‘पानी’ से चलने वाली पहली बस शुरू, जानें कैसे बनता है पानी से ईंधन

देश के वैज्ञानिकों ने पानी से चलने वाली पहली तैयार कर ली है। ये बस बाजार में आ चुकी है और इसका ट्रायल भी होने लगा है। हाइड्रोजन से चलने वाली इस बस को हरियाणा के फरीदाबाद स्थित इंडियन आॅयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के अनुसंधान एवं विकास केंद्र में बनाया गया है।
आईओसी के मुताबिक, अब करीब दो साल तक इसके लंबी अवधि के ट्रायल किए जाएंगे ताकि इसकी ड्यूरेबिलिटी और एफिशिएंसी का आकलन किया जा सके। इसके बाद सफलता के आधार पर इसकी कमर्शियल दिशा तय होगी। ट्रायल के दौरान ये बस फरीदाबाद में सेक्टर 13 के सेंटर से दिल्ली में द्वारका के आईओसी के अन्य केंद्र तक चलाया जाएगा। यह दूरी करीब 52 किलोमीटर है। आईओसी के दोनों ही केंद्रों पर हाइड्रोजन फिलिंग स्टेशन बने हुए हैं।
इस हाइड्रोजन फ्यूल बस को तैयार करने में टाटा मोटर्स के अलावा डिपार्टमेंट ऑफ साइंटिफिक एंड डस्ट्रियल रिसर्च (डीएसआईआर) और मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी (एमएनआरई) का भी आंशिक आर्थिक सहयोग रहा है।
ये है पानी से ईंधन बनाने की प्रक्रिया
वैज्ञानिकों के मुताबिक पानी दो एटम हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से मिलकर बना होता है। वैज्ञानिक लैब में ‘इलेक्ट्रो लाइसिस’ तकनीक से दोनों को अलग कर देते हैं। इसके बाद हाइड्रोजन को सिलेंडर में स्टोर कर लिया जाता है। फिर हाइड्रोजन फिलिंग स्टेशन से इन सिलेंडरों के जरिए हाइड्रोजन को बस में डाला जाता है।
2005 में हुई थी प्रोजेक्ट की शुरुआत
खबरों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने 2005 में प्रोजेक्ट शुरू किया था। इंडियन ऑयल रिसर्च सेंटर को नोडल एजेंसी बनाया गया था। तब सीएनजी में 2 फीसदी हाइड्रोजन मिलाया गया। इसके बाद धीरे-धीरे हाईड्रोजन की मात्रा 100 फीसदी पर ले गए।
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