चांद पर उतरने की तैयारी में है भारत का यह स्टार्टअप, रचेगा इतिहास

चांद पर तो हर कोई पहुंचना चाहता है! अब तक भारत के अलावा तीन देश अमेरिका, रूस और चीन चांद पर कदम रख चुके हैं। अब जो होने वाला है वो ऐतिहासिक होगा। ऐसा पहली बार होगा जब एक भारतीय स्टार्टअप कंपनी चांद पर तिरंगा फहराने की तैयारी कर रही है।
बंगलुरु के टीमइंडस नाम का एक स्टार्टअप सफलता की नई उड़ान भरने जा रहा है। टीमइंडस को इसरो (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन) की ओर से पीएसएलवी दिया जा रहा है जिसके जरिए यह भारत के पहले प्राइवेट मून मिशन को लॉन्च करेगा। यह प्राइवेट स्पेस टेक्नॉलजी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ कदम मिलाकर अंतरिक्ष में बड़ा कदम रखने की तैयारी में है। इस तरह टीमइंडस चांद पर अपना स्पेसक्राफ्ट भेजने वाली दुनिया की पहली निजी कंपनी बन जाएगी।
कौन हैं टीमइंडस?
2011 में एस्ट्रोनॉमी में दिलचस्पी रखने वाले कुछ युवाओं ने इस स्टार्टअप को शुरू किया था। उनका सपना था चंद्रमा पर अपना सैटेलाइट भेजना, लेकिन किसी के पास भी प्रोफेशनल एक्सपेरियंस नहीं था। लेकिन अब कुछ ही समय में इसरो के कॉमर्शियल आर्म एन्ट्रिक्स कॉरपोरेशन के साथ टीमइंडस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाली है। इसके लिए उन्हें दो साल का इंतजार करना पड़ा।
टीमइंडस ने बताया कि वह पोलर सैटेलाइट लॉन्ट वीइकल (PSLV) के जरिए चांद पर अपना अंतरिक्ष यान दिसंबर 2017 में भेजेंगे। टीमइंडस के फ्लीट कमांडर राहुल नारायण ने बताया कि यह मिशन भारत को ऐसे देशों के क्लब में शामिल कर देगा जिनकी चांद पर लैंड करने की तकनीक प्रमाणित है। साथ ही यह स्पेस को और अच्छे से जानने के नए रास्ते खोल देगा।
यह यान धरती पर चंद्रमा की फोटोज और वीडियोज भेजेगा। टीम को सफलता मिलने पर स्टार्टअप को गूगल लुनर एक्स-प्राइज भी मिल सकता है। यह कॉम्पीटिशन में शॉर्ट लिस्ट होने वाली भारत की इकलौती कंपनी है।
204 करोड़ रुपये की फंडिंग मिलेगी
यह प्रॉजेक्ट गूगल लूनर एक्सप्राइज की वैश्विक चुनौती का हिस्सा है जिसमें टीमइंडस इकलौती भारतीय कंपनी है। लूनर एक्सप्राइज के तहत चांद की सतह पर अंतरिक्ष यान उतारने, 500 मीटर तक चलाने और फोटो, विडियो पृथ्वी पर वापस भेजने के लिए लगभग 204 करोड़ रुपये की फंडिंग मिलेगी। साथ ही यह कंपनी गणतंत्र दिवस 2018 के दिन चांद पर तिरंगा फहराना चाहती है।
इसरो के चैयरमैन एएस किरण कुमार ने कहा, 'हम देखना चाहते हैं कि भारत के ज्ञान का प्रयोग दुनिया के लिए किया जा सकता है।' टीमइंडस में इन्वेस्ट करने वालों में रतन टाटा, नंदन निलकेणी, सचिन बंसल और बिन्नी बंसल समेत कई बड़े नाम शामिल हैं। टीमइंडस के स्पेसक्राफ्ट को बंगलुरु में 100 लोगों की इंजिनियरिंग टीम (जिसमें 20 रिटायर्ड इसरो वैज्ञानिकों शामिल थे) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।
28 दिसंबर 2017 को लॉन्च की उलटी गिनती शुरू हो जाएगी। पीएसएलवी से पृथ्वी की ऑरबिट में स्पेसक्राफ्ट को इंजेक्ट किया जाएगा। जिसके बाद 21 दिनों के सफर के बाद स्पेसक्राफ्ट चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंड करेगा।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...
