नितीश कुमार के शतक ने बॉक्सिंग-डे टेस्ट में भारत की कराई वापसी

भारतीय टीम छह विकेट पर 191 रन पर आकार संकट में थी और उसके बाद नितीश कुमार मैदान पर उतरे। वह इस आस्ट्रेलियाई दौरे पर अपनी छोटी-छोटी आक्रामक पारियों से अपनी प्रतिभा तो दिखा चुके थे लेकिन बॉक्सिंग-डे टेस्ट के तीसरे दिन उन्होने खूटा गाड़ दिया। नितीश ने मेलबर्न में नाबाद शतक जड़कर जहां भारत को मैच में वापस लौटाया तो वहीं यह भी दिखा दिया कि वह संकटमोचक आलराउंडर हैं।

जब उन्होने अर्ध शतक लगाया तो पुष्पा के स्टाइल में जश्न मनाया कि मैं झुकेगा नहीं, फिर शतक उन्होने अभिनेता सालार के रूप में मनाया जहां वह घुटने के बल बैठ गए और बल्ले के ऊपर हेलमेट रख दिया और भगवान कि तरफ इशारा करके उनका धन्यवाद किया। इसके साथ ही मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में उन्होंने 1902 में बने शतक के एक खास रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। चायकाल के बाद जब नितीश नर्वस 90 में थे और शतक के करीब थे तब वह थोड़े रक्षात्मक होकर खेले और ऑफ साइड की गेंदों को शानदार तरीके से छोड़ा। नितीश ने 176 गेंदों में 10 चौके लगाए और एक छक्का लगाकर अंतर्राष्ट्रीय कैरियर में पहली बार शतक लगाया। उनकी पारी में भारत ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने पर 9 विकेट पर 358 रन बनाए और वह 116 रन पीछे हैं। बारिश और खराब रौशनी के कारण तीसरे दिन का खेल बाधित हुआ।

नीतीश के नाम रिकॉर्ड

1 नितीश कुमार ने दिन का खेल खत्म होने तक वो 105 रन बनाकर नाबाद थे। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में 8वें नंबर या उससे नीचे आकर सबसे बड़ी पारी का रिकार्ड नितीश ने तोड़ दिया। इससे पहले 1902 में आस्ट्रेलिया के रेजी डफ ने 10वें नंबर पर 104 रन की परी खेली थी।

2 आस्ट्रेलिया में 8वें या इससे नीचे के नंबर पर बैटिंग करते हुए शतक जमाने वाले नितीश पहले भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं। इससे पहले भारत के लिए सबसे बड़ा स्कोर 87 रन था जो 2008 में एडिलेट के मैदान पर अनिल कुंबले ने बनाया था।

3 मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में अपने टेस्ट कैरियर का पहला शतक लगाने वाले नितीश दूसरे भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं। उनसे पहले 1948 में महान आलराउंडर वीनू मांकड़ ने ये कमाल किया था।

4 नितीश ने इस सीरीज में अभी तक 8 छक्के जमा दिये हैं जो आस्ट्रेलिया में किसी टेस्ट सीरीज में विरोधी टीम की ओर से सबसे ज्यादा हैं। नितीश ने इस मामले में इंग्लैंड के माइकल वॉन (2002-03) और क्रिस गेल (2009) की बराबरी की है।

नितीश को जब आस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय टीम में जगह मिली थी तो उस फैसले पर सवाल उठे थे। हालांकि नीतीश ने पर्थ टेस्ट में अपने डेब्यू पर ही आलोचकों को मुंहतोड़ जवाब दिया। नीतीश ने पर्थ टेस्ट में 41 और 38* रन बनाए थे। इसके बाद उन्होंने एडिलेड टेस्ट में भी दोनों पारियों में 42-42 रन बनाए थे। गाबा टेस्ट में नीतीश के बल्ले से 16 रन निकले, जो काफी मूल्यवान रहे. तब नीतीश ने रवींद्र जडेजा के साथ सातवें विकेट के लिए 53 रनों की पार्टनरशिप करके भारत को फॉलोऑन बचाने में मदद की थी।

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