ओलंपिक से आई अच्छी खबर, योगेश्वर का कांसा बदल कर हुई चांदी

हाल ही में समाप्त हुए रियो ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। भारत 125 करोड़ की जनसंख्या वाले देश को सिर्फ 2 मेडल से संतोष करना पड़ा। इसी बीच एक अच्छी खबर ओलंपिक से जुड़ी आई। हालांकि इसका संबंध लंदन में 2012 में हुए ओलंपिक से है। लंदन ओलंपिक में भारत की तरफ से 60 किलो भारवर्ग में कांस्य पदक जीतने वाले योगेश्वर दत्त सहित पूरे भारत को इस खबर ने चौंका दिया।
मेडल कुडुखोक के परिवार के पास ही रहे
दरअसल भारतीय पहलवान योगेश्वर दत्त का लंदन ओलंपिक में जीता कांस्य पदक रजत में बदल गया, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उनको हराने वाले और इस मुकाबले में दूसरे स्थान पर रहे रूस के दिवंगत बेसिक कुडुखोक को डोप टेस्ट में नाकाम रहने के कारण पदक गंवाना पड़ा । हालांकि योगेश्वर दत्त ने यह मेडल लेने से इनकार करते हुए कहा है कि यह मेडल दिवंगत बेसिक कुडुखोक के परिवार के पास ही रहने दिया जाय।
यह पदक देशवासियों को समर्पित
इस खुशखबरी को योगेश्वर ने ट्वीट किया ,‘मुझे आज सुबह ही पता चला कि मेरा ओलंपिक पदक अब रजत में बदल गया है । मैं यह पदक देशवासियों को समर्पित करता हूं ।’ रूसी एजेंसी फ्लोरेसलिंग डाट ओआरजी के मुताबिक चार बार के विश्व चैम्पियन और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता कुडुखोव को विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी द्वारा कराये गए डोप टेस्ट में पाजीटिव पाया गया है । कुडुखोव की 2013 में रूस में एक कार दुर्घटना में मौत हो गई थी। योगेश्वर ने लंदन ओलंपिक 2012 में पुरुषों के 60 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग में कांस्य पदक जीता था ।
रियो ओलंपिक में पुरूषों के 65 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग में पहले दौर में ही बाहर हुए योगेश्वर लंदन में कुडुखोव से प्री क्वार्टर फाइनल में हार गए थे लेकिन रूसी पहलवान के फाइनल में पहुंचने के बाद उन्हें रेपेचेज खेलने का मौका मिला जिसमें उन्होंने कांस्य पदक जीता था ।
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