भारत ने पहली बार टोही पोत से किया सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण

भारतीय नौसेना के एक पोत से शुक्रवार को पहली बार जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। रक्षा मंत्रालय से जुड़े एक सूत्र ने बताया, 'भारतीय नौसेना के एक टोही पोत से पहली बार जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया गया।'
सूत्र के मुताबिक, ' भारतीय नौसेना ने अभी तक ब्रह्मोस के पोत रोधी संस्करण का ही परीक्षण किया था।' इस परीक्षण से भारत इस क्षमता वाले कुछ चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है। भारतीय सेना में 2007 से ब्रह्मोस का जमीन पर मार करने वाला संस्करण संचालित है। ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किलोमीटर और गति 2.8 मैच है। इसे जमीन, समुद्र और उपसमुद्र से समुद्री और जमीनी निशानों पर मार किया जा सकता है।
भारत और रूस ने इसे संयुक्त रूप से तैयार किया है और इसे श्वि की एकमात्र ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल माना जा रहा है। इस मिसाइल को भारतीय नौसेना में 2005 में पहली बार शामिल किया गया था।
गति बढ़ने के साथ और भी घातक हो जाएगी 'ब्रह्मोस'
भारत और रूस ने इसे संयुक्त रूप से मिलकर तैयार किया है। इसे विश्व की एकमात्र ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल माना जाता है जिसका निशाना अचूक है। अब दोनों देश मिलकर इसकी रेंज के साथ-साथ स्पीड बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। जब इसकी गति बढ़ जाएगी तब यह और भी घातक हो जाएगा।
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