दृष्टिहीनों के जीवन में रोशनी लाने का काम करेगा ‘आईस्क्राइब’ !

बिन रोशनी के भी दृष्टिहीनों के जीवन में रोशनी लाने का काम गुड़गांव के एक स्कूली छात्र ने किया है। प्रतिभा के धनी 16 वर्षीय छात्र ने दृष्टिहीनों के लिए एक ऐसा उपकरण बनाया है जो उनको न केवल पढ़ने में मदद करेगा बल्कि सड़क पर चलने के दौरान आसपास की आवाजों को एक ध्वनि में तब्दील कर किसी चीज की तस्वीर उनके दिमाग में बना देगा।
नीति आयोग ने दिया अनुदान
गुड़गांव के एक निजी स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले 16 वर्षीय गुरसिमरन सिंह ने ‘आईस्क्राइब’ नाम का चश्मे जैसा एक उपकरण बनाया है। दृष्टिहीन व्यक्ति कुछ सामग्री पढ़ना चाहेगा तो उसे यह चश्मा ऑडियो के रूप में उसे सुना देगा। इस उपकरण के लिए नीति आयोग ने उसे आर्थिक अनुदान भी दिया है और वह अगले महीने ‘प्रुडेनशियल स्पिरिट ऑफ कम्युनिटी अवॉर्ड ग्लोबल सैरेमॅनी’ के लिए अमेरीका जाएगा।
गुरसिमरन ने बताया कि, मैंने चश्मे जैसा एक उपकरण बनाया है, जिसका नाम ‘आईस्क्राइब’ है। यह दृष्टिहीन लोगों की पढ़ने में मदद करेगा। चाहे लिखे हुए शब्द किसी भी भाषा में क्यों न हों। इस उपकरण के लिए सिंह को हाल ही में ‘सातवां वार्षिक प्रामेरिका स्पिरिट ऑफ कम्युनिटी अवार्ड’ मिला है जिसमें उसे 50,000 रुपए दिए गए हैं।
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