पाक-चीन को मिलेगा करारा जवाब, भारत ने किया इंटरसेप्टर मिसाइल का परीक्षण

भारत ने आज रक्षा क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। शनिवार को ओडिशा के तट से भारत ने अपनी इंटरसेप्टर मिसाइल का सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण किया और द्विस्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित करने की दिशा में एक अहम उपलब्धि हासिल की।
सुबह किया गया प्रक्षेपित
इस इंटरसेप्टर मिसाइल को आईटीआर के अब्दुल कलाम द्वीप (व्हीलर द्वीप) से सुबह सात बजकर 45 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया। रक्षा अनुसंधान विकास संगठन के एक अधिकारी ने कहा कि पीडीवी नामक यह अभियान पथ्वी के वायुमंडल से 50 किमी उपर बाहरी वायुमंडल में स्थित लक्ष्यों के लिए है।
भारत की बड़ी कामयाबी
उन्नत तकनीकी वाली इस मिसाइल का सफल परीक्षण भारत के लिए एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। जो बैलेस्टिक मिसाइल वाले दुश्मन देशों को जवाब देने के लिए बड़ा हथियार बनेगी और भारत के सुरक्षा कवच का काम करेगी। इस मिसाइल से भारत की सैन्य ताकत में बड़ा इजाफा होगा। खासकर पाकिस्तान और चीन के हमलों का जवाब देने के लिए ये मिसाइल भारत के लिए काफी अहम रोल अदा कर सकती है।
बंगाल की खाड़ी में एक पोत से दागा गया
लक्ष्य मिसाइल को दरअसल 2000 किमी से अधिक दूरी से आती शत्रु बैलिस्टिक मिसाइल के तौर पर विकसित किया। इसे बंगाल की खाड़ी में एक पोत से दागा गया। एक स्वचालित अभियान के तहत रडार आधारित प्रणाली ने शत्रु की बैलिस्टिक मिसाइल की पहचान कर ली। रडार से मिले आंकड़ों की मदद से कंप्यूटर नेटवर्क से आ रही बैलिस्टिक मिसाइल का मार्ग पता लगा लिया। इंटरसेप्शन टैक्नोलॉजी वाली इस मिसाइल ने ट्रायल के दौरान जमीन से 97 किलोमीटर की ऊंचाई पर दुश्मन मिसाइल को ढेर कर दिया।
पाक-चीन के पास बैलिस्टिक मिसाइल
भारत के दोनों पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण कर चुके हैं। पाकिस्तान ने जनवरी 2017 में ही अपनी बैलिस्टिक मिसाइल अबाबील का सफल परीक्षण किया था। अबाबील न सिर्फ 2200 किलोमीटर की दूरी तक जमीन से जमीन तक मार करने में सक्षम है बल्कि उसके जरिए परमाणु हथियार भी ले जाया जा सकता है।
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