अब सिर्फ दो दिन के अंदर आपका नम्बर हो जाएगा पोर्ट

अभी तक जब आप अपना नम्बर पोर्ट कराने की सोचते थे तो ज्यादा समय न लगे के इसके डर से कई बार या तो पीछे हट जाते थे या फिर चार-पांच दिन के लिए नम्बर बंद करना पड़ता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की प्रक्रिया को तेज करने के लिए कुछ बदलाव किए हैं।
अब नंबर पोर्ट कराने के दो दिन के अंदर ही ये प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इसके अलावा अन्य सर्किल का नंबर होने पर पोर्टेबिलिटी के समय को 4 दिन का करने के लिए कहा गया है। TRAI की ओर से दिए गए बयान के अनुसार, पोर्टेबिलिटी के प्रॉसेस को और आसान बनाने के लिए नियमों में बदलाव किए हैं। इसके अलावा अगर टेलिकॉम ऑपरेटर्स मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की रिक्वेस्ट के संबंध में गलत जानकारी देते हैं या गलत तरीके से रिक्वेस्ट को रद्द करते हैं तो उन्हें 10 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा।
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ट्राई ने कहा कि समान टेलिकॉम सर्किल में पोर्टिंग रिक्वेस्ट के लिए 2 वर्किंग डे की टाइम लिमिट तय की गई है जबकि एक से दूसरे सर्किल में नंबर पोर्ट करवाने के लिए चार दिन का समय दिया गया है। इसके अलावा सभी टेलिकॉम सर्किल में यूनिक पोर्टिंग कोड (UPC) की वैलिडिटी को भी 15 दिन से घटाकर 4 दिन कर दिया गया है, हालांकि जम्मू-कश्मीर, असम और नॉर्थ-ईस्ट में इसकी वैधता में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
नियमों को लागू करने में छह महीने का लगेगा समय
नए नियम के अनुसार यूनीक पोर्टिंग कोड केवल उन्हीं मोबाइल नंबर के लिए जनरेट किया जा सकेगा जो सभी नियमों को पूरा करते हैं। ट्राई ने इन नियमों को लागू करने के लिए छह महीने का समय दिया है। किसी उपभोक्ता ने अगर पोर्टिंग के लिए मैसेज रिक्वेस्ट डाल दी है और बाद में वह उस ऑपरेटर में स्विच नहीं करना चाहता है तो मात्र 1 मैसेज कर के वह रिक्वेस्ट को कैंसिल कर सकता है। वहीं अगर कॉर्पोरेट पोर्टिंग की बात करें तो अभी तक एक ऑथेराइजेशन लेटर से सिर्फ 50 नंबर को पोर्ट करवाया जा सकता था जिसे बढ़ाकर 100 कर दिया गया है।
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