ये है भारत की पहली मिस वर्ल्ड बॉडी बिल्डिंग चैम्पियन भूमिका की कहानी...

खेल के मामले में भारत बीते कुछ सालों से दुनिया में अपनी धाक तेजी से बढ़ा रहा है। ऐसी एक उपलब्धि के बारे में हम आपको आज बताने जा रहे हैं। भारत की भूमिका शर्मा ने मिस वर्ल्ड बॉडी बिल्डिंग चैम्पियनशिप का खिताब अपने नाम कर लिया, वो ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला हैं।
अब भूमिका के बारे में
मूलत: देहरादून की रहने वाली 21 साल की भूमिका शर्मा ने मिस वर्ल्ड बॉडी बिल्डिंग चैम्पियनशिप का खिताब 17-18 जून को इटली के वेनिस शहर में हुए प्रतियोगिता में जीता। वहां पर भूमिका ने वर्ल्ड अमेच्यर बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन के तहत ऑर्गनाइज इंटरनेशल चैम्पियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता।
केवल पुरुषों का काम नहीं है बॉडीबिल्डिंग
भूमिका ने यह साबित कर दिया कि बॉडीबिल्डिंग केवल पुरुषों का ही काम नहीं है बल्कि महिलाएं भी इसमें अपना बेहतरीन प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन कर सकती हैं। भूमिका ने इस प्रतियोगिता में तीन कैटेगरी में सबसे ज्यादा प्वाइंट बनाए, जिनमें इंडिविज्यल पोसिंग, बॉडी पोसिंग और फॉल शामिल थे।
सेकंड ईयर की स्टूडेंट हैं भूमिका
भूमिका शर्मा देहरादून के ही एक प्राइवेट कॉलेज में सेकंड ईयर की स्टूडेंट हैं। उनकी मां हंसा मनराल इंडियन वुमन वेटलिफ्टिंग टीम की चीफ कोच हैं। उन्होंने बताया कि मेरी बॉडी में काफी फैट था। एक वक्त ऐसा भी था, जब लोग मेरा मजाक उड़ाते थे, लेकिन मैंने जब खुद पर मेहनत कर बॉडी को टोन्ड कर लिया तो लोगों ने ऐसा करना बंद कर दिया।
हताशा के दौर से भी गुजर चुकी हैं भूमिका
बॉडीबिल्डिंग को हमेशा से मेल डॉमिनेट फील्ड माना जाता रहा। लेडी बॉडी बिल्डर्स में इसे लेकर काफी नेगेटिविटी है। एक वक्त मैं भी काफी हताशा के दौर से गुजर चुकी हूं। अपनी इस जीत पर खुशी जताते हुए भूमिका ने कहा कि भारतीय बॉडीबिल्डिंग स्क्वॉड मे टोटल 27 में सदस्य थे जिनमें केवल वही एक महिला बॉडीबिल्डर थीं। मैंने तीनों राउंड में अच्छे प्वाइंट बनाए और खिताब अपने नाम दर्ज कर देश को गौरवान्वित किया है।
इस प्रतियोगिता में दुनिया की करीब 50 महिला प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। भूमिका का बॉडीबिल्डिंग के लिए कितना जुनून है इसकी जानकारी उनके कोच ने दी। कोच ने बताया कि भूमिका के परिजन चाहते थे कि वह अपना करियर शूटिंग में बनाए। भूमिका अपने माता-पिता की अकेली संतान है। इसलिए अपने माता-पिता को बॉडीबिल्डिंग में अपना करियर बनाने के लिए राजी करना उनके लिए बहुत ही मुश्किल था।
अपने ट्रेनर से मिली प्रेरणा
कभी प्रोफेशनल शूटर बनने का सोचने वाली भूमिका ने एक जिम में ट्रेनर द्वारा दिखाए वर्कआउट के वीडियो को देखने के बाद बॉडीबिल्डिंग करने का फैसला किया। उनके मुताबिक एक दिन में जिम में थी, उसी दौरान मेरे ट्रेनर ने मुझे लेडी बॉडी बिल्डर्स के वर्कआउट के वीडियो दिखाए। मैंने उससे पहले कभी भी किसी महिला की पुरुष जैसी बॉडी नहीं देखी थी। उसके बाद ही मुझे इस बात का पता लगा कि यही वो चीज है, जिसे मैं करना चाहती हूं।
भूमिका द्वारा काफी मनाने के बाद उनके परिजनों को बॉडीबिल्डिंग के लिए उसका जुनून दिखाई दिया और उन्होंने उसे इसमें अपना करियर बनाने की इजाजत दे दी। भूमिका ने इतनी मेहनती है कि उसे बॉडीबिल्डिंग करने के अलावा कुछ और दिखाई नहीं देता है। भूमिका जिम में करीब सात घंटे बिताती हैं तो वहीं इसके अलावा भूमिका की माता हंसा मनराल शर्मा समय-समय पर उन्हें बॉडीबिल्डिंग को लेकर सलाह देती रहती हैं क्योंकि हंसा भारतीय महिला वेटलिफ्टिंग की हेड कोच हैं। इस खिताब के जीतने के बाद भूमिका का आत्मविश्वास और बढ़ गया है और अब वह चाहती हैं कि मिस यूनिवर्स बॉडीबिल्डिंग का खिताब जीतें।
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