पेरिस ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीत लिया है। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक 2020 में भी भारत ने कांस्य पदक पर कब्जा जमाया था। पेरिस ओलंपिक में यह भारत का चौथा कांस्य पदक है। भारत के लिए कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने दो गोल किए और भारत को स्पेन के खिलाफ बढ़त दिलाई जो अंत में निर्णायक साबित हुई। वहीं, भारत के अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश का यह आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला था। टीम ने इस दिग्गज खिलाड़ी को शानदार विदाई दी है। भारतीय हॉकी टीम की दीवार कहे जाने वाले श्रीजेश टोक्यो और पेरिस ओलंपिक में पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा हैं। इस तरह भारत ने ओलंपिक में हॉकी स्पर्धा में अपना 13वां पदक जीता।
भारत और स्पेन के बीच पहला क्वार्टर गोल रहित बराबरी पर रहा। इसके बाद दूसरे क्वार्टर में स्पेन ने गोल कर बढ़त हासिल कर ली। हालांकि, दूसरा क्वार्टर खत्म होने से कुछ समय पहले ही हरमनप्रीत सिंह ने गोल कर भारत को बराबरी दिलाई। दोनों टीमों के बीच हॉफ टाइम तक मुकाबला 2-2 की बराबरी पर चल रहा था। इसके बाद तीसरे क्वार्टर में हरमनप्रीत सिंह ने भारत को बढ़त दिलाई। चौथे क्वार्टर में दोनों टीमों ने गोल करने की काफी कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए। हरमनप्रीत ने जहां भारत को बढ़त दिलाई वहीं श्रीजेश ने गोल पोस्ट पर शानदार बचाव कर स्पेन को बराबरी करने से रोके रखा। 1968 और 1972 के बाद यह पहली बार है जब भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने लगातार दो ओलंपिक में पदक अपने नाम किया है।
कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने संभाला मोर्चा
अमृतसर जिले के तिम्मोवाल गांव के 28 वर्षीय ड्रैग फ्लिकर, कप्तान हरमनप्रीत ने पूरे ओलंपिक में मोर्चा संभाले रखा। उन्होंने सभी आठ मैच में गोल दागे। भारत के लिए दोनों गोल हरमनप्रीत सिंह ने तीन मिनट के भीतर पेनाल्टी कॉर्नर पर दागे। उन्होंने पहले 30वें मिनट में गोल कर टीम को बराबरी दिलाई। उसके बाद 33वें मिनट गोल कर उसे 2-1 से आगे कर दिया। टीम की यह बढ़त निर्णायक साबित हुई। स्पेन को मार्क मिरालेस ने 18वें मिनट में ही गोल कर बढ़त दिला दी थी। पूरे टूर्नामेंट में हरमनप्रीत ने 11 गोल दागे।
भारत की इस शानदार जीत पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम नेताओं और हस्तियों ने भारतीय हॉकी टीम को बधाई दी।
पीएम मोदी ने कहा, “एक ऐसी उपलब्धि जिसे आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी। भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता। यह और भी खास है क्योंकि यह ओलंपिक में लगातार दूसरा मेडल है। उनकी सफलता, कौशल, दृढ़ता और टीम भावना की जीत है।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर हमारी हॉकी टीम को हार्दिक बधाई। इस टीम द्वारा दिखाई गई निरंतरता, कौशल, एकजुटता हमारे युवाओं को प्रेरित करेगी।”
श्रीजेश की विजयश्री के साथ यादगार बिदाई
पीआर श्रीजेश ने पेरिस में अपने अंतिम मैच में चमत्कारिक प्रदर्शन कर लगातार दूसरा कांस्य दिला, तिरंगा फहराकर 18 साल के करियर का अंत किया। अंतिम क्षणों में स्पेन ने चार पेनाल्टी कॉर्नर हासिल कर दबाव बनाया पर श्रीजेश ने उनके हर वार को नाकाम कर दिया। अंतिम सीटी बजने के बाद श्रीजेश ने गोलपोस्ट के सामने लेटकर प्रणाम किया, साथी खिलाड़ी जीत के जश्न में उनके ऊपर लेट गए। अत्यधिक उत्साह से भरे हुए हरमनप्रीत, श्रीजेश को कंधे पर बिठाकर मैदान का चक्कर लगाने लगे। ओलंपिक पदक के साथ विदा लेने वाले श्रीजेश जीत के बाद गोलपोस्ट के ऊपर बैठे तो अपने जज्बात पर काबू नहीं कर पाए। टीवी के सामने नजरें गड़ाए बैठे करोड़ों भारतीयों की भी आंखे नम हो गईं।
श्रीजेश का उनके प्रशंसकों को प्यार भरा संदेश
श्रीजेश के संन्यास के फैसले पर उनके प्रशंसक उनसे वापसी की मांग कर रहे थे। जिसपर श्रीजेश ने कहा, “यह विदा लेने का सही समय है। मुझे लगता है कि ओलंपिक खेलों से विदा लेने का यह सही तरीका है, एक पदक के साथ। हम खाली हाथ घर नहीं जा रहे जो बड़ी बात है। मैं लोगों की भावनाओं का सम्मान करता हूं लेकिन कुछ फैसले कठिन होते हैं। सही समय पर फैसला लेने से हालात खूबसूरत हो जाते हैं। इसलिए मेरा फैसला नहीं बदलेगा। टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है और इस मैच को इतना यादगार बना दिया। टोक्यो में मिले पदक की मेरे दिल में खास जगह है। इससे हमें आत्मविश्वास मिला कि हम ओलंपिक में पदक जीत सकते हैं।”