...इसलिए टीम इंडिया फिर जीतेगी एशिया कप

इन दिनों भारत के क्रिकेट फैंस के दिमाग में बस दो सवाल चल रहे हैं- पहला क्या भारत एक बार फिर एशिया कप जीतेगा? दूसरा क्या महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी बच पाएगी? बुधवार को शेरे बांग्ला स्टेडियम में खेला जाने वाला पहला मैच भारत-बांग्लादेश के बीच शाम 07:30 बजे खेला जाएगा। यह एशिया कप का 13वां संस्करण है। यहां दिलचस्प बात यह है कि अगर टीम इंडिया एशिया कप और टी20 वर्ल्ड कप जीतती है तो स्वभाविक है कि धोनी अपनी कप्तानी बचा ले जाएगें. ऐसे में सवाल उठता है कि भला धोनी क्रिकेट के इस सबसे छोटे प्रारूप में ऐसा क्या दांव चलेंगे कि बांकी कप्तानों के प्लान धरे रह जाएंगे।
स्पिन गेंदबाजी है मजबूत कड़ी
धोनी के हाल के मैचों की कप्तानी के रिकॉर्ड बताते हैं कि वे अब कुछ नया करने के बजाय पुराने फॉर्मूले को ही आजमा रहे हैं। हाल ही में संपन्न हुई श्रीलंका सीरीज को देखकर लगता है कि धोनी का एक पुराना आजमाया हुआ फॉर्मूला इस बार के एशिया कप में कारगर साबित होगा।हालिया रिकॉर्ड बताते हैं कि अगर टीम इंडिया एशिया कप जीतना चाहती है तो ऑफ स्पिनर आर अश्विन का पॉवर प्ले में बॉलिंग करना और विकेट झटकना जरूरी है। अगर अश्विन चले तो टीम इंडिया का एक बार फिर से एशिया कप जीत सकती है। जनवरी 2010 के बाद से एशियाई पिचों स्पिनरों को हर विकेट के लिए करीब 22 रन खर्च करने पड़े हैं, वहीं तेज गेंदबाजों को 28 रन। अंकगणित के लिहाज से भी पिछले पांच सालों में एशियाई पिचों पर स्पिनर का बोलबाला रहा है।
युवराज सिंह पर सबकी निगाहें
ऑस्ट्रेलिया दौरे में जिस तरह युवराज सिंह की धमाकेदार वापसी हुई है वह भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए बहुत खुशी की बात है लेकिन उनकी असल परीक्षा एशिया कप और आगामी विश्वकप में होगी जो उनके गिरे मार्केट रेट और उनके क्रिकेटिंग कैरियर का रास्ता तय करेगी। सिर्फ इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले तीन आईपीएल की नीलामी ने इस खिलाड़ी को 37 करोड़ की मोटी कमाई दी है आप इस खिलाड़ी को क्रिकेट के इस प्रारूप में नजरअंदाज नहीं कर सकते। अब पूरे देश की निगाहें एक बार फिर युवराज पर होगी जिन्हें पिछले टी-20 विश्व कप में श्रीलंका के हाथों मिली हार के बाद बहुत आलोचना औ जिल्लत सहनी पड़ी थी।
पार्थिव को शायद ही मिले मौका
वैसे एशिया कप से ठीक पहले धोनी का चोटिल होना भारत के लिए शुभ संकेत नहीं है लेकिन माही शायद ही टी-20 विश्व कप से पहल अभ्यास के सुनहरे अवसर को गंवाना चाहेंगे। अगर उनकी चोट अधिक गंभीर हुई तो यह लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे पार्थिव पटेल के लिए भी अपने हाथ खोलने का सुनहरा अवसर होगा।
एशिया कप का बदला प्रारूप
आईसीसी के नए नियम के मुताबिक विश्व कप से पहले होने वाले इस एशिया कप का प्रारूप बदलने का फायदा भारत को मिलेगा क्योंकि भारतीय खिलाड़ियों का मनोबल ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका को हराकर मजबूत्त है। टीम इंडिया ने पिछले एक साल में आईपीएल और टी-20 के ढेर सारे मुकाबले खेले हैं। वैसे भारतीय टीम ने बांग्लादेश से मुकाबले के लिए जमकर नेट में पसीना बहाया है क्योंकि विश्व कप के बाद इस टीम का हालिया प्रदर्शन रहा है और अपने घरेलू मैदान पर यह टीम दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को हराकर बड़े उलटफेर करने में काफी माहिर है।
मजबूत टीमों की कमी
श्रीलंका की टीम भी अब वो पुरानी टीम नहीं है जिसन पाकिस्तान को हराकर एशियाकप और फिर भारत को हराकर टी-20 विश्व कप जीता था। चोटिल होने की वजह से आधी श्रीलंका की टीम नई है जिन्हें अंतरराष्ट्रीय मैचों क कम अनुभव है वहीं भारत मे पुराने खिलाड़ियों की वापसी भी इसे एक अलग ही मजबूती प्रदान करती है जिससे टीम जीत की गति को बरकरार रखते हुए टी-20 विश्वकप में धमाकेदार आगाज करना चाहेगी। वहीं पाकिस्तान ने पूरी तैयारी की है लेकिन हालिया दिनों में उन्होंने टी-20 के काम मुकाबले खेले हैं।ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि टीम इंडिया एशिया कप जीतने की प्रबल दावेदार है और इस जीत के साथ वो टी-20 विश्व कप में भी धमाल मचा देगी।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...
