खेत से शुरू किया था किसान के बेटे ने क्रिकेट का सफर, आज धोनी भी हो गए हैरान

केकेआर की जीत का प्रमुख बनने वाला 18 साल का नौजवान युवा और कोई नहीं बल्कि शुभमन गिल थे। जिन्होंने अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी से सबको आर्श्चचकित कर दिया। गुरूवार की रात को शुभमन रातों-रात स्टार बन गए। शुभगन आज भले ही रातों-रात स्टार बन गए है लेकिन इससे पहले भारत को अंडर-19 वर्ल्ड कप दिलाने में भी शुभगन गिल का बहुत बड़ा योगदान था।

शुभमन गिल आज भले ही स्टार बन गए हो लेकिन उनका सफर इतना आसान नहीं था। पंजाब के फाजिल्का जिले में चक खेरेवाला गांव में जन्में शुभगन गिल ने 4 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। उनके शुरूआती गुरू और कोई नहीं बल्कि उकने पिता लखविंदर सिंह ही थे। वे अपने पिता के साथ क्रिकेट खेला करते थे। जब गिल बड़े हुए तो अपने बेटे के खेल को और ज्यादा निखारने के लिए उनके पिता ने एक बेहतरीन प्लान बनाया। दरअसल उन्होंने अपने खेत को मैदान के रूप में इस्तेमाल किया और शर्त रखी कि जो भी शुभमन गिल को आउट करेगा उसे वह 100 रुपये ईनाम देंगे। इस तरह उनको कोई भी गेंदबाज इनती आसानी से आउट नहीं कर पाता था। पैसे ही लालच में लड़के उनके सामने गेंदबाजी किया करते थे और गिल अपने बल्ले से लम्बे-लम्बे शॉट लगाया करते थे।
गिल प्रतिदिन गांव के युवाओं के साथ कई घंटे तक मैच खेला करते थे। आस-पास के गांव और शहरों से क्रिकेट खेलने वाले कई खिलाड़ी शुभमन गिल के सामने गेंदबाजी करने आते थे। बता दें कि क्योकि गिल के दादा पहलवानी कर चुके हैं, हालांकि जांघ में चोट लगने की वजह से उनके पिता लखविंदर सिंह का पहलवान बनने का सपना पूरा नहीं हो सका। और उन्होंने अपने बच्चे को क्रिकेट की तरफ ही आगे बढ़ाया था।
कई सालों तक टेनिस बॉल से खेलने वाले शुभमन गिल का परिवार जब जलालाबाद गया तब पहली बार इस खिलाड़ी का सामना लैदर की गेंद से हुआ। इस दौरान शुभमन ने काफी समय तक एक छोटे से स्कूल से ट्रेनिंग ली, लेकिन अभी भी काफी ऐसी चीजें थी जो गिल को सीखनी थी। इसके लिए उनके पिता ने उन्हें चंडीगढ़ भेजा और मोहाली स्टेडियम के पीछे एक एकेडमी में उनका दाखिला करा दिया। गिल को खेलने के लिए ज्यादा समय मिल पाए, इस वजह से उनका परिवार भी किराए के एक मकान में आकर वहीं बस गया।
शुभमन गिल रोजाना सुबह 3.30 बजे उठते और 4 बजे एकेडमी में पहुंचते। दिनभर प्रैक्टिस करने के बाद वह शाम को घर लौटते थे। इसके बाद भी एकेडमी में शाम का सेशन देखने के लिए वह अपने पिता के साथ वहां जाते थे। एक दिन इसी एकेडमी में टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज करसन घावरी यहां यंग टैलेंट की पहचान करने आए। वह यहां एक तेज गेंदबाज की तलाश में आए थे, लेकिन उन्हें शुभमन गिल के रूप में मिला एक ऐसा नायाब हीरा, जिसने थोड़े ही समय में क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया।
अंडर-16 में दोहरा शतक लगाकर चमक गए गिल
जब उनका चयन पंजाब की टीम से हो गया तो उन्होंने अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी से सबको प्रभावित करना शुरू कर दिया। पंजाब के लिए खेलते हुए अंडर-16 की विजय मर्चेंट ट्रॉफी में उन्होंने पहली बार दोहरा शतक जड़ा। इसके लिए उन्हें बीसीसीआई की तरफ से बेस्ट जूनियर क्रिकेट के अवॉर्ड से नवाजा गया। इसके बाद शुभमन गिल को अंडर-19 टीम में खेलने का मौका मिला और एक छोटे से गांव में सिमटने वाले टैलेंट को पूरी दुनिया ने देखा। शुभमन गिल की शानदार प्रतिभा को देखते हुए आईपीएल सीजन-11 में उन्हें केकेआर ने खरीदा। केकेआर के लिए यही खिलाड़ी आज विनर खिलाड़ी साबित हो रहा है।

शुभमन बने चौथे युवा खिलाड़ी
युवा बल्लेबाज शुभमन गिल इस मैच में तीसरे स्थान पर बल्लेबाजी करने उतरे। मौके का भरपूर फायदा उठाते हुुए उन्होंने 32 गेंदों में नाबाद 57 रन की पारी खेली। इसी के साथ महज 18 वर्ष के शुबमन गिल आईपीएल में अर्धशतक जड़ने वाले चौथे सबसे युवा बल्लेबाज बन गए हैं। इस फेहरिस्त में इसी सीज़न में अर्धशतक लगाने वाले दिल्ली डेयरडेविल्स के पृथ्वी शॉ पहले पायदान पर हैं। वहीं दिल्ली डेयरडेविल्स के ही ऋषभ पंत और राजस्थान रॉयल्स के संजू सैमसन क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं जिन्होंने 2016 और 2013 में अपना पहला अर्धशतक जड़ा था।
अंडर-19 वर्ल्डकप में लगाए थे 6 अर्धशतक
खेतों से अपने क्रिकेट जीवन की शुरूआत करने वाले शुभगन गिल आज भारत की रन मशीन बन चुके हैं। उन्होंने एक के बाद एक बेहतरीन तरीके से बल्लेबाजी करके सबको प्रभावित किया है। 18 साल की उम्र में इस नौजवान अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी का नमूना आईपीएल से पहले अंडर-19 वर्ल्ड कप में भी दिखाया था। 30 जनवरी 2018 को शुभमन गिल ने आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप में ऐसी धमाकेदार पारी खेली कि आलोचकों के मुंह पर मानो ताले लग गए हो। अंडर-19 वर्ल्ड कप में गिल ने पाकिस्तान के खिलाफ 94 गेंदों पर 102 रन की बेहतरीन शतकीय पारी खेलकर न सिर्फ चिर प्रतिद्वंद्वी टीम को मात दी, बल्कि क्रिकेट में अपने बेहतरीन सफर का आगाज भी किया।
इस शानदार पारी के लिए गिल को मैन ऑफ द मैच से सम्मानित किया गया। अपने बेहतरीन फॉर्म को जारी रखते हुए गिल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंडर-19 वर्ल्ड कप के पहले लीग मैच में 63 रन की धमाकेदार पारी खेली, जिसके दम पर शॉ ब्रिगेड ने कंगारुओं को 100 रन से मात दी। अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत का अगला मुकाबला पपुआ गिनी से हुआ, जिसमें गिल ने 90 रन की नाबाद पारी खेली और टीम इंडिया को 10 विकेट से मैच जिताया। इसके बाद क्वार्टर फाइनल में 86 गेंदों पर 94 रन की पारी ने मानो रातों-रात शुभमन गिल को बुलंदियों पर पहुंचा दिया। गिल 341 रन के साथ टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर रहे और अंडर-19 वर्ल्ड कप में छह अर्धशतक जड़ने का रिकॉर्ड भी अपने नाम दर्ज किया।
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