किसान के बेटे ने भाला फेंक में जीता गोल्ड, कभी नहीं थे जेवलिन खरीदने के पैसे

21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में 10वें दिन जेवलिन थ्रो (भाला फेंक) में गोल्ड मेडल जीतकर किसान के लाल नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया। कभी अच्छी जेवलिन के तरसने वाले नीरज ने आज गोल्ड मेडल हासिल करके इस स्पर्धा में पहला भारतीय होने का गौरव हासिल किया है। इससे पहले भाला फेंक में 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में काशीनाथ नाइक ने फाला फेंककर ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था। नीरज ने कहा, ‘यहां प्रतिस्पर्धा अच्छी थी। विश्व चैंपियन भी खेल रहा था जो क्वॉलिफाइ नहीं कर सका। मुझे अपने प्रदर्शन पर भरोसा था।’
कभी नहीं थे अच्छी जेवलिन खरीदने के पैसे
नीरज के पिता सतीश कुमार व भीम सिंह ने दैनिक जागरण को बताया कि कभी जेवलिन के लिए तरसता था पाच साल पहले जेवलिन अभ्यास के लिए जेवलिन नहीं थी। अच्छी जेवलिन की कीमत डेढ़ लाख रुपये थी। हौसला नहीं खोया। पिता सतीश कुमार व चाचा भीम सिंह चोपड़ा से सात हजार रुपये लेकर काम चलाऊ जेवलिन खरीदी और हर दिन आठ घंटे अभ्यास किया। इसी के बूते अंडर-16, 18 और 20 की मीट व नेशनल रिकॉर्ड बना डाला। इसके बाद इंडिया कैंप में चयन हुआ। फिर एक से डेढ़ लाख रुपये तक की जेवलिन से अभ्यास का मौका मिला और पोलैंड में अंडर-20 वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जेवलिन थ्रो में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर इतिहास रच दिया।
नीरज ने इस तरह से रचा इतिहास
नीरज चोपड़ा ने कॉमनवेल्थ गेम्स की भाला फेंक स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर पहले भारतीय बन गए। उन्होंने फाइनल में सत्र का सर्वश्रेष्ठ 86.47 मीटर का थ्रो फेंका। जूनियर विश्व चैंपियन 20 साल के नीरज ने शुक्रवार को पहले ही थ्रो में क्वॉलिफाइंग आंकड़े को छूकर फाइनल में जगह बनाई थी। पिछले महीने पटियाला में फेडरेशन कप राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में 85.94 मीटर का थ्रो फेंककर उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था। नीरज के लिए यह खास मौका इसलिए था कि ओलिंपिक और वर्ल्ड सिल्वर मेडलिस्ट कीनिया के जूलियस येगो फाइनल के लिए क्वॉलिफाइ नहीं कर सके थे। वहीं 2012 ओलिंपिक चैंपियन और रियो खेलों के ब्रॉन्ज मेडल विजेता केशोर्न वॉलकॉट ने इन खेलों में भाग नहीं लिया। नीरज के उपलब्धि के लिए उन्हें सोशल मीडिया पर कई बधाईयां मिल रही हैं। उन्हें भारत का हीरो और सुपर मैन जैसी संज्ञायें दी जा रही हैं।
नीरज ने वर्ल्ड जूनियर चैम्पियनशिप में बनाया था रिकॉर्ड
नीरज हरियाणा के पानीपत में खांडवा गांव के रहने वाले हैं। इससे पहले नीरज अंडर 20 चैम्पियनशिप में विश्व रिकॉर्ड भी बना चुके हैं। उन्होंने 23 जुलाई, 2016 को बिडगोस्च (पोलैंड) वर्ल्ड अंडर-20 चैम्पियनशिप में 86.48 मीटर का स्कोर किया था। तब वह 18 साल 212 दिन के थे। नीरज ने 2017 में भुवनेश्वर में हुई एशियन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में जेवलिन थ्रो में गोल्ड जीता था। वह 2016 गुवाहाटी/शिलांग में हुए साउथ एशियन गेम्स में भी जेवलिन थ्रो में गोल्ड जीतने में सफल रहे थे। हालांकि रियो ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने में सफल नहीं हुए थे। अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद किसी विश्व चैम्पियनशिप स्तर पर एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक को जीतने वाले वह दूसरे भारतीय हैं। नीरज के उपलब्धि के लिए उन्हें सोशल मीडिया पर कई बधाईयां मिल रही हैं। उन्हें भारत का हीरो और सुपर मैन जैसी संज्ञायें दी जा रही हैं।
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