ऑस्ट्रेलियाई अंडर-16 टीम में शामिल हुआ भारतीय मूल का मिस्ट्री गेंदबाज

शेन वॉर्न की विदाई के बाद से ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को लंबे समय से स्पिनर की तलाश है। ऐसे में उनकी तलाश भारतीय मूल के एक मिस्ट्री गेंदबाज पर आकर रुकी है। जो दोनों हाथों से गेंदबाजी कर सकते हैं।
15 वर्षीय निवेतन राधाकृष्णन को आगामी सीजन के लिए ऑस्ट्रेलिया की अंडर-16 टीम में शामिल किया गया है। 10वीं कक्षा में पढ़ रहे निवेतन नेशनल चैंपियनशिप में ऑस्ट्रेलिया अंडर-16 टीम का हिस्सा होंगे और उनका सामना ऑस्ट्रेलिया अंडर-17 से होगा। वह इसके बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के प्लान के तहत दुबई भी जाएंगे।
निवेतन दाहिने हाथ से तेज गेंदबाजी के अलावा, ऑफ स्पिन गेंदबाजी करते हैं। जबकि बाएं हाथ से वो एक चाईनामैन गेंदबाज हैं। इसके साथ ही बल्लेबाजी में वो एक आरंभिक बल्लेबाज हैं। निवेतन को क्रिकेट विरासत में मिला है उनके पिता अंबु सेलवन तमिलनाडू की ओर अंडर 25 क्रिकेट खेल चुके हैं।
वर्ष 2011 में जब वो आठ साल के थे तब उन्हें चेन्नई के वंडर ब्वॉय के रूप में पहचान मिली थी। उन्होंने तमिलनाडू क्रिकेट के फोर्थ डिवीजन की लीग में हैट्रिक लेकर सनसनी मचा दी थी। लेकिन इसके बाद साल 2012 में उनके पिता व्यक्तिगत कारणों से परिवार सहित ऑस्ट्रेलिया चले आए। इसके बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट खेलनी शुरू की। न्यू साउथ वेल्स के लिए खेलते हुए उन्होंने लगातार रन बनाकर और विकेट हासिल कर ग्रेग चैपल, स्टीव वॉ और मार्क वॉ जैसे दिग्गजों को प्रभावित किया। इसके बाद वो न्यू साउथ वेल्स की जूनियर क्रिकेट का नियमित हिस्सा बन गए।

दोनों हाथों से गेंदबाजी से टीम को मिलता है संतुलन
ऑस्ट्रेलियाई टीम में चयन होने के बाद उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि 'यह मेरे लिए किसी सपने के सच होने जैसा है। मैं भविष्य में मौकों की तलाश में रहूंगा और उनमें अच्छा प्रदर्शन करना मेरी कोशिश रहेगी। पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज रेयान हैरिस अंडर-16 टीम के कोच थे। ग्रेग चैपल चूंकि टीम का संचालन कर रहे हैं, मुझे लगता है कि जल्द ही कोई स्टार क्रिकेटर टीम का कोच बनेगा। मैं इसे लेकर काफी उत्साहित हूं।' दोनों हाथों से गेंदबाजी करने की खूबी के फायदे बताते हुए निवेतन ने कहा, मैं दोंनों हाथों से गेंदबाजी कर सकता हूं, इससे मेरे क्लब को इससे काफी फायदा होता है। मेरी इस खूबी से टीम में एक हद तक संतुलन भी आता है।'
तमिलनाडु प्रीमियर लीग में खेल चुके हैं
इस युवा खिलाड़ी को ऑस्ट्रेलिया का क्रिकेट कल्चर भारत से काफी अलग नजर आता है। तमिलनाडु प्रीमियर लीग के पिछले सीजन में खेलने वाले निवेतन ने कहा, 'भारत और यहां के क्रिकेट में काफी फर्क है। ऑस्ट्रेलिया में मेरी उम्र के लड़के नि:संदेह भारत के लड़कों से ज्यादा मजबूत हैं। हालांकि अगर रणनीतिक रूप से भारतीय आगे होते हैं। भारत में अकैडमी स्तर के मैचों में कोच कप्तान को फील्ड प्लेसमेंट को लेकर सलाह देते हैं। हालांकि ऑस्ट्रेलिया में ऐसा नहीं होता। मैच के दौरान कोच दखल नहीं देते। वे केवल ब्रेक्स के दौरान बात करते हैं।'
गैरी सोबर्स हैं उनके आदर्श
आज के दौर में जब युवा खिलाड़ी विराट कोहली और एबी डिविलियर्स जैसा बनना चाहते हैं, निवेतन वेस्टइंडीज के पूर्व महान ऑलराउंडर सर गैरी सोबर्स को अपना आदर्श मानते हैं। सोबर्स खुद भी पेस और स्पिन दोनों तरह की गेंदबाजी कर सकते थे। निवेतन इसे बारे में कहते हैं कि 'मुझे सचिन की तकनीक, कोहली की आक्रमकता, स्टीव स्मिथ का गेम प्लान, शाकिब-अल-हसन की आर्म बॉल और नेथन लॉयन की ऑफ स्पिन पसंद है। लेकिन मैं सर गैरी जैसा बनना चाहता हूं। मैं इच्छा उनके जैसा संपूर्ण ऑलराउंडर बनने की है।'
नाथन लॉयन ने दी अहम सलाह
निवेतन को हालांकि उनके पिता अंबु कोचिंग देते हैं लेकिन पिछले साल न्यू साउथ वेल्स अकादमी में बतौर सलाहकार आए नाथन लॉयन की सलाह से काफी फायदा मिला। उन्होंने निवेतन को काफी तकनीकी सलाह दी। उन्होंने कहा, 'मैंने आज तक केवल एक शीर्ष ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर से बात की है और वह हैं लॉयन। उनकी टिप्स ने मुझे बेहतर गेंदबाज बनने में मदद की। उन्होंने मुझे ऐक्शन बदलने की सलाह दी। ऐसा करने का मुझे फायदा मिला। सपाट विकेटों पर भी अब मेरी गेंदें अधिक टर्न होती हैं।'
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