मुंबई बना IPL 2019 का शहंशाह, पढ़िए किन वजहों से हारी धोनी की टीम
डेढ़ महीने तक दर्शकों का मनोरंजन करने वाले आईपीएल का रविवार को धमाकेदार समापन हो गया। फाइनल मैच में रोहित शर्मा की टीम मुंबई इंडियंस ने महेन्द्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नै सुपर किंग्स को 1 रन से मात दे दी। इसी के साथ उद्योगपति मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली टीम मुंबई इंडियंस ने चौथी बार आईपीएल की ट्रॉफी अपने नाम कर ली है। दोनों टीमें चौथी बार फाइनल में पहुंची थीं।
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मुंबई ने की खराब शुरुआत
दर्शकों को आईपीएल फाइनल में सांस रोक देने वाला रोमांच देखने को मिला। मैच आखिरी में इतना रोमांचक बन गया था कि जिसका किसी को अंदाजा नहीं था। हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम में हुए मैच में मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया।
कप्तान रोहित और क्विंटन डिकॉक सलामी बल्लेबाज के रूप में क्रीज पर उतरे थे। क्विंटन ने 17 गेंदों पर 29 रनों की पारी खेली। टीम का स्कोर 45 पर पहुंचा था, तभी क्विंटन 29 रनों के स्कोर पर शार्दुल ठाकुर के शिकार बने। उन्हें विकेट के पीछे धोनी ने लपका। टीम अभी संभल भी नहीं पाई थी कि कप्तान रोहित शर्मा भी 15 रन के स्कोर पर दीपक चाहर के शिकार बने। 45 रन के स्कोर पर ही मुंबई के 02 विकेट गिर चुके थे। चेन्नै की टीम ने जश्न मनाना शुरू कर दिया था।
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पोलार्ड ने 149 रन तक पहुंचाया
इसके बाद बल्लेबाजी के लिए आए सूर्यकुमार यादव और ईशान किशन ने टीम को संभाला। दोनों ने धीमा खेल का प्रदर्शन करते हुए टीम के स्कोर को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया। टीम का स्कोर 82 पर पहुंचा था तभी गेंदबाज इमराम ताहिर ने सूर्यकुमार को बोल्ड कर सनसनी मचा दी। इसके बाद क्रुणाल पंड्या भी केवल 7 रन बना सके और शार्दुल का शिकार हुए।
अब मुंबई का स्कोर 89 रन पर 04 विकेट हो गया था। टीम के विकेट नियमित अंतराल पर गिर रहे थे। इसके बाद बल्लेबाजी के लिए आए कीरोन पोलार्ड ने 25 गेंदों पर 41 रनों की पारी खेलकर मुंबई की टीम को नया जीवनदान दे दिया। पोलार्ड ने अपनी पारी के दौरान 03 चौके और 03 छक्के लगाए। टीम किसी तरह 08 विकेट के नुकसान पर 149 रन बना सकी।
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भज्जी की शार्दुल को भेजना हार का कारण
फाइनल मैच में जीत के लिए 150 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी चेन्नै की टीम के बल्लेबाजों ने शानदार शुरुआत दी। सलामी बल्लेबाज फाफ डुप्लेसिस ने 13 गेंदों पर 26 रनों की पारी खेली। इसके बाद वह क्रुणाल पंड्या की एक गेंद का शिकार बन गए। उनके जाने के बाद एक छोर से शेन वॉटसन ने टीम को संभाले रखा। लेकिन बाकी के बल्लेबाजों में कोई भी क्रीज पर रुक नहीं सका। नियमित अंतराल पर टीम के खिलाड़ी आउट होते रहे। केवल शेन वॉटसन ने 80 रनों की बड़ी पारी खेली।
जब टीम का स्कोर 146 रन था और जीत के लिए केवल 4 रनों की दरकार थी, तभी वॉटसन रन आउट हो गए। इसके बाद कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने सभी को चौंकाते हुए शार्दुल ठाकुर को बल्लेबाजी के लिए भेजा। तब टीम को जीत के लिए 02 गेंदों पर 04 रनों की जरूरत थी। शार्दुल आशा के अनुरूप खेल का प्रदर्शन नहीं कर सके। मैच की आखिरी गेंद पर 02 रनों की दरकार थी, लेकिन शार्दुल रन आउट हो गए।
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