सुनील छेत्री आज करेंगे अंतरराष्ट्रीय मैच में शतक पूरा, कुछ ऐसा है उनका सफर


जी हां भारतीय फुटबाल टीम के कप्तान सुनील छेत्री आज इंटर कॉन्टिनेंटल कप में केन्या के खिलाफ अपना 100वां अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के लिए मैदान में उतरेंगे। भारतीय फुटबाल के जगत में एक कीर्तिमान स्थापित करने जा रहे सुनील छेत्री पर सभी की निगाह रहेगी। दरअसल यह छेत्री का 100वां अंतरराष्ट्रीय मैच है। पिछले मैच में हैट्रिक करने वाले स्टार स्ट्राइकर से एक बार फिर टीम को बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद होगी। अब तक 59 गोल कर चुके छेत्री भारत की ओर से सर्वाधिक गोल करने वाले फुटबॉलर हैं।
बता दें कि इस समय फीफा से पहले देश में फुटबाल का पूरा माहौल बना हुआ है। क्रिकेटरों द्वारा भी फुटबाल खेल को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। चार देशों के टूर्नामेंट में 97वें रैंकिंग की भारतीय टीम ने पहले मैच में चीनी ताइपे को 5-0 से रौंदा था और केन्या के खिलाफ मैच में जीत से टीम फाइनल में जगह सुरक्षित कर लेगी। भारतीय टीम के लिए यह टूर्नामेंट अगले साल होने वाले एशियन कप की तैयारियों के मद्देनजर महत्वपूर्ण है। छेत्री और साथी स्ट्राइकर जेजे लालपेखुआ यह पहले भी दिखा चुके हैं कि अगर वो लय में हैं तो किसी भी रक्षण की दीवार को भेद सकते हैं। आक्रामक खेलने वाली अफ्रीकी टीम के मजबूत कदकाठी वाले खिलाड़ियों के आगे भी भारतीय खिलाड़ियों से अच्छा प्रदर्शन जारी रखने की उम्मीद की जा सकती है। हालांकि आज के मुकाबले में अधिक से अधिक लोग पहुंचे इसके लिए फुटबाल खिलाड़ियों ने मुम्बई की जनता से अपील की है कि वे लोग मैच देखने के लिए अधिक से अधिक आए। सुनील छेत्री के अलावा क्रिकेटर विराट कोहली व सचिन तेंदुलकर ने भी दर्शकों से कहा कि वे लोग फुटबाल को प्यार दें। फुटबाल के मैचों को देखने के लिए अधिक से अधिक संख्या में पहुंचे।
सिकंदराबाद में जन्में और दिल्ली से की फुटबाल की शुरूआत

मूलरूप से नेपाल के रहने वाले सुनील छेत्री के परिजन वर्षों पहले हैदराबाद में आकर बस गए थे। सुनील छेत्री का जन्म 3 अगस्त 1984 को सिकंदराबाद में जन्म हुआ था। सुनील को विरासत में ही फुटबॉल का हुनर मिला था। सुनील की मां और दो बहने नेपाल की महिला टीम से फुटबाल खेली थी। उनकी विरासत को सुनील छेत्री ने आगे बढ़ाया। सुनील के पिता गोरखा रेजीमेंट में जवान थे। सुनील ने फुटबाल की बारीकियों को पहले अपने ही घर से सिखा। इसके बाद भी आगे उन्होंने 17 साल की उम्र में दिल्ली से खेलना शुरू किया। उनके खेल को जल्द ही कोलकाता की मोहन बागान टीम ने समझ लिया और अपनी टीम में शामिल कर लिया। मोहन बागान में शामिल होते ही उनके जीवन में पेशेवर फुटबाल का खेल प्रारंभ हो गया। भारतीय टीम के लिए जूनियर व सीनियर दोनों ही श्रेणियों में खेलकर उन्होंने फुटबाल को आगे बढ़ाने का काम किया। अब तक वे 10 से अधिक देश व विदेश के क्लबों के लिए खेल चुके हैं।
2007 में बन गए रातों रात स्टार

सुनील छेत्री की किश्मत 2007 में बदल गई। कम्बोडिया के विरुद्ध उनके द्वारा दागे गए दो 2 गोलों ने उन्हें एक ही रात में हीरो बना दिया। पूरे विश्व ने उनकी प्रतिभा को देखा और उसकी सराहना की। 3 गोल एएफसी चॅलेंज कप 2008 में ताजिकिस्तान के विरुद्ध मारकर उन्होंने भारत को 27 साल के बाद एशिया कप के लिए प्रवेश दिलाया। स्टार बनने के बाद उन्हें विदेशों से ऑफर आए और उन्हें इंग्लिश प्रीमियर लीग तक में शामिल होने की बात सामने आई। हालांकि वे उसमें शामिल नहीं हो सके। लेकिन उन्होंने 2010 में कांसस सिटी के लिए मेजर लीग सॉकर यूएसए खेला। उनके अलावा यह रेकॉर्ड मोहम्मद सलीम और बाइचुंग भूटिया के नाम है। 2012 में उन्होने स्पोर्टिंग क्लब डी पुर्तगाल के रिज़र्व्स टीम की तरफ से खेला। वर्तमान में वे बेंगलूर फुटबॉल क्लब के कप्तान है।
पहला मैच सुनील के लिए रहा खास

भारतीय फुटबाल टीम का गौरव बढ़ाने वाले कप्तान सुनील छेत्री के अनुसार 'मुझे अभी भी भारत के लिए खेला गया अपना पहला मैच याद है। हम पाकिस्तान में थे। नबी - दा (सैयद रहीम नबी) और मैं टीम में नए खिलाड़ी थे। हमें लग रहा था कि मैदान में उतरने का मौका नहीं मिलेगा लेकिन सुखी सर (सुखविंदर सिंह) ने हम दोनों को टीम में शामिल किया। मैंने गोल किया और अति उत्साहित होकर पाकिस्तानी दर्शकों की तरफ दौड़ पड़ा और जश्न मनाने लगा।’ उन्होंने बताया कि मैच के बाद उनकी प्रतिक्रिया पर सब हंस रहे थे। छेत्री ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि देश के लिए 100 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेंगे, क्योंकि यह अविश्वसनीय है। मैच के लिए अभ्यास सत्र से पहले भारतीय कप्तान ने कहा, ‘मैंने देश के लिए खेलने का सपना देखा था, लेकिन कभी यह नहीं सोचा था कि 100 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलूंगा। यह अविश्वसनीय है।’ उन्होंने कहा, ‘यह ऐसा है जो मैंने सपने में भी नहीं सोचा था और मैं आपको यह नहीं बता सकता हूं कि इससे मैं कितना खुश और सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं अपने देश के इतिहास में ऐसा करने वाला सिर्फ दूसरा खिलाड़ी हूं, यह अविश्वसनीय है।’
सुनील छेत्री की कुछ खास ये है उपलब्धियां

पहले ऐसे भारतीय फुटबॉलर हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए खेलते हुए 50 से ज्यादा गोल किए हैं। भारतीय टीम के लिए छेत्री अबतक 59 गोल दाग चुके हैं। एक्टिव फुटबॉलर्स में वह सिर्फ क्रिस्टियानो रोनाल्डो (81) और लियोनल मेस्सी (64) से पीछे हैं।
छेत्री ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन द्वारा दिए जाना वाला 'प्लेयर ऑफ द इयर' अवॉर्ड 4 बार जीत चुके हैं। उन्हें 2007, 2011, 2013 और 2014 में इससे नवाजा गया था।
छेत्री को अर्जुन अवार्ड (2011), FPAI इंडियन प्लेयर ऑफ द इयर (2009), AFC चैलेंज कप मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर (2008), हीरो ऑफ द आई-लीग (2016-17) भी मिला है।
छेत्री को 2007 में एनडीटीवी इंडिया ने उन्हें प्लेयर ऑफ द इअर का अवॉर्ड से नवाजा।
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