
बांग्लादेश की शोहेली अख्तर पर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने मैच फिक्सिंग के आरोप में 5 साल का प्रतिबंध लगा दिया है। 36 वर्षीय इस ऑफ स्पिनर ने 2023 महिला टी20 वर्ल्ड कप के दौरान फिक्सिंग का प्रयास किया था, जिससे वह आईसीसी की भ्रष्टाचार विरोधी जांच में दोषी पाई गईं।
कैसे उजागर हुआ मामला?
आईसीसी की एंटी-करप्शन यूनिट (ACU) ने जांच में पाया कि 14 फरवरी 2023 को शोहेली ने फेसबुक मैसेंजर के जरिए एक साथी खिलाड़ी (Player A) से संपर्क किया और उसे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में फिक्सिंग करने के लिए उकसाया।
शोहेली ने खिलाड़ी से कहा कि उनका एक ‘कजिन’ मोबाइल पर सट्टा लगाता है, और उसने पूछा कि क्या वह जानबूझकर हिट विकेट आउट होने के लिए तैयार है। इसके बदले 2 मिलियन बांग्लादेशी टका (लगभग 15 लाख रुपये) देने की पेशकश की गई।
गोपनीयता और रिपोर्टिंग
शोहेली ने इस बातचीत को गुप्त रखने और मैसेज डिलीट करने की सलाह दी थी। हालांकि, खिलाड़ी ने प्रस्ताव ठुकराते हुए तुरंत ACU को इसकी जानकारी दी और उनके पास मौजूद वॉयस रिकॉर्डिंग सबूत के तौर पर सौंप दी।
आईसीसी का फैसला
ICC ने शोहेली अख्तर को एंटी-करप्शन कोड के 5 नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया और उन पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया। यह पहली बार है जब किसी महिला क्रिकेटर पर मैच फिक्सिंग के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंध लगाया गया है।
कौन हैं शोहेली अख्तर?
- शोहेली अख्तर ने बांग्लादेश के लिए 2 वनडे और 13 टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले हैं।
- उन्होंने 2022 में आखिरी बार राष्ट्रीय टीम के लिए खेला था।
- हालांकि वह 2023 महिला टी20 वर्ल्ड कप में टीम का हिस्सा नहीं थीं, फिर भी उन्होंने मैच फिक्सिंग की कोशिश की।
क्या कहता है ICC का एंटी-करप्शन कोड?
आईसीसी के नियमों के तहत मैच फिक्सिंग का कोई भी प्रयास दंडनीय अपराध है। इस मामले में शोहेली पर अनैतिक संपर्क, भ्रष्ट आचरण, और रिपोर्टिंग में चूक के आरोप साबित हुए।
शोहेली अख्तर का यह मामला बताता है कि क्रिकेट में भ्रष्टाचार पर आईसीसी की सख्त नजर बनी हुई है। महिला क्रिकेट में यह पहला मामला है, लेकिन यह दिखाता है कि ICC भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाए हुए है।