भारतीय टीम तीन साल पहले रचे गए गाबा टेस्ट के इतिहास को मेल्बर्न में नहीं दोहरा पाई। जीत तो दूर की बात है भारतीय टीम बॉक्सिंग डे टेस्ट के अंतिम दिन ड्रा के लिए भी संघर्ष करती नहीं दिखी और आस्ट्रेलिया के हाथों 184 रन से चौथा टेस्ट गंवा बैठी। इस हार के साथ सीरीज में 1-2 से पिछड़ी भारतीय टीम का आस्ट्रेलिया में लगातार तीसरी सीरीज जीतने का सपना टूट गया। साथ ही उसके विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुँचने की राह प्रदर्शन और भाग्य दोनों पर निर्भर हो गई है। रोहित शर्मा (09) और विराट कोहली (05) एक बार फिर नाकाम रहे। दोनों की एक और असफलता ने उनके सन्यास की आवाजों को और बुलंद कर दिया है। भारत का स्कोर एक समय 3 विकेट पर 121 रन था। उसे टेस्ट ड्रा करने के लिए लगभग 34 ओवर खेलने थे। टीम संघर्ष करने के बजाय चायकाल के बाद 34 रन के अंदर 7 विकेट खोकर 155 रन पर सिमटते हुए टेस्ट हार गई।
बूमराह ने 13वीं बार लिए पांच विकेट
बूमराह ने लियोन (41) को आउट कर आस्ट्रेलियाई पारी 234 पर समेट दी। बूमराह ने पांच विकेट लिए। उन्होने सीरीज में दूसरी और टेस्ट में 13वीं बार पांच विकेट झटके।
पंत के गैर जरूरी शॉट ने बिगाड़ा काम
रोहित ने पहले घंटे में सिर्फ नौ रन बनाए। उनका कमीन्स की गेंद पर मर्श ने कैच लिया। रोहित इस सीरीज की पांच पारियों में 6.2 की औसत से सिर्फ 31 रन बना पाए। उन्होने 3,6,10,3,9 की परिया खेली। विराट भी मौके पर नहीं चले। वह पांच रन बनाकर स्लिप पर कैच दे बैठे। टीम की हार का सबसे बड़ा कारण इन दोनों का नहीं चलना रहा। 33 रन पर तीन विकेट खोने के बाद यशस्वी-पंत ने 197 गेंद में 88 रन की साझेदारी की। दोनों के रहते टेस्ट ड्रा की ओर जाता दिख रहा था लेकिन पंत (30) हेड की गेंद पर गैर जरूरी शॉट लगाकर आउट हो गए।
हार के कारण
1 रोहित शर्मा का राहुल के स्थान पर ओपनिंग करने का फैसला नाकाम रहा।
2 रोहित-विराट ने ज़िम्मेदारी नहीं उठाई। जरूरत पर दोनों खरे नहीं उतरे।
3 ऋषभ पंत ने टेस्ट की दोनों पारियों में गैरजिम्मेदाराना स्ट्रोक खेलकर विकेट गंवाए। पहली परी में उनके आउट पर गावस्कर बुरी तरह भड़के भी।
4 पर्थ टेस्ट के बाद से बल्लेबाजी क्रम में लगातार प्रयोग टीम को नहीं फला।