धोनी की जगह भर पाएंगे राहुल?

जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे सीरीज में शानदार प्रदर्शन के दम पर 'मैन ऑफ द सीरीज' बने केएल राहुल में भविष्य की संभावनाएं तलाशी जाने लगी हैं. राहुल बैटिंग के साथ-साथ कीपिंग भी कर लेते हैं, ऐसे में सवाल है कि क्या वो भविष्य में धोनी की कमी को पूरा कर सकेंगे?
राहुल ने जिम्बाब्बे के खिलाफ डेब्यू वनडे मैच में शतक लगाया और ऐसा करने वाले वो पहले भारतीय बने।इतना ही नहीं हाल ही में खत्म हुए आईपीएल में भी उनका खेल विकेट के आगे और पीछे दोनों जगह जबरदस्त रहा। ऐसे में अभी ये कहना मुश्किल नहीं है कि वह टेस्ट और वनडे दोनों में धोनी की कमी को पूरा कर पाएंगे। राहुल टेस्ट टीम का पहला से ही हिस्सा हैं। धोनी टेस्ट से 2014 में ही संन्यास ले चुके हैं।
हालांकि टेस्ट में अभी रिद्धिमान साहा विकेटकीपर की भूमिका में हैं, लेकिन उनके खेल में निरंतरता की कमी है, जबकि राहुल लगातार अपने खेल को निखार रहे हैं।
आगे चाहिए स्थायी कीपर
पिछले 11-12 साल से टीम इंडिया में विकेटकीपर की जिम्मेदारी महेंद्र सिंह धोनी के कंधों पर है। टेस्ट से रिटायरमेंट ले चुके धोनी का वनडे कैरियर कितना लंबा होगा, इस पर कुछ ज्यादा कहा नहीं जा सकता।लेकिन जल्द ही या आने वाले कुछ सालों में भारत को विकेटकीपर बल्लेबाज की आवश्यकता पड़नी ही है।वर्तमान समय में राहुल ही एक ऐसा नाम हैं, जो इस पर खरे उतरते दिखते हैं।
आईपीएल में राहुल विराट कोहली की कप्तानी में खेले। कोहली टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान भी है और धोनी के बाद वह वनडे टीम के भी कप्तान होंगे। ऐसे में राहुल को उसका लाभ मिल सकता है. ऐसे में पूरी संभावना है कि राहुल ही धोनी के उत्तराधिकारी होंगे।
ओझा और सैमसन भी हैं
हालांकि राहुल के साथ नमन ओझा और संजू सैमसन भी इस दौड़ में शामिल हैं। दोनों ने अपने खेल से उम्मीदें भी जगाई हैं, लेकिन वे पूरी तरह से अपने साथ न्याय भी नहीं कर पाए हैं।
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