अपने घर आईपीएल ट्राफी ले जाने में कामयाब रही हैं ये टीमें

आईपीएल सीजन 11 की शुरुआत 7 अप्रैल से होने जा रही है। शानदार शॉट, बेहतरीन फ़ील्डिंग, धाकड़ गेंदबाज़ी और सांस रोक देने वाले मुक़ाबले के रूप में आईपीएल की पहचान है। करीब तीन घंटे तक चलने वाला यह मुकाबला दर्शकों के बीच में पूरा समां बांध देता है। ऊपर से चीयरलीडर्स का प्रदर्शन और दर्शकों का शोर इस टूर्नामेंट को और भी ख़ास बनाता है। अपनी ख़ासियत की वजह से हर सीजन में आईपीएल का जादू दर्शकों पर सर चढ़कर बोलता है। अलग-अलग शहरों में होने वाले हर मुकाबलों में स्टेडियम दर्शकों से भरे रहते हैं। अगर आईपीअल को दुनिया का सबसे मनोरंजक क्रिकेट लीग कहा जाए तो ज़रा भी ग़लत नहीं होगा।
ललित मोदी द्वारा सृजित क्रिकेट का यह नायाब टूर्नामेंट अब एक दशक पुराना हो चुका है और इसमें कुल 13 टीम शामिल हो चुकी हैं। इन टीम में से सिर्फ़ राजस्थान रॉयल्स, डेक्कन चार्जर्स, चेन्नई सुपर किंग्स, कोलकाता नाइटराइडर्स, सनराइज़र्स हैदराबाद और मुंबई इंडियंस ने ही ख़िताब जीता है। इन टीमों में सबसे ज्यादा बार मौजूदा मुंबई इंडियंस की टीम तीन बार ट्राफी को अपने घर ले जाने में कामयाब रही है।
राजस्थान रॉयल्स के नाम रहा है आईपीएल का पहला खिताब

राजस्थान रॉयल्स ने अपनी धमक इस बार नीलामी में ही जमा दी थी। जब राजस्थान रायल्स की टीम ने पिछले सीजन में भुवनेश्वर कुमार के बाद सबसे बेहतरीन गेंदबाज रहे जयदेव उनादकट को साढ़े 11 करोड़ रुपये में खरीदा। दो साल के बाद वापसी करने के बाद टीम इस बार भी अपनी पुरानी लय बरकरार रखते हुए अपने दर्शकों को जीत को तोहफा देना चाहती है। आईपीएल सीजन का पहला मुकाबला राजस्थान रॉयल्स ने साल 2008 में जीता था। इसके बाद टीम ने 2013 और 2015 में प्लेऑफ़ में जगह बनाई थी। इस टीम की जीत का प्रतिशत 64 के क़रीब है। हर ऑईपीएल सीज़न में इस टीम को कमतर आंका गया है लेकिन रॉयल्स ने सबको ग़लत साबित कर दिया। साल 2018 में 2 साल के वनवास के बाद इस टीम की वापसी हो रही है, ऐसे में राजस्थान टीम की नज़र दूसरी बार ख़िताब जीतने पर होगी।
विदेशी सरजमीं पर डेक्कन चार्जर्स बनी थी चैंपियन

भारत में लोकसभा के चुनाव होने के कारण आईपीएल का दूसरा सीजन विदेशी सरजमीं पर हुआ था। 2009 में हुई आईपीएल के दूसरे सीजन में पहले सीजन की सबसे कमजोर टीम रही डेक्कन चार्जर्स ने बाजी मारी थी। टीम ने अपने प्रदर्शन में सुधार किया और अंतत: सफलता हासिल की थी। एडम गिलक्रिस्ट जैसे अनुभवी बल्लेबाजों ने टीम को जीत तक पहुंचाया था। आईपीएल का दूसरा सीजन पहली बार विदेशी धरती ( दक्षिण अफ्रीका) पर खेला गया।
एक बार फिर जलवा दिखाने को बेताब चेन्नई सुपर किंग्स

स्पॉट फिक्सिंग के मामले में आने के कारण टीम को 2 सालों के लिए प्रतिबंधित रही टीम एक बार फिर से मुकाबले को तैयार है। चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाड़ी एक बार फिर से अपना जलवा दिखाने के लिए बेताब है। चेन्नई सुपर किंग्स पर आंख मूंद कर भरोसा किया जा सकता है कि वह अब तक की सबसे बेहतरीन आईपीएल टीम रही है। ‘कैप्टन कूल’ महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में यह टीम शुरुआत से ही रही है। इस बार फिर से वे ही इस टीम का नेतृत्व करेंगे। टीम को बेहतरीन इसलिए कहा जाता है कि ये इकलौती ऐसी टीम है जिसने जब भी आईपीएल खेला है, तब-तब प्लेऑफ़ में जगह बनाई है। इस टीम के नाम एक रिकार्ड यह भी है कि चेन्नई सुपरकिंग्स 6 बार फ़ाइनल पहुंची है। धोनी की इस टीम ने 2 बार आईपीएल ख़िताब पर कब्ज़ा जमाया है। साल 2010 और साल 2011 में चेन्नई चैंपियन बनी थी। ये आईपीएल की एकमात्र ऐसी टीम है जिसने अपना आईपीएल टाइटल डिफ़ेंड किया था। एमएस धोनी, सुरेश रैना, ड्वेन ब्रावो, ब्रेंडन मैकुलम जैसे खिलाड़ी इस टीम की शान रहे हैं।
दो बार की चैंपियन रही है कोलकाता नाइटराइडर्स

हर मुकाबले में गंभीर सोच के साथ मुकाबला करने वाली कोलकाता नाइटराइडर्स उन 3 टीमों की लिस्ट में शामिल है जिन्होंने एक से ज़्यादा आईपीएल ख़िताब जीते हैं। शुरुआती कुछ सीज़न में केकेआर टीम का प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं रहा था। इस टीम ने प्वाइंट टेबल में साल 2008, 2009 और 2010 में क्रमश: छठा, आठवां और छठा स्थान हासिल किया था। साल 2011 में गौतम गंभीर को टीम का कप्तान बनाए जाने के बाद केकेआर की काया पलट हो गई। केकेआर के पास दर्शकों का बड़ा सपोर्ट है ऐसे में इस टीम पर हमेशा बेहतर प्रदर्शन का दबाव रहता है। साल 2011 से लेकर अब तक कोलकाता नाइटराइडर्स ने 5 बार प्लेऑफ़ में जगह बनाई है। साल 2012 और साल 2014 में केकेआर ने आईपीएल ख़िताब पर कब्ज़ा जमाया था। कोलकाता टीम ने लगातार 14 मैच जीतने का रिकॉर्ड बनाया था। साल 2017 में केकेआर को क्वॉलिफ़ायर में हार का सामना करना पड़ा था। इस साल कोलकाता की नज़र तीसरी बार ट्रॉफ़ी जीतने पर होगी।
अपने में नायाब है मौजूदा चैंपियन मुंबई इंडियंस की टीम

दूसरी टीमों से कैसे करके मुकाबले को अपने कब्जे में किया जाता है, यह शायद मुंबई इंडियंस के कप्तान व कोच से अच्छा कौन जान सकता है। सीजन 10 का फाइनल मुकाबला सभी को याद ही होगा जब पुणे को महज 11 रन चाहिए थे, लेकिन मुंबई इंडियंस के खिलाड़ियों ने नहीं बनाने दिया। आखिरी ओवर में पुणे को 11 रन चाहिए थे, लेकिन मिचेल जॉनसन ने जोरदार बॉलिंग करते हुए पुणे को हार के लिए मजबूर कर दिया। हाई वोल्टज मुकाबले में मुंबई की टीम ने पहले बैटिंग करते हुए 8 विकेट के नुकसान पर 129 रन बनाए। लो स्कोर के मुकाबले में भी राइज़िंग पुणे की टीम 6 विकेट पर 128 रन ही बना सकी थी। इस तरह से मुंबई इंडियंस ने 3 बार आईपीएल ख़िताब पर कब्ज़ा जमाया है, और वह ऐसा करने वाली ये इकलौती टीम है। मुंबई इंडियंस का इतिहास का काफी सुनहरा रहा है। इस टीम के साथ सदैव ही मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का नाम जुड़ा रहा है। सचिन तेंदुलकर मुंबई इंडियंस टीम की शान रहे हैं, उन्होंने शुरू से ही मुंबई टीम को अपनी सेवाएं दी हैं। मुंबई के अलावा सचिन किसी भी आईपीएल टीम का हिस्सा नहीं रहे हैं। आईपीएल की शुरुआत से ही इस टीम से दर्शकों को काफ़ी उम्मीदें थीं लेकिन पहले 5 सीज़न में मुंबई एक भी ख़िताब नहीं जीत पाई। साल 2013 में इस टीम की किस्मत तब बदली जब रोहित शर्मा को मुंबई का कप्तान बनाया गया। इसके बाद मुंबई इंडियंस ने 5 आईपीएल सीज़न में से 3 में ख़िताब पर कब्ज़ा जमाया। टीम 2013, 2015 व 2017 में चैंपियन रही है। रोहित ने इस टीम के लिए शानदार कप्तानी की है। रोहित को लसिथ मलिंगा, किरोन पोलार्ड, हरभजन सिंह और पांड्या बंधुओं का बख़ूबी साथ मिला। इन सभी खिलाड़ियों ने टीम के लिए ज़रूरी योगदान दिया। हालांकि इस बार टीम में काफी बदलाव किए गए है। मुंबई मौजूदा आईपीएल चैंपियन है और इस टीम के फ़ैंस चौथी बार ख़िताब की उम्मीद लगा रहे हैं। शायद इसलिए टीम ने इशान किशन, पैट कमिंस, सूर्यकुमार यादव, मुस्ताफिजुर रहमान, बेन कटिंग, जेसन बेहरनडॉर्फ, जेपी डुमिनी, सौरभ तिवारी जैसे बेहतरीन बल्लेबाजों को खरीदा है।
आईपीएल सीजन का नौवां मुकाबला रहा सनराइजर्स के नाम

भुवनेश्वर कुमार की लयदार गेंदबाजी और डेविड वॉर्नर व शिखर धवन की बल्लेबाजी ने आईपीएल का नौवा सीजन 2016 में सनराइजर्स हैदराबाद को चैंपियन बनाया था। टूर्नामेंट को अपने नाम करने में सनराइज हैदराबाद के कप्तान डेविड वॉर्नर ने गजब की बल्लेबाजी की और अपनी टीम को जिताने में अहम भूमिका निभाई फाइनल मैच में बैंक कटिंग मैन ऑफ द मैच रहे जिन्होंने फाइनल मैच में गजब की बल्लेबाजी करते हुए धुआंधार पारी खेली और 2 विकेट भी अपने नाम किये।
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