IIT कानपुर में इंजीनियरिंग के साथ ही मेडिसिन पर होगा रिसर्च, जल्द बनेगा सेंटर

तकनीकि क्षेत्र में देश और दुनिया में नाम करने वाला आईआईटी कानपुर कुछ साल बाद चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में भी अपने झंडे गाड़ने जा रहा है। इंजिनियरिंग और तकनीक के सलूशन देने में अग्रणी आईआईटी कानपुर अब बहुत ही जल्द कुछ नया करने जा रहा है। अब यहां पर भविष्य में बनने वाला है सेंटर फॉर इंजिनियरिंग इन मेडिसिन। यह सेंटर अमेरिका के मेहता फैमिली फाउंडेशन के आर्थिक सहयोग से बनेगा। इस सेंटर में री-जेनरेटिव, मॉलिक्यूलर और डिजिटल दवाओं पर शोध होग। आईआईटी कानपुर और के मेहता फैमिली फाउंडेशन के बीच में एमओयू पर साइन हो गया है। माना जा रहा है कि देश में अपने तरह के पहले रिसर्च सेंटर से भविष्य में दवाओं के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन होगा।
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आईआईटी कानुपर के प्रोफेसर बीवी फणी के अनुसार, देश में बीमारियों पर काम करने के लिए फिलहाल एम्स जैसे संस्थान हैं। एम्स में काम का बहुत दबाव है इसके अलावा एक सीमा के बाद रिसर्च की सुविधाएं यहां पर हो भी नहीं सकती हैं। वर्तमान में चिकित्सा विज्ञान को इंजिनियरिंग से जोड़ने की जरूरत है। आईआईटी कानपुर के कई विभागों से लखनऊ के कई चिकित्सा संस्थानों को महत्वपूर्ण उपाय उपलब्ध कराए जा चुके हैं। अब इसी क्रम में अमेरिका के मेहता फैमिली फाउंडेशन ने आईआईटी कानपुर को दवाओं में इंजिनियरिंग करने के लिए सेंटर बनाने में मदद की है। यहां पर अगले दो साल के अंदर में सेंटर बन जाएगा और इसके लिए फाउंडेशन की तरफ से 40 करोड़ रुपये मिलेंगे। यही नहीं, उपकरणों और अन्य सुविधाओं के लिए आंतरिक फंडिंग समेत कुछ और उपाय किए जाएंगे।
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डिजिटल मेडिसिन पर होगा शोध
आईआईटी के निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर ने बताया, भविष्य में चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में गंभीर चुनौतियां आएंगी। इन चुनौतियों ने निपटने में तकनीक की कामयाब होगी। ऐसे में अब हमें तैयार होने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि कानपुर आईआईटी में तैयार होने के बाद यह देश में अपने किस्म का पहला ऐसा केंद्र होगा, जहां बेहतरीन और गुणवत्तापरक रिसर्च होगा। इस संस्थान में री-जेनरेटिव, मॉलिक्यूलयर और डिजिटल मेडिसिन पर मुख्स फोकस रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में इनमें क्रांतिकारी बदलावों की उम्मीद की जा रही है। बता दें चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में बायो साइंसेज और बायो-इंजिनियरिंग विभाग (बीएसबीई) पहले ही गंभीर काम कर रहा है, जो इस सेंटर के लिए नींव का काम करेगा। उन्होंने बताया कि योजनानुसार केंद्र पर 20 से 25 संकाय सदस्य होंगे। उन्होंने कहा कि इसमें 100 से 125 पीएचडी छात्र, 40 से 50 छात्र एम-टेक तथा 25 से 30 छात्र एमएस, कुल मिलाकर 175 से 200 छात्र सभी संकायों के होंगे।
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