
भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने अपनी लंबी चोट, सर्जरी और कठिन रिहैबिलिटेशन के बाद क्रिकेट में वापसी को “चलना सीखते बच्चे जैसा” बताया है। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भारत की तेज गेंदबाजी की अगुवाई कर रहे शमी ने icc.tv को दिए इंटरव्यू में अपने संघर्ष की दास्तान साझा की।
14 महीने का लंबा संघर्ष
शमी, जो 2023 वर्ल्ड कप में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे, 2024 में टखने की चोट के चलते क्रिकेट से दूर हो गए थे। मार्च 2024 में सर्जरी के बाद उन्हें घुटने की समस्या ने और परेशान किया, जिससे उनकी वापसी में और देरी हुई।
शमी ने कहा, “मैं हमेशा सोचता था कि मैं मैदान पर फिर कब दौड़ पाऊंगा। जो खिलाड़ी हमेशा भागता रहता था, वह बैसाखियों के सहारे था। दो महीने तक मुझे बार-बार यही डर सताता रहा कि क्या मैं फिर से बिना लंगड़ाए चल पाऊंगा? क्या मैं फिर से क्रिकेट खेल पाऊंगा?”
डॉक्टर का जवाब और नया सफर
सर्जरी के बाद शमी ने डॉक्टर से पूछा था, “मैं कब वापस मैदान पर आऊंगा?” इस पर डॉक्टर ने कहा, “पहले चलना सीखो, फिर दौड़ना और फिर क्रिकेट के बारे में सोचो।”
शमी ने आगे कहा, “जब 60 दिनों के बाद पहली बार मुझे अपने पैरों पर खड़ा होने को कहा गया, तो मैं बेहद डरा हुआ था। ऐसा लगा जैसे मैं पहली बार चलना सीख रहा हूं।”
घरेलू क्रिकेट से वापसी और नया जोश
लंबे संघर्ष के बाद शमी ने बंगाल की घरेलू टीम के लिए वापसी की और इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू वनडे सीरीज में अपने प्रदर्शन से चैंपियंस ट्रॉफी के लिए फिटनेस साबित की। अब जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में वह भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई कर रहे हैं।
देश के लिए खेलने की प्रेरणा
शमी ने कहा, “मेरी छाती पर भारत का बैज पहनने की इच्छा ने मुझे आगे बढ़ने की ताकत दी। दर्द सहा, धैर्य रखा और एक-एक कदम बिना किसी शिकायत के आगे बढ़ता गया। मेरा सपना हमेशा देश की सेवा करना रहा है, क्योंकि एक बार जब आप खेल छोड़ते हैं, तो आप बस एक आम इंसान बन जाते हैं।”
आज, चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में, शमी न केवल अपने करियर को फिर से ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार हैं, बल्कि भारत को एक और खिताब दिलाने के सपने के साथ मैदान में उतर रहे हैं।