सिंधु और साइना को खेल मंत्रालय ने किया सम्मानित

पीवी सिंधु व साइना नेहवाल ने बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए देश का नाम रोशन किया है। जहाँ सिंधु ने पहली बार इस प्रतियोगिता में फाइनल में प्रवेश किया व रजत पदक जीता है। जबकि साइना नेहवाल ने इस प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतकर भारत के पदकों की संख्या को 2 किया। उनके इस शानदार खेल को अब खेल मंत्रालय उत्सव में बदलने जा रहा है। खेल मंत्री विजय गोयल ने आज इसकी घोषणा की।
खेल मंत्रालय पीवी सिंधु, साइना नेहवाल और श्रीकांत किदाम्बी के अलावा कोच विमल कुमार और पुलेला गोपीचंद को भी सम्मानित करेगा। हाल ही में खेल मंत्रालय ने देश के खेल प्रतिभावों को प्रोत्साहन देने के लिए स्पोर्ट्स टैलेंट सर्च पोर्टल भी लॉन्च किया है। जिससे खिलाड़ियों को खेल में आगे बढ़ने में सरकार मदद करेगी।
सिंधु लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं
हाल-फ़िलहाल में बैडमिंटन खेल ने देश और दुनिया में काफी लोकप्रियता हासिल की है। खासकर पीवी सिंधु ने रियो ओलम्पिक में रजत पदक जीतकर साइना नेहवाल की लिगेसी को आगे बढ़ाया। उसके बाद वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में सिंधु और साइना ने पदक जीतकर इस खेल की लोकप्रियता को एक बार फिर नया आयाम दिया है। जिसकी वजह से भारत में बैडमिंटन के प्रति लोगों की दीवानगी बड़ी है। विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में पीवी सिंधु को जापान की नोजोमी ओकुहरा ने बेहद ही रोमांचक मुकाबले में हराया था। ये मैच 73 शॉट तक चला था। इस मैच की लोकप्रियता भले ही ओलम्पिक के फाइनल से कम रही हो लेकिन ये मैच बीडब्लूएफ के सबसे शानदार मुकाबला था।
चोट के बाद नेहवाल की सफल वापसी
वहीं चोट के बाद साइना नेहवाल ने वापसी करते हुए वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर शानदार वापसी की। चोट लगने के बाद ऐसा लग रहा था कि नेहवाल का करियर अब खत्म हो जाएगा। लेकिन इस पदक से एक बार फिर उनके करियर को लाइफलाइन मिल गया है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब भारत की दो शटलरों ने बीडब्लूएफ में पदक जीता हो। वहीं श्रीकांत किदाम्बी ने हाल ही में दो सुपरसीरिज जीतकर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। हालांकि वह विश्व चैंपियनशिप में पहले दो दौर के बाद बाहर हो गये थे।
वहीं जब हम बैडमिंटन चैंपियनशिप में मिली भारत की सफलता की तुलना विश्व रेसलिंग चैंपियनशिप से करते हैं, तो हमें निराशा हाथ लगती है। लेकिन सरकार और खेल मंत्री खेलों को लेकर बेहद संवेदनशील हैं, इसलिए सफल खिलाड़ियों को सम्मानित करके युवाओं को खेलों में आने के लिए प्रेरित करने का काम कर रहे हैं। जो वाकई एक सराहनीय पहल है।
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