेंगी।
सही जानकारी 3 हफ्ते बाद मिलेगी
गर्भ डोनेट करने वाली मां और जिस महिला का गर्भाशय ट्रांसप्लांट हुआ है दोनों ही सेहतमंद है, हालांकि गर्भ ट्रांसप्लांट कितनी हद तक सफल हुआ है इसकी सही जानकारी 3 सप्ताह बाद मिलेगी। गैलेक्सी केअर लेप्रोस्कॉपी इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल के डॉक्टर्स द्वारा ये ट्रांसप्लांट 12 डॉक्टर्स की टीम की देख-रेख में किया गया। बताते चलें कि गर्भाश्य ट्रांसप्लांट 18 मई को पुणे के गैलेक्सी केयर अस्पताल में होना था। ये ट्रांसप्लांट वडोदरा में रहने वाली 26 वर्षीय महिला का हुआ है। इस महिला की 44 वर्षीय मां ने अपना गर्भाशय डोनेट किया है।
क्या थी समस्या
26 वर्षीय इस महिला का चार बार एबॉर्शन हो चुका था ऐसे में मां बनना मुश्किल था, तो इस महिला की मां ने अपना गर्भ बेटी को देने का फैसला किया। राज्य सरकार ने गैलेक्सी केयर अस्पताल को कुछ ही दिनों पहले गर्भ ट्रांसप्लांट का लाइसेंस दिया है।
18 मई 2017 से पहले बच्चेदानी का ट्रांसप्लांट 2012 में स्वीडन में किया गया था, जिस महिला का गर्भ ट्रांसप्लांट हुआ था वो 2014 में मां बनी। दुनियाभर में अब तक 25 ऐसी सर्जरी हो चुकी हैं जिसमें गर्भाश्य ट्रांसप्लांट हुआ।
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