HBD Mohammed Kaif: कैफ की वजह से ही गांगुली ने हवा में लहराई थी जर्सी
पूर्व भारतीय दिग्गज बल्लेबाज मोहम्मद कैफ आज अपना 38वां जन्मदिन मना रहे हैं। मोहम्मद कैफ का जन्म 1 दिसंबर 1980 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। इसी वर्ष जुलाई में कैफ ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया और अब वह क्रिकेट एक्सपर्ट और कॉमेंट्री में अपनी नई पारी खेल रहे हैं। कैफ की इमेज भारतीय टीम में जबरदस्त फील्डिंग के लिए जानी जाती थी। इसके अलावा वह मिडल ऑर्डर के शानदार बल्लेबाज थे। कैफ करीब 12 साल पहले भारतीय टीम के लिए आखिरी मैच खेले थे। वर्ष 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल में कैफ ने जीत दिलाई थी तभी कप्तान गांगुली ने जर्सी हवा में लहराई थी।
करियर
मोहम्मद कैफ ने अपने क्रिकेट करियर की शुरूआत 1997 से शुरू की थी। वर्ष 2000 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट से अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी। कैफ ने 28 जनवरी 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला अंतरराष्ट्रीय वनडे मैच खेल था। जबकि उन्होंने अंतिम वनडे मैच 29 नवंबर 2006 को साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेला था। मोहम्मद कैफ 125 इंटरनेशनल वनडे मैचों में 2 शतक और 17 अर्द्धशतक की मदद से 2753 रन बनाए। जिसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 111 रन रहा है। कैफ ने 13 टेस्ट मैचों में 32 की औसत से 2753 रन बनाए। कैफ हिंदी क्रिकेट कमेंटेटर के रूप में कॅरिअर की दूसरी पारी शुरू कर चुके हैं। मोहम्मद कैफ ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर के 13 टेस्ट मैच में एक शतक और 3 अर्द्धशतक की मदद से 624 रन बनाए। जिसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 148 रन रहा है।
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राजनीति में भी रखा कदम
मोहम्मद कैफ राजनीति में भी हाथ आजमा चुके हैं, 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कैफ को उम्मीदवार बनाया था। हालांकि कैफ मौजूदा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से हार गए थे। साल 2011 में मोहम्मद कैफ ने जर्नलिस्ट पूजा यादव से शादी की। दोनों की मुलाकात एक फ्रेंड के जरिए हुई थी। चार साल की डेटिंग के बाद कैफ और पूजा शादी के बंधन में बंध गए।

करियर की सबसे शानदार पारी
मोहम्मद कैफ की सबसे शानदार पारी 2002 में लॉर्ड्स के मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल में देखने को मिली, जब उन्होंने टीम इंडिया को खिताबी जीत दिलाई थी। लॉर्ड्स के मैदान पर खेली गई यह पारी खुद मोहम्मद कैफ की भी सबसे बेहतरीन पारी है। 13 जुलाई 2002 को भारत नेटवेस्ट ट्रोफी का फाइनल मैच खेल रहा था और मेजबान इंग्लैंड ने उसे 326 रन चुनौती दी थी। सहवाग और गांगुली की जोड़ी ने उम्दा शुरुआत दी और ओपनिंग विकेट के लिए शतकीय साझेदारी कर दी। लेकिन जैसे ही कप्तान गांगुली (60) आउट हुए, तब टीम का स्कोर 106 रन था। इसके बाद देखते ही देखते भारत की आधी टीम अगले 40 रन के भीतर ही (146/5) पविलियन लौट गई। सौरभ गांगुली के बाद सहवाग (45), दिनेश मोंगिया (9), राहुल द्रविड़ (5) और सचिन तेंडुलकर (14) पविलियन लौट गए।

अब टीम इंडिया के पास केवल 2 बल्लेबाज शेष थे और उनके बाद भारत के खेमे में सिर्फ बोलर की सुरक्षित बचे थे। यहां से टीम इंडिया को 26 ओवर में 180 रन की दरकार थी। युवी और कैफ दोनों ही तब युवा खिलाड़ी थे और किसी को भी ऐसी उम्मीद नहीं थी कि भारत इस मैच को अपने नाम कर लेगा। लेकिन कैफ ने युवराज के साथ यहां से मिलकर मोर्चा संभाला और छठे विकेट के लिए 123 रन की साझेदारी की। 267 के स्कोर पर युवराज सिंह (69) आउट हो गए। भारत को यहां से अभी भी 52 बॉल में 59 रन की दरकार थी। कैफ उम्दा खेल खेलते रहे और उन्होंने हरभजन सिंह के साथ मिलकर भारत को टारगेट के करीब ला दिया। भज्जी जब आउट हुए तो भी भारत जीत से 12 रन दूर था और 15 बॉल का खेल बाकी था। इस बीच अनिल कुंबले बगैर खाता खोले पविलिय लौट गए। लेकिन कैफ ने हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने जहीर खान (4*) के साथ मिलकर भारत को 3 बॉल शेष रहते जीत दिला। 75 बॉल में 87* रन की पारी खेलने वाले कैफ ने 6 चौके और 2 छक्के जड़े। उन्हें इस मैच विनिंग नॉक के लिए मैन ऑफ द मैच का खिताब चुना गया।
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